जून 2021 के दौरान घरेलू म्युचुअल फंड (एमएफ) उद्योग के लिए प्रबंधन अधीन औसत परिसंपत्तियां (एएयूएम) तिमाही आधार पर 3.3 प्रतिशत बढ़कर 33.14 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं। कई परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों (एएमसी) ने अपनी परिसंपत्तियों में उद्योग के अनुरूप वृद्घि दर्ज की। हालांकि कई मझोली और छोअे आकार की एएमसी ने अपनी परिसंपत्तियों में बड़ा सुधार दर्ज किया। एसोसिएशन ऑफ म्युचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़े से पता चलता है कि क्वांट एमएफ, ट्रस्ट एमएफ, आईटीआई एमएफ, पीपीएफएएस एमएफ और पीजीआईएम इंडिया एमएफ जैसे फंड हाउस एएयूएम वृद्घि के संदर्भ में शानदार प्रदर्शक थे। क्वांट एमएफ की एएयूएम 127 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ीं। अन्य फंडों ने 24 से 38 प्रतिशत के दायरे में एयूएम वृद्घि दर्ज की।
पीजीआईएम इंडिया एमएफ के मुख्य कार्याधिकारी अजीत मेनन ने कहा, ‘हमारे घरेलू फंडों ने शानदार प्रदर्शन किया है जिसे देखते हुए हमारी ज्यादातर वृद्घि इक्विटी श्रेणी में हासिल हुई है। इसके अलावा, जहां तक पीजीआईएम एमएफ का सवाल है, हमारे अंतरराष्ट्रीय फंडों ने भी अच्छा प्रदर्शन किया है। छोटे फंड हाउस के तौर पर हमारे पास नई योजनाओं के साथ अंतर दूर करने का अवसर है। हाल में हमने एक बैलेंस्ड एडवांटेज फंड पेश किया जिसे निवेशकों से शानदार प्रतिक्रिया मिली है।’ एसबीआई एमएफ 5.23 लाख करोड़ रुपये की एएयूएम के साथ अपने नंबर वन स्थान पर काबिज है, जिसके बाद एचडीएफसी एमएफ और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल एमएफ का स्थान है। दूसरी तरफ, फ्रैंकलिन टेम्पलटन एमएफ ने अप्रैल-जून तिमाही में अपनी एएयचूएम में 27 प्रतिशत तक की कमजोरी दर्ज की। येस एमएफ, बीओआई अक्सा एमएफ और इंडियाबुल्स एमएफ जैसे अन्य फंड हाउसों ने भी अपनी एएयूएम में गिरावट दर्ज की।