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IPO के जरिये ग्लोबल लेवल पर कंपनियों ने 52 फीसदी कम फंड जुटाए, भारत टॉप पर: GlobalData

GlobalData के मुताबिक, IPO से फंड जुटाने के लिए अगर देश के लेवल पर बात की जाए तो इस अवधि के दौरान भारत 3.8 अरब डॉलर के 152 ट्रॉन्जैक्शन्स के साथ लिस्ट में टॉप पर है

Last Updated- September 24, 2023 | 9:56 PM IST
Quality Power IPO

IPO के जरिये पैसे जुटाने की प्रक्रिया में कमी देखी जा रही है। लंदन की डेटा एनॉलिस्ट और कंसल्टिंग कंपनी ग्लोबलडेटा (GlobalData) ने कैलेंडर वर्ष 2023 के लिए एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनियों की तरफ से IPO के जरिये फंडरेजिंग यानी फंड जुटाने की प्रक्रिया में 52.2 फीसदी की कमी आई है और अब यह घटकर 147.2 अरब डॉलर पहुंच गई है।

किन देशों ने फंडरेजिंग के जरिये जुटाई सबसे ज्यादा रकम? भारत अमेरिका से आगे

रिपोर्ट के मुताबिक, अगर देश के लेवल पर बात की जाए तो इस अवधि के दौरान भारत 3.8 अरब डॉलर के 152 ट्रॉन्जैक्शन्स के साथ लिस्ट में टॉप पर है। भारत के टॉप रैंक पर रहने की मुख्य वजह SME IPO की ज्यादा संख्या है। IPO के जरिये फंडरेजिंग के मामले में भारत के बाद दूसरा नंबर अमेरिका का आता है। अमेरिका 16 अरब डॉलर के 99 डील्स के साथ दूसरे नंबर पर है, वहीं चीन ने 32.3 अरब डॉलर के 88 ट्रॉन्जैक्शन्स किए और वह तीसरे नंबर पर है।

क्या कहते हैं ग्लोबलडेटा के आंकड़े?

ग्लोबलडेटा के डील डेटाबेस के विश्लेषण से पता चलता है कि दुनिया भर के स्टॉक एक्सचेंजों पर 2023 के पहले आठ महीनों में 147.2 अरब डॉलर की टोटल डील वैल्यू के साथ 750 IPO लिस्टिंग रजिस्टर्ड थीं। यह 2022 में इसी अवधि के दौरान 138.6 अरब डॉलर की डील वैल्यू के साथ 1,570 लिस्टिंग के मुकाबले 52.2 प्रतिशत की तेज गिरावट थी।

Asia-Pacific क्षेत्र ट्रॉन्जैक्शन में सबसे आगे

एशिया-प्रशांत क्षेत्र (Asia-Pacific region) में कुल 491 ट्रॉन्जैक्शन किए गए और यह अन्य क्षेत्रों के मुकाबले सबसे ज्यादा संख्या है। इन ट्रॉन्जैक्शन्स की वैल्यू 44.4 अरब डॉलर थी। उत्तरी अमेरिका का भी कुछ ऐसा ही हाल देखने को मिला। यहां से भी किए गए ट्रॉन्जैक्शन्स लगभग एशिया-प्रशांत के करीब थे। नॉर्थ अमेरिका में 17 अरब डॉलर वैल्यू के 139 सौदे हुए।

IPO से कम फंडरेजिंग की क्या है मुख्य वजह?

GlobalData में कंपनी प्रोफाइल एनॉलिस्ट मूर्ति ग्रांधी ने कहा, ग्लोबल लेवल पर इस महत्वपूर्ण गिरावट के पीछे मुख्य वजहों में से एक को दुनिया भर में आर्थिक विकास में मंदी, कड़े मौद्रिक उपायों और बढ़ते भू-राजनीतिक संघर्षों को जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। अमेरिकी एसपीएसी (US SPAC) बाजार को लगातार चुनौतियों का सामना करना पड़ा, क्योंकि नेगोशिएशन काफी कठिन हो गया था। इसके अलावा, बड़ी संख्या में SPAC हैं जिन्होंने अभी तक योजनाओं का खुलासा नहीं किया है या डी-एसपीएसी (de-SPAC) प्रक्रिया पूरी नहीं की है, जिससे आगामी महीनों में उनकी समाप्ति की समय सीमा नजदीक आने के कारण उन्हें लिक्विडेशन का खतरा है,

ग्लोबलडेटा के अनुसार, 2023 में अब तक IPO एक्टिविटी में अग्रणी क्षेत्र टेक्नोलॉजी और कम्युनिकेशन थे, जिसमें 75.9 अरब डॉलर की टोटल वैल्यू के साथ 145 ट्रॉन्जैक्शन्स दर्ज किए गए थे। इसके बाद 82 डील्स (6.05 अरब डॉलर) के साथ फाइनैंशियल सर्विसेज, 73 ट्रॉन्जैक्शन (3.9 अरब डॉलर) के साथ फार्मास्यूटिकल्स और हेल्थकेयर, और 57 ट्रॉन्जैक्शन्स (2.9 अरब डॉलर) के साथ इंडस्ट्रियल गुड्स और मशीनरी का नंबर था।

आगे का रास्ता- क्या है उपाय?

ज्यादातर एनॉलिस्ट को उम्मीद है कि मजबूत अर्थव्यवस्था और वैश्विक केंद्रीय बैंकों द्वारा अपने मौद्रिक नीति रुख को आसान बनाने के कारण फाइनैंशियल मार्केट में तेजी आएगी और इस बीच आने वाले महीनों में प्राइमरी बाजार एक्टिविटी में भी तेजी देखने को मिलेगी।

विश्लेषकों का सुझाव है कि सेकंडरी मार्केट में उछाल प्राइमरी मार्केट को भी बढ़ावा देता है और इसकी वजह से,चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में IPO की रफ्तार बढ़ने की संभावना है।

ग्लोबल IPO एक्टिविटी में सुधार के आसार

ग्रांधी ने कहा, ‘ग्लोबल IPO एक्टिविटी 2023 के अंत या 2024 की शुरुआत में फिर से बढ़ने की उम्मीद है क्योंकि आर्थिक स्थिति और बाजार की धारणा में धीरे-धीरे सुधार हो रहा है।’

इसके अलावा, मार्केट रेगुलेटर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने IPO के बंद होने से लिस्टिंग का समय छह दिन से घटाकर तीन दिन करने की योजना का ऐलान किया है। विश्लेषकों का मानना ​​है कि इससे आगे चलकर प्राइमरी मार्केट में ऊंची गतिविधियां सुनिश्चित होंगी।

First Published - September 21, 2023 | 1:03 PM IST

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