कोरोना महामारी की वजह से दो साल तक ठप रहने और 2022 में धीमी शुरुआत होने के बावजूद सिनेमा देखने वालों के जुनून पर खास फर्क नहीं पड़ा। 2022 इतिहास में एक ऐसे साल के रूप में दर्ज होने जा रहा है, जब भारतीय बॉक्स ऑफिस फिर गुलजार हुआ।
दक्षिण की फिल्में इस मामले में अजेय रहीं और बेहतरीन पटकथा के साथ उन्होंने पूरी तस्वीर ही बदल डाली। उन्होंने ऐसा जादू बिखेरा कि जाने-माने प्रोडक्शन हाउस, मेगास्टार और मार्केटिंग कौशल के बावजूद बॉलीवुड गंभीरता से सोचने पर मजबूर हो गया है।
मल्टीप्लेक्स श्रृंखला और फिल्म व्यापार विशेषज्ञों के अनुसार वर्ष 2022 में देसी बॉक्स ऑफिस पर सभी भाषाओं की फिल्मों की कमाई करीब 11,000 करोड़ रुपये रह सकती है। यह 2019 जितनी ही होगी, जिसे भारतीय फिल्म उद्योग में अब तक का सबसे अच्छा साल माना जाता है।
आईनॉक्स लेशर के मुख्य प्रोग्रामिंग अधिकारी राजेंद्र सिंह ज्याला ने कहा, ‘दिसंबर में दो और बड़ी फिल्में आने वाली हैं। हॉलीवुड की फिल्म ‘अवतार: द वे ऑफ वाटर’ 16 दिसंबर को और रोहित शेट्टी निर्देशित तथा रणवीर सिंह अभिनीत ‘सर्कस’ 23 दिसंबर को सिनेमाघरों में प्रदर्शित होगी।’
ज्याला ने कहा, ‘फिल्मों की खूब चर्चा हो रही है और बॉक्स ऑफिस पर इन दोनों के अच्छे प्रदर्शन की संभावना है, जिसके साथ इस साल घरेलू बॉक्स ऑफिस का कुल संग्रह 10,500 से 10,700 करोड़ रुपये रह सकता है। यह 2019 के बॉक्स ऑफिस संग्रह के करीब है। 2019 में भारत में सभी फिल्मों का बॉक्स ऑफिस संग्रह 11,500 करोड़ रुपये रहा था।’
पीवीआर पिक्चर्स के मुख्य कार्याधिकारी और मल्टीप्लेक्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष कमल ज्ञानचंदानी ने कहा कि भाषा के आधार पर देखें तो 2019 में घरेलू बाजार में कुल बॉक्स ऑफिस संग्रह में हिंदी फिल्मों की हिस्सेदारी 52 फीसदी थी, जो 2022 में घटकर 40 फीसदी रह गई है।
उधर दक्षिण की फिल्मों सहित गैर-हिंदी भाषी फिल्मों की 2019 में बॉक्स ऑफिस पर कुल कमाई में 40 फ़ीसदी योगदान किया था, जो 2022 में बढ़कर 52 फीसदी हो गया। उन्होंने कहा कि 2019 से 2022 के दौरान हॉलीवुड फिल्मों का योगदान करीब 8 फीसदी रहा।
ज्ञानचंदानी ने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं है कि साल दक्षिण के सिनेमा का जबरदस्त असर रहा। आरआरआर, केजीएफ: चैप्टर 2 और कांतारा जैसी फिल्मों ने भारत सहित दुनिया भर के दर्शकों को सिनेमाघरों तक आने के लिए मजबूर किया। 2023 में भी दक्षिण के कंटेंट क्रिएटर्स 2022 की तरह सफलता दोहराना चाह रहे हैं।’
फिल्म ट्रेड विशेषज्ञों का कहना है कि आरआरआर, केजीएफ: चैप्टर 2, कांतारा, लव टुडे और कार्तिकेय 2 ने 2022 में बॉक्स ऑफिस पर कुल मिलाकर 2,500 करोड़ रुपये की कमाई कर डाली। मुंबई के ऑरमैक्स मीडिया के अनुसार तेलुगू, तमिल और कन्नड़ भाषाओं की हिंदी में डब की गई फिल्मों का 2022 में बॉक्स ऑफिस कमाई में करीब 37 फीसदी योगदान रहा। विश्लेषकों ने कहा कि 2019 में दक्षिण की डब की गई फिल्मों का हिंदी बॉक्स ऑफिस संग्रह में 18 से 20 फीसदी योगदान रहा था।
ऑरमैक्स मीडिया में पार्टनर गौतम जैन ने कहा, ‘वर्ष 2022 में कुछ फिल्मों को खूब सराहा गया मगर कई को सिरे से नकार दिया गया। जिन फिल्मों को दर्शकों ने सराहा वे सिनेमाघरों में लंबे समय तक चलीं लेकिन जिन फिल्मों को खारिज कर दिया गया वे एक सप्ताह भी नहीं टिक सकीं। इस साल बॉक्स ऑफिस पर भाषा की बंदिश भी टूटती नजर आई। फिल्म निर्माताओं को केवल अपनी मातृभाषा के दर्शकों की नहीं बल्कि देश भर के दर्शकों की पसंद-नापसंद का ध्यान रखना होगा।’
ज्ञानचंदानी ने कहा कि क्षेत्रीय सिनेमा की धूम देश भर में दिखी लेकिन बॉलीवुड को पूरी तरह फ्लॉप नहीं कहा जा सकता। फिल्म कारोबार में उतार-चढ़ाव आता रहता है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के लिहाज से बॉलीवुड की कुछ फिल्में कमजोर रहीं, लेकिन कुछ फिल्मों को दर्शकों ने हाथोहाथ लिया।
फिल्म ट्रेड विशेषज्ञों के अनुसार गंगूबाई काठियावाडी, कश्मीर फाइल्स, भूल भूलैया 2, ब्रह्मास्त्र : पार्ट-1 – शिवा, दृश्यम 2 (मोहनलाल अभिनीत मलयालम फिल्म का रीमेक) जैसी फिल्मों का कुल बॉक्स ऑफिस संग्रह 1,000 करोड़ रुपये से अधिक रहा।
ज्ञानचंदानी का कहना है कि कंटेंट क्रिएटर समुदाय भविष्य के लिए कमर कस रहे हैं। उन्होंने कहा कि कंटेंट क्रिएटर दर्शकों की पसंद-नासंपद को करीब से देख रहे हैं और उसे अपनी अगली फिल्म में शामिल कर रहे हैं। 2023 में हिंदी फिल्मों की सफलता दर बेहतर रहने की उम्मीद है।
अगले साल जनवरी में शाहरुख खान और दीपिका पडुकोणे की ‘पठान’ आने वाली है। कार्तिक आर्यन की ‘शहजादा’ और अजय देवगन की ‘मैदान’ फरवरी में सिनेमाघरों में दस्तक देगी। सलमान खान की ‘किसी का भाई किसी की जान’ अप्रैल में रिलीज होगी।