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JPMorgan के उभरते बाजारों के बॉन्ड इंडेक्स में शामिल होगा भारत, अरबों का बढ़ेगा विदेशी निवेश

विदेशी निवेशक भारत को लेकर इसलिए उत्साहित नजर आ रहे हैं क्योंकि देश की आर्थिक वृद्धि कई प्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले आगे है।

Last Updated- September 22, 2023 | 1:52 PM IST
JPMorgan

जेपी मॉर्गन चेज ऐंड कंपनी (JPMorgan Chase & Co.) अपने बेंचमार्क इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में भारत के सरकारी बॉन्ड को शामिल करेगी। ब्लूमबर्ग ने कहा कि यह एक बड़ा  फैसला है और इसका भारतीय बाजार को कई दिनों से इंतजार था। इंडेक्स में जुड़ने के बाद देश के डेट मार्केट में अरबों का विदेशी प्रवाह बढ़ सकता है।

यह फैसला इंटरनैशनल इन्वेस्टर्स के लिए भारत की ओर बढ़ते रुख का नया संकेत है। विदेशी निवेशक भारत को लेकर इसलिए उत्साहित नजर आ रहे हैं क्योंकि देश की आर्थिक वृद्धि कई प्रतिस्पर्धी देशों के मुकाबले आगे है। भारत का भू-राजनीतिक (geopolitical) प्रभाव बढ़ रहा है और ऐप्पल इंक (Apple Inc.) सहित कई ग्लोबल कंपनियां चीन का विकल्प तलाश रही हैं यानी वे चीन के अलावा किसी और देश में जाना चाहती हैं। बता दें कि विदेशी भारतीय बॉन्ड मार्केट में एक छोटी भूमिका निभाते हैं और अगर देखा जाए तो हाल के वर्षों में आमद (inflows) बढ़ रही है।

इंडेक्स प्रोवाइडर 28 जून, 2024 से शुरू होने वाले JPMorgan Government Bond Index-Emerging Markets में भारतीय प्रतिभूतियों (Indian Securities) को जोड़ देगा।

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भारत को JPMorgan के बेंचमार्क इमर्जिंग मार्केट इंडेक्स में शामिल करने की क्या है वजह?

एक बयान में फर्म के इंडेक्स रिसर्च के ग्लोबल हेड ग्लोरिया किम के नेतृत्व वाली टीम ने कहा, ‘भारत सरकार द्वारा 2020 में FAR प्रोग्राम की शुरूआत और विदेशी पोर्टफोलियो निवेश में सहायता के लिए पर्याप्त बाजार सुधारों के बाद इंडेक्स को शामिल किया गया है।’ उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण में शामिल लगभग तीन-चौथाई बेंचमार्क इन्वेस्टर्स भारत को इंडेक्स में शामिल करने के पक्ष में थे।

देश की अर्थव्यवस्था मजबूत, चीनी बाजार छोड़ भारत का रुख कर रहे विदेशी निवेशक

ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के लिए यह एक बड़ी बात है और इंडेक्स में शामिल होना कई इमर्जिंग मार्केट्स, कम से कम पड़ोसी देश चीन के बिल्कुल विपरीत है, जिनके आर्थिक संकट और संघर्ष कर रहे फाइनैंशियल मार्केट ग्लोबल इन्वेस्टर्स को निराश कर रहे हैं।

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ब्लूमबर्ग द्वारा जुटाए गए आंकड़ों के मुताबिक, विदेशी निवेशकों ने इस साल भारत सरकार का 3.5 अरब डॉलर का डेट खरीदा है। HSBC Holdings Plc के हालिया नोट के अनुसार, वैश्विक निवेशकों को ज्यादा एक्सेस मिलने से 30 अरब डॉलर तक का प्रवाह बढ़ सकता है।

क्या है भारतीय इक्विटी मार्केट का हाल?

इक्विटी साइड की बात की जाए तो भारत उभरते बाजारों में टॉप लेवल पर है जहां विदेशी इन्वेस्टर्स निवेश करना चाहते हैं। इसका सबसे बड़ा कारण भारत की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था और ठोस कॉरपोरेट इनकम ने देश के इक्विटी बेंचमार्क को अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंचा दिया है। गोल्डमैन सैक्स ग्रुप इंक के विश्लेषकों ने इस महीने की शुरुआत में एक रिपोर्ट में लिखा था कि विकासशील बाजार के मनी मैनेजर अपने एशिया पोर्टफोलियो में भारत पर सबसे अधिक नजर रखते हैं।

अमेरिका की ब्याज दर, बढ़ती तेल की कीमतों ने बढ़ाई चिंता

जबकि तेल की बढ़ती कीमतों और लंबे समय तक उच्च अमेरिकी ब्याज दरों पर चिंताओं ने सितंबर में स्थानीय शेयरों से निकासी को बढ़ावा दिया है, विदेशी निवेशकों ने इस साल नेट बेसिस पर लगभग 16 अरब डॉलर की खरीदारी की है। यह 2020 के बाद से सबसे बड़ा सालाना प्रवाह होगा।

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सिंगापुर में सैक्सो मार्केट्स के रणनीतिकार चारु चानाना ने कहा, ‘महंगाई दर नियंत्रण में आने के साथ, इंडेक्स में शामिल होने से भारत में विदेशी पूंजी के प्रवाह के लिए और ज्यादा रास्ते खुलेंगे।’

First Published - September 22, 2023 | 9:53 AM IST

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