Travel Insurance Coverage: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने हवाई यात्रा को बुरी तरह प्रभावित किया है। कई उड़ानें रद्द हो रही हैं और कई विमानों को अपने रूट बदलने पड़ रहे हैं। ऐसे में जो भारतीय राजनीतिक रूप से अस्थिर जगहों की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, उनके मन में सवाल है: क्या ट्रैवल इंश्योरेंस युद्ध जैसी स्थिति में कवरेज देता है?
BankBazaar.com के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अधिल शेट्टी ने कहा, “सामान्य ट्रैवल इंश्योरेंस पॉलिसी में युद्ध जैसी स्थिति को कवर नहीं किया जाता। सशस्त्र लड़ाई, गृहयुद्ध, विद्रोह या सैन्य विद्रोह जैसी घटनाएं आमतौर पर कवरेज से बाहर होती हैं। यह इंश्योरेंस इंडस्ट्री में लंबे समय से चली आ रही सामान्य नियम है, क्योंकि ऐसी स्थिति में जोखिम बहुत ज्यादा और अनिश्चित होता है।”
Bajaj Allianz की वेबसाइट के अनुसार, उनकी इंटरनेशनल ट्रैवल पॉलिसी में “युद्ध, विद्रोह या आतंकवाद से होने वाले नुकसान” शामिल नहीं हैं। इसी तरह, SBI जनरल इंश्योरेंस की वेबसाइट कहती है कि “युद्ध, आक्रमण, विदेशी दुश्मन के कृत्य, शत्रुता (चाहे युद्ध घोषित हो या नहीं), गृहयुद्ध, विद्रोह, क्रांति, सैन्य या गैरकानूनी सत्ता हथियाने” से होने वाले दावों को कवर नहीं किया जाता।
शेट्टी कहते हैं कि अगर कोई यात्री अनजाने में किसी युद्द क्षेत्र में फंस जाता है, तो भी ऐसी स्थिति के बाद भी दावे अक्सर खारिज कर दिए जाते हैं, जब तक कि कोई विशेष अपवाद या खास व्यवस्था न हो।”
शेट्टी कहते हैं, “कुछ खास राइडर या ऐड-ऑन सीमित सुरक्षा दे सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “ये सामान्य पॉलिसी में शामिल नहीं होते और इन्हें अलग से आधार पॉलिसी में जोड़ना पड़ता है। ऐसे ऐड-ऑन में राजनीतिक जोखिम, आपातकालीन निकासी या अचानक राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति में स्वदेश वापसी जैसे कवर शामिल हो सकते हैं।”
हालांकि, सक्रिय यात्रा चेतावनी वाले या पहले से ही संघर्ष क्षेत्र घोषित स्थानों के लिए राइडर या ऐड-ऑन शायद ही उपलब्ध होते हैं।
इंश्योरेंस के दृष्टिकोण से, जोखिम भरे स्थानों की यात्रा करने वाले यात्रियों को सावधानी से तैयारी करनी चाहिए। शेट्टी ने सलाह दी, “पॉलिसी डॉक्यूमेंट्स को ध्यान से पढ़ें और समझें कि क्या-क्या बाहर रखा गया है, खासकर युद्ध, आतंकवाद और सिविल अशांति से जुड़ी शर्तों पर विशेष ध्यान दें।”
उन्होंने आगे कहा, “इंश्योरेंस कंपनी से सीधे संपर्क करें और पूछें कि जोखिम भरे स्थानों के लिए कोई राइडर उपलब्ध हैं या नहीं और उनकी शर्तें क्या हैं।”
यात्रियों को भारत सरकार की यात्रा चेतावनियों या विश्वसनीय वैश्विक स्रोतों की जांच करनी चाहिए। उन्होंने कहा, “इन चेतावनियों के खिलाफ यात्रा करने से इंश्योरेंस दावे रद्द हो सकते हैं।” इसके अलावा, गंतव्य पर भारतीय दूतावास में पंजीकरण करना और आपातकालीन संपर्क योजना तैयार रखना बहुत जरूरी है।
जैसे-जैसे भू-राजनीतिक जोखिम बढ़ रहे हैं, इंश्योरेंस कंपनियां और सतर्क हो रही हैं। उन्होंने कहा, “भू-राजनीतिक तनाव बढ़ने के साथ, भारत में इंश्योरेंस कंपनियां ज्यादा सावधानी बरत रही हैं। कई कंपनियां सिविल अशांति, हड़ताल और युद्ध से संबंधित नुकसान को स्पष्ट रूप से कवरेज से बाहर कर रही हैं, और कुछ ने तो कुछ खास जोखिम भरे देशों के लिए कवरेज पूरी तरह वापस ले लिया है।”
हालांकि राजनीतिक जोखिम या निकासी के लिए कुछ सीमित राइडर उपलब्ध हैं। शेट्टी ने बताया कि “इंडस्ट्री का रुझान संघर्ष क्षेत्रों में कवरेज बढ़ाने के बजाय जोखिम को कम करने की ओर है।”
अगर आप किसी जोखिम भरे क्षेत्र की यात्रा करने की योजना बना रहे हैं, तो यह न मानें कि युद्ध या सिविल अशांति की स्थिति में आपका ट्रैवल इंश्योरेंस आपकी मदद करेगा। अपनी पॉलिसी को समझें, इंश्योरेंस कंपनी से राइडर विकल्पों के बारे में पूछें और हमेशा यात्रा चेतावनियों का पालन करें। जैसा कि शेट्टी कहते हैं, “इंश्योरेंस तैयारी का एक साधन है, लेकिन यह हर भू-राजनीतिक जोखिम के लिए पूर्ण कवर नहीं है।”