हार्वर्ड टी.एच. चैन स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के रिसर्चर्स ने दिल का दौरा पड़ने से होने वाली मौतों को कम करने के लिए एस्पिरिन (aspirin) के इस्तेमाल पर महत्वपूर्ण जानकारी दी है। उनके अनुसार, अगर सीने में तेज दर्द उठने के कुछ घंटों के अंदर ही एस्पिरिन ले ली जाए, तो हर साल 13,000 से ज्यादा लोगों की जान बचाई जा सकती है।
अध्ययन में बताया गया है कि एस्पिरिन दिल का दौरा पड़ने से होने वाले खतरे को कम करने का एक आसान और सस्ता तरीका है। सबसे ज्यादा फायदा उसी समय दवा लेने से होता है, जब दर्द शुरू हो (4 घंटे के अंदर)।
पर रिसर्चर्स के अनुसार, सीने में दर्द, जो दिल का दौरा पड़ने का सबसे बड़ा लक्षण होता है, उसे बहुत से लोग पहचान नहीं पाते। साथ ही, ज्यादातर लोग लक्षण शुरू होने के काफी देर बाद ही डॉक्टर के पास जाते हैं।
रिसर्चर्स का कहना है कि भले ही स्टैटिन जैसी दवाओं और खाने पीने का ध्यान रखने जैसी बातें जरूरी हैं, लेकिन दिल का दौरा पड़ने पर सिर्फ एस्पिरिन लेने से भी जान बचाई जा सकती है. इससे न तो ज्यादा खर्चा होता है और न ही इसे लेने के लिए हर वक्त कुछ खास करने की जरूरत होती है।
एक नॉर्मल एस्पिरिन (आमतौर पर 325 मिलीग्राम) या फिर चार लो-डोज़ वाली एस्पिरिन (81 मिलीग्राम वाली) की गोलियां लें। इन्हें निगलने से पहले अच्छे से चबाएं। इससे दवा जल्दी खून में मिल जाती है, जो खून को पतला करके रक्त संचार को बेहतर बनाती है।
पर ये ज़रूर याद रखें कि एस्पिरिन लेने से पहले ये पक्का कर लें कि आपको इससे एलर्जी न हो और ऐसी कोई बीमारी न हो जिसकी वजह से खून थक्का जमने में दिक्कत होती है या पेट में पहले कभी अल्सर हुआ हो।