बजाज ऑटो के निवेश वाली देश की सबसे बड़ी शेयर्ड ईवी मोबिलिटी कंपनी यूलू अब साल 2025-26 के आसपास बजाज के नए मॉडल के साथ अपने ईवी दोपहिया तंत्र के साथ विदेशी बाजार पर में जाने पर विचार कर रही है। वह भारत में अधिक बाजार और वाहन श्रेणियों में भी विस्तार करने पर विचार कर रही है। कंपनी वित्त वर्ष 2024-25 के भीतर लाभ में आने का लक्ष्य कर रही है।
यूलू दो नए वाहनों पर विचार कर रही है। इनमें से एक बजाज ऑटो के साथ साझेदारी में है और दूसरा ईवी क्षेत्र की स्टार्टअप कंपनी के साथ है। यूलू के सह-संस्थापक और मुख्य कार्य अधिकारी अमित गुप्ता ने कहा कि बजाज ऑटो वाले मॉडल को परफेक्शन और कई आरऐंडडी कार्यक्रमों पर उनका ध्यान केंद्रित होने के मद्देनजर कुछ वक्त लग सकता है। फिलहाल इस बात की काफी संभावना है कि कंपनी अन्य ओईएम के साथ शुरुआत करेगी और इस मॉडल को इस कैलेंडर वर्ष के भीतर ही ला सकते हैं।
योजना यह है कि बजाज के वाहन के जरिए विदेश जाया जाए और भारत में नई श्रेणियों (जैसे ई-कॉमर्स) के लिए ईवी स्टार्टअप द्वारा विकसित अन्य मॉडल का इस्तेमाल किया जाए। बजाज का यह मॉडल विदेश ले जाने से पहले भारतीय बाजारों में भी इस्तेमाल किया जाएगा।
गुप्ता ने कहा ‘बाजार के हमारे अध्ययन से पता चलता है कि भारत में नजर आने वाली ड्राइवर, वाहन और लाइसेंस स्वामित्व की कमी का स्तर दक्षिण पूर्व एशिया जैसी नहीं है। जब हम इसे पेश करेंगे, तो यह मध्य रफ्तार वाला मॉडल होगा।’ उन्होंने कहा कि एशियाई देशों में सेवा उपयोग के मामले में कम रफ्तार वाली बाइक बाजार के लिहाज से अच्छा वाहन नहीं है। भारत के बाहर के देशों को उनके कम जनसंख्या घनत्व तथा ज्यादा बेहतन सड़कों की वजह से अधिक रफ्तार वाले वाहनों की आवश्यकता होती है।
हालांकि यूलू विदेश में अपनी खुद की टीम नहीं रखेगी और यह को-को (कंपनी के स्वामित्व-कंपनी द्वारा संचालित) मॉडल के तहत संचालित नहीं होगा, बल्कि इसे किसी स्थानीय भागीदार के जरिये संचालित किया जाएगा। साथ ही वह भारत में नई श्रेणियों और नए शहरों में विस्तार करने पर भी विचार कर रही है।
इस समय भारतीय सड़कों पर यूलू की करीब 35,000 बाइक हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। फरवरी में बजाज ऑटो और मैग्ना इंटनैशनल ने मिलकर यूलू में लगभग 1.9 करोड़ डॉलर का निवेश किया था।