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घर हो या दुकान- आग, बाढ़ या चोरी से कैसे बचाव करता है प्रॉपर्टी इंश्योरेंस? क्यों हर मालिक के लिए जरूरी

प्रॉपर्टी इंश्योरेंस आपके और आपकी संपत्तियों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह होता है, जो किसी अनहोनी में आपको वित्तीय और मानसिक सुकून देता है।

Last Updated- June 01, 2025 | 4:11 PM IST
property insurance
प्रतीकात्मक तस्वीर | फोटो क्रेडिट: Freepik

Property Insurance: आपने कभी सोचा है कि अगर आपके घर या किसी संपत्ति में आग लग जाए, बाढ़ आ जाए या कोई चोरी हो जाए तो क्या होगा? नहीं न! अगर आपने पहले प्रॉपर्टी इंश्योरेंस पर आपके लिए इन घटनाओं के बाद थोड़ी राहत मिल सकती है। आसान शब्दों में कहें तो प्रॉपर्टी इंश्योरेंस एक ऐसी बीमा पॉलिसी है, जो आपके घर, दुकान, ऑफिस या किसी भी संपत्ति को नुकसान से बचाती है। ये न सिर्फ इमारत को कवर करता है, बल्कि उसमें रखे सामान जैसे फर्नीचर, इलेक्ट्रॉनिक्स, या दुकान का स्टॉक भी शामिल हो सकता है। इतना ही नहीं, अगर आपकी प्रॉपर्टी की वजह से किसी और को नुकसान होता है, जैसे कोई आपके घर की सीढ़ी से गिरकर चोटिल हो जाए, तो उसका खर्च भी ये पॉलिसी उठा सकती है।

 प्रॉपर्टी इंश्योरेंस आपके घर और उसमें मौजूद चीजों को आग, चोरी, बाढ़, भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाओं और तोड़फोड़ से बचाता है। ये आपके सबसे बड़े निवेश, यानी आपकी प्रॉपर्टी को, किसी अनहोनी में बिना भारी वित्तीय बोझ के ठीक करने या दोबारा बनाने में मदद करता है।

ये कैसे काम करता है?

प्रॉपर्टी इंश्योरेंस एक तरह का समझौता है, जो आप बीमा कंपनी के साथ करते हैं। आप हर महीने या साल में एक निश्चित रकम, जिसे प्रीमियम कहते हैं, कंपनी को देते हैं। बदले में, कंपनी वादा करती है कि अगर आपकी प्रॉपर्टी को कोई नुकसान होता है, जो पॉलिसी में शामिल है, तो वो उसका खर्च उठाएगी। मान लीजिए, आपके घर में आग लग गई और आपका सोफा, टीवी, और किचन का सामान जल गया। अगर आपके पास प्रॉपर्टी इंश्योरेंस है, तो बीमा कंपनी उस नुकसान की भरपाई करेगी।

लेकिन, हर पॉलिसी की कुछ शर्तें होती हैं। मिसाल के तौर पर, कुछ चीजें जैसे ज्वैलरी, कीमती पेंटिंग्स, या कैश को कवर करने के लिए आपको अलग से रिक्वेस्ट करनी पड़ सकती है। साथ ही, अगर आपने अपनी प्रॉपर्टी की सही कीमत नहीं बताई, तो नुकसान होने पर आपको पूरा पैसा नहीं मिलेगा। सीएनबीसी की वेबसाइट पर बताया गया है कि अगर आपने अपनी प्रॉपर्टी की वैल्यू कम बताई, तो क्लेम के वक्त आपको उसी अनुपात में कम मुआवजा मिलेगा। यानी, अगर आपका घर 20 लाख का है, लेकिन आपने सिर्फ 10 लाख का इंश्योरेंस लिया, तो नुकसान होने पर आपको आधा पैसा ही मिलेगा।

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प्रॉपर्टी इंश्योरेंस क्यों जरूरी है?

पैसों की सुरक्षा

आपका घर या दुकान आपके जीवन का सबसे बड़ा निवेश हो सकता है। अगर इसमें कोई नुकसान हो जाए, तो उसकी मरम्मत या दोबारा बनाने का खर्च लाखों में हो सकता है। प्रॉपर्टी इंश्योरेंस इस बोझ को कम करता है। मान लीजिए, आपके घर में बाढ़ आ गई और आपका फर्नीचर खराब हो गया। बिना इंश्योरेंस के ये सारा खर्च आपको अपनी जेब से देना पड़ेगा। लेकिन अगर आपके पास पॉलिसी है, तो बीमा कंपनी इस नुकसान को कवर करेगी। फोर्ब्स का कहना है कि प्रॉपर्टी इंश्योरेंस आपके घर और सामान को प्राकृतिक और मानव-निर्मित आपदाओं से होने वाले नुकसान से बचाता है।

कानूनी जिम्मेदारी से बचाव

कभी-कभी आपकी प्रॉपर्टी की वजह से किसी और को नुकसान हो सकता है। जैसे, अगर कोई मेहमान आपके घर की टूटी सीढ़ी से गिरकर चोटिल हो जाए और इलाज का खर्च मांगे, तो प्रॉपर्टी इंश्योरेंस में शामिल पर्सनल लायबिलिटी कवरेज उसका खर्च उठा सकता है। इससे आप बड़े कानूनी खर्चों और मुकदमों से बच सकते हैं। सीएनबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, ऐसी पॉलिसी आपको उन खर्चों से बचाती है, जो आपकी प्रॉपर्टी की वजह से किसी तीसरे पक्ष को चुकाने पड़ सकते हैं।

मानसिक सुकून

जब आप जानते हैं कि आपकी प्रॉपर्टी इंश्योरेंस से कवर है, तो आपको ये चिंता नहीं सताती कि अगर कुछ बुरा हुआ, तो क्या होगा। आप चैन की नींद सो सकते हैं, क्योंकि आपको पता है कि बीमा कंपनी आपके साथ है। प्रॉपर्टी इंश्योरेंस आपको और आपकी संपत्ति को वित्तीय सुरक्षा देता है, जिससे आपका भविष्य सुरक्षित रहता है।

प्राकृतिक आपदाओं से राहत

भारत जैसे देश में बाढ़, भूकंप, तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाएं आम हैं। रॉयटर्स की एक खबर के मुताबिक, प्रॉपर्टी इंश्योरेंस इन आपदाओं से हुए नुकसान को कवर करता है, जैसे आग, बिजली गिरना, या बाढ़। इसके अलावा, चोरी, दंगे, या तोड़फोड़ जैसी मानव-निर्मित समस्याओं से हुए नुकसान को भी ये कवर करता है।

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प्रॉपर्टी इंश्योरेंस कौन ले सकता है?

प्रॉपर्टी इंश्योरेंस कोई भी ले सकता है, जिसके पास कोई संपत्ति है या उसमें कोई हिस्सा है। अगर आपके पास खुद का घर है, तो आप उसकी इमारत और उसमें रखे सामान को इंश्योर कर सकते हैं। अगर आप किराए के घर में रहते हैं, तो भी आप अपने निजी सामान, जैसे टीवी, लैपटॉप, या कपड़ों के लिए इंश्योरेंस ले सकते हैं। फोर्ब्स की वेबसाइट पर बताया गया है कि किरायेदारों के लिए खास रेंटर्स इंश्योरेंस होता है, जो उनके सामान को कवर करता है।

अगर आपके पास दुकान, ऑफिस, या कोई फैक्ट्री है, तो आप उसकी प्रॉपर्टी और सामान को भी इंश्योर कर सकते हैं। ये छोटे-बड़े हर तरह के बिजनेस के लिए उपलब्ध है, चाहे वो किराने की छोटी दुकान हो या कोई बड़ा स्टोर। इसके अलावा, अगर आप किसी प्रॉपर्टी में पार्टनर हैं या उसका कोई हिस्सा आपके नाम है, तो आप उस हिस्से के लिए इंश्योरेंस ले सकते हैं। लेकिन, इसके लिए आपको प्रॉपर्टी में अपना कानूनी हित साबित करना होगा, जैसा कि रॉयटर्स की एक स्टोरी में बताया गया है।

क्या-क्या कवर होता है?

प्रॉपर्टी इंश्योरेंस कई तरह के नुकसान को कवर करता है। अगर आपके घर में आग लग जाए या धुआं भर जाए, तो उससे हुआ नुकसान कवर होगा। बाढ़, तूफान, भूकंप, या बिजली गिरने से हुए नुकसान को भी ये कवर करता है। अगर आपके घर या दुकान से चोरी हो जाए, तो उसका मुआवजा मिल सकता है। इसके अलावा, अगर कोई गैस सिलेंडर या मशीन फट जाए, तो उससे हुए नुकसान को भी कवर किया जाता है।

अगर आपकी प्रॉपर्टी की वजह से किसी और को चोट लगे या उसकी संपत्ति को नुकसान हो, तो पर्सनल लायबिलिटी कवरेज उसका खर्च उठा सकता है। हालांकि, कुछ चीजें कवर नहीं होतीं, जैसे जानबूझकर किया गया नुकसान, सामान्य टूट-फूट, या युद्ध जैसी स्थिति से हुआ नुकसान। ज्वैलरी, कीमती आर्टवर्क, या कैश जैसी चीजों के लिए आपको अलग से कवर लेना पड़ सकता है, जैसा कि सीएनबीसी की वेबसाइट पर बताया गया है।

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लेते समय क्या ध्यान रखें?

प्रॉपर्टी इंश्योरेंस लेते वक्त कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है। सबसे पहले, अपनी प्रॉपर्टी की सही कीमत बताएं, नहीं तो क्लेम के वक्त आपको कम पैसे मिल सकते हैं। फोर्ब्स के मुताबिक, गलत वैल्यू बताने से नुकसान की पूरी भरपाई नहीं मिलती। दूसरा, पॉलिसी की शर्तें अच्छे से पढ़ लें, ताकि आपको पता हो कि क्या कवर है और क्या नहीं। तीसरा, प्रीमियम की रकम आपके बजट में होनी चाहिए। रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कुछ कंपनियां किफायती प्रीमियम ऑफर करती हैं, जो छोटे बिजनेस और घर मालिकों के लिए फायदेमंद हैं। आखिरी बात, पॉलिसी को समय पर रिन्यू करते रहें, क्योंकि ये अपने आप रिन्यू नहीं होती।

First Published - June 1, 2025 | 3:29 PM IST

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