भारत में सीमेंट की मांग में इस साल अच्छी बढ़त देखने को मिली है। पहले छह महीनों में इसमें हल्की वृद्धि हुई, लेकिन तीसरी तिमाही से इसमें सुधार आने लगा। चौथी तिमाही में भी यह तेजी जारी रही, जिसका कारण सरकार का ज्यादा खर्च और मानसून के बाद बढ़ी हुई निर्माण गतिविधियां हैं। जनवरी और फरवरी 2025 में सरकार के आंकड़ों के अनुसार, सीमेंट की मांग में दो अंकों की बढ़त हुई। इसका मुख्य कारण बुनियादी ढांचे से जुड़े बड़े प्रोजेक्ट और घर बनाने की योजनाएं रहीं। सीमेंट की मांग आमतौर पर चौथी और पहली तिमाही में ज्यादा रहती है क्योंकि इस समय मौसम अच्छा होता है और सरकार भी निर्माण कार्यों पर अधिक खर्च करती है।
रियल एस्टेट में बढ़ी मांग
ब्रोकरेज फर्म एक्सिस सिक्योरिटीज के मुताबिक, रियल एस्टेट सेक्टर में सीमेंट की खपत बढ़ी है। सरकार की प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत 3 करोड़ नए घर बनाए जाने हैं। इससे सीमेंट की मांग लगातार बनी रहेगी। कम आय वर्ग और मध्यम आय वर्ग के लिए ज्यादा घर बनाए जा रहे हैं, जिससे सीमेंट की जरूरत भी बढ़ रही है। इस कारण सीमेंट बनाने वाली कंपनियों को भी फायदा हो रहा है और उनकी बिक्री में बढ़ोतरी हो रही है।
गांवों में भी सीमेंट की मांग बढ़ रही है। सरकार ने खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में 5-10% की बढ़ोतरी की है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ी और वे घर व अन्य निर्माण कार्यों में ज्यादा खर्च कर रहे हैं। इसके अलावा, इस साल अच्छी बारिश होने से फसल भी बेहतर हुई है, जिससे ग्रामीण इलाकों में सीमेंट की खपत और बढ़ने की संभावना है।
FY25 में 4-6% की वृद्धि की उम्मीद
वित्त वर्ष 2025 में सीमेंट की मांग 4% से 6% बढ़ने का अनुमान है। सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर और निर्माण कार्यों को बढ़ावा दे रही है, जिससे यह वृद्धि बनी रह सकती है। इसके अलावा, अगले साल के बजट में भी निर्माण और बुनियादी ढांचे पर अधिक खर्च की उम्मीद है, जिससे वित्त वर्ष 2026 में भी सीमेंट की मांग और बढ़ सकती है।
सीमेंट कंपनियों के लिए यह तिमाही अच्छी रही है। उनके बिक्री वॉल्यूम में 10%, रेवेन्यू में 8% और मुनाफे (EBITDA) में 6% की बढ़त हुई है। हालांकि, सीमेंट की कीमतें स्थिर रहने और अन्य लागत बढ़ने के कारण कंपनियों का शुद्ध लाभ (PAT) 10% घटने की आशंका है।
सीमेंट की कीमतों में उतार-चढ़ाव
सीमेंट की कीमतों में पिछले कुछ महीनों में काफी बदलाव आया है। नवंबर 2023 से कंपनियां ज्यादा कंपटीशन के कारण कीमतें नहीं बढ़ा पा रही थीं। हालांकि, दिसंबर 2024 में कीमतों में कुछ बढ़ोतरी हुई, जो चौथी तिमाही तक बनी रही। चौथी तिमाही में सीमेंट की औसत कीमत 350 रुपये प्रति बैग रही। पूर्वी भारत में 10 रुपये, मध्य भारत में 5 रुपये, पश्चिम और उत्तर भारत में 4 रुपये प्रति बैग की बढ़ोतरी हुई। दक्षिण भारत में कीमतें घटीं, लेकिन अप्रैल 2025 में यहां 25-30 रुपये प्रति बैग तक की बढ़ोतरी होने की संभावना है।
सीमेंट बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाले ईंधन की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई है। पेट कोक (Pet Coke) की कीमतें 20% बढ़कर 120 डॉलर प्रति टन हो गई हैं, जबकि दक्षिण अफ्रीका से आयातित कोयले की कीमत 100 डॉलर प्रति टन है। सीमेंट कंपनियां ईंधन लागत में हुई इस बढ़ोतरी को संतुलित करने के लिए अगले तिमाही में सीमेंट की कीमतें 10 रुपये प्रति बैग तक बढ़ाने की योजना बना रही हैं।
मुनाफे में सुधार, लेकिन चुनौतियां बरकरार
ब्रोकरेज फर्म का कहना है कि चौथी तिमाही में सीमेंट कंपनियों का मुनाफा बढ़ा है। EBITDA प्रति टन 21% बढ़कर 1,005 रुपये प्रति टन हो गया है, लेकिन साल-दर-साल आधार पर यह 2% कम रहा। परिचालन लागत में 2% की गिरावट जरूर आई है, लेकिन कीमतें स्थिर रहने से कंपनियों की कुल मुनाफा दर प्रभावित हुई है।
आगे की संभावनाएं
सीमेंट उद्योग का भविष्य अच्छा दिख रहा है। इसके पीछे कई कारण हैं:
इन कंपनियों पर रखें नजर
ब्रोकरेज फर्म ने आने वाले समय में निवेश के लिहाज से UltraTech Cement, JK Cement, JK Lakshmi Cement और Star Cement को सबसे अच्छा विकल्प यानी टॉप पिक माना है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है। निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें।