विदेशी निवेशक लगतार भारत की ओर रुख कर रहे हैं। JP Morgan चेस ऐंड कंपनी की तरफ से भारत सरकार के बॉन्ड को इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने के ऐलान के बाद एनॉलिस्ट एक और बड़ी उम्मीद जता रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि जेपी मॉर्गन के इस फैसले के बाद भारत सरकार के बॉन्ड को ब्लूमबर्ग ग्लोबल एग्रीगेट इंडेक्स में शामिल करने की संभावना बढ़ गई है।
बता दें कि इंडेक्स प्रोवाइडर जेपी मॉर्गन 28 जून, 2024 से शुरू होने वाले JPMorgan Government Bond Index-Emerging Markets में भारतीय प्रतिभूतियों (Indian Securities) को शामिल कर लेगा।
IDFC First Bank के अर्थशास्त्री गौरा सेन गुप्ता ने कहा, ‘JP Morgan Emerging Market Bond Index में शामिल होने के बाद, भारत के ब्लूमबर्ग ग्लोबल एग्रीगेट इंडेक्स में शामिल होने की संभावना भी बढ़ गई है। अगर भारत को ब्लूमबर्ग ग्लोबल एग्रीगेट इंडेक्स में शामिल किया जाता है, तो इसकी वजह से भारत में 15 अरब से 20 अरब डॉलर तक का इनफ्लो बढ़ सकता है।
अगर तुलना की जाए तो ब्लूमबर्ग ग्लोबल एग्रीगेट इंडेक्स में कम वेटेज को देखते हुए, सेन गुप्ता को उम्मीद है कि अगर भारत को इसमें शामिल किया जाता है को इसका समावेशन एक स्लॉट में हो सकता है।
Kotak Mahindra AMC के मैनेजिंग डॉयरेक्टर ने कहा नीलेश शाह ने कहा, ‘बॉन्ड इंडेक्स में भारत को शामिल करना सही दिशा में एक कदम है। रूस के बाहर होने और चीन में परेशानियों के कारण, ग्लोबल डेट इन्वेस्टर्स के लिए ऑप्शन कम हो गए हैं। उम्मीद है, रेटिंग एजेंसियां निवेशकों के दृष्टिकोण का सम्मान करेंगी और अपनी मनमर्जी और खराब स्टैंडर्ड को छोड़ेंगी।’ उन्होंने कहा, ‘इस समावेशन से भारत में बॉन्ड मार्केट और मजबूत हो जाएगा।’
जेपी मॉर्गन ने कहा, जेपी मॉर्गन के उभरते बाजार बॉन्ड इंडेक्स में शामिल करने के अलावा, भारत को GBI-EM GD के समान रीबैलेंस टाइम फ्रेम के दौरान एशिया (ex- Japan) लोकल करेंसी बॉन्ड इंडेक्स (JADE ग्लोबल डायवर्सिफाइड) में जोड़ा जाएगा।
इस बीच, JADE Broad Diversified index के लिए जेपी मॉर्गन ने कहा कि 10 महीने की चरणबद्ध अवधि में जेएडीई ब्रॉड डायवर्सिफाइड इंडेक्स में 10 प्रतिशत से 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी।
सेन गुप्ता ने लिखा, ‘JP Morgan GBI-EM फैसिली के सूचकांकों पर नजर रखने वाले फंडों की मैनेजमेंट के तहत संपत्ति (AUM) 236 अरब डॉलर है। सूचकांक के शामिल होने के बाद 2024 से शुरू होने वाले फुली एक्सेसिबल रूट (FAR) जी-सेक में 23.6 अरब डॉलर का प्रवाह हो सकता है, और यह अप्रैल/मई 2025 तक पूरा हो जाएगा। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) की बकाया जी-सेक (G-sec) हिस्सेदारी अप्रैल/मई 2025 तक बढ़कर 3.4 प्रतिशत हो सकती है, जो सितंबर 2024 में 1.7 प्रतिशत थी।’
जेपी मॉर्गन इंडिया गवर्नमेंट फुली एक्सेसिबल रूट (FAR) बॉन्ड इंडेक्स एलिजिबल फिक्स्ड रेट, रुपये करेंसी वाले भारतीय सरकारी बॉन्ड के परफॉर्मेंस को ट्रैक करता है, जो FAR के तहत गैर-निवासियों (non-residents) के लिए निवेश के लिए एलिजिबल हैं।