एक्टिविस्ट तीस्ता सीतलवाड़ को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिल गई है। मुख्य न्यायाधीश जस्टिस यूयू ललित की बेंच में करीब 1 घंटे 10 मिनट से ज्यादा देर तक सुनवाई के बाद यह फैसला दिया गया। मुख्य न्यायाधीश की बेंच ने कहा कि गिरफ्तारी के बाद से ही वो या तो रिमांड पर रहीं या फिर कस्टडी में, इसलिए उन्हें अब जेल में नहीं रखा जा सकता है। कोर्ट ने कहा कि उनपर न तो UAPA और न ही POTA का केस दर्ज, फिर भी 2 महीने से कस्टडी में कैसे रखा गया है। इसके साथ साथ कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट पर भी टिप्पणी करते हुए कहा कि गुजरात हाई कोर्ट ने तीस्ता सीतलवाड़ की जमानत अर्जी इतनी देरी से क्यों लिस्ट की।
कोर्ट में जमा करना होगा पासपोर्ट
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि जब तक उनका मामला अदालत में है उन्हें विदेश जाने की अनुमति नहीं होगी। उन्हें अपना पासपोर्ट कोर्ट में जमा करना होगा। कल कानूनी प्रक्रिया पूरी हो जाने के बाद उन्हें जेल से बाहर निकलने की अनुमति होगी। तीस्ता सीतलवाड़ 25 जून को अहमदाबाद क्राइम ब्रांच ने सीतलवाड़ को मुंबई से गिरफ्तार किया था। 30 जुलाई को निचली अदालत ने उनकी जमानत खारिज कर दी थी।