भारतीय रिजर्व बैंक यहां आने वाले यात्रियों को मर्चेंट पेमेंट्स के लिए यूपीआई (UPI) का इस्तेमाल करने की इजाजत देगा और इस तरह से रकम हस्तांतरण (Money Transfer) की आम व्यवस्था का दायरा बढ़ेगा।
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का विस्तार सबसे पहले जी-20 देशों के यात्रियों के बीच होगा, जो देश के चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डों पर पहुंचेंगे। बाद में इस सुविधा का विस्तार देश के अन्य प्रवेश विंदुओं में होगा। आरबीआई ने ये बातें कही।
केंद्रीय बैंक ने इससे पहले यूपीआई के इस्तेमाल की इजाजत प्रवासी भारतीय को दी, जो अपने अंतरराष्ट्रीय मोबाइल फोन नंबर को अपने एनआरई/एनआरओ खातों से जोड़ सकेंगे।
अंतरराष्ट्रीय यात्रियों व सैलानियों को यूपीआई के इस्तेमाल की इजाजत देने से भुगतान करना आसान हो जाएगा और नकदी पर उनकी निर्भरता घटेगी। इससे यूपीआई लेनदेन के वॉल्यूम में भी बढ़ोतरी होगी।
एफआईएस की बैंकिंग व भुगतान प्रमुख (भारत व फिलिपींस) राजश्री रेंगन ने कहा, भारत आने वाले यात्रियों को यूपीआई का इस्तेमाल करने की सुविधा देने की आरबीआई की घोषणा बड़ी पहल है। भारत आने वाले ग्राहक अब पी2एम लेनदेन में यूपीआई का इस्तेमाल कर पाएंगे। इस कदम से भारत में डिजिटल भुगतान का इस्तेमाल बढ़ेगा और भुगतान के उनके अनुभव में भी सुधार आएगा।
यूपीआई लेनदेन जनवरी में 8.03 अरब लेनदेन के साथ रिकॉर्ड ऊंचाई को छू गया और इसके जरिये 12.98 लाख करोड़ रुपये का लेनदेन हुआ।