हवाईअड्डों के निजीकरण को आगे बढ़ाते हुए नागर विमानन मंत्रालय बुधवार को कुछ अन्य हवाई अड्डों को निजी हाथों में सौंपने का प्रस्ताव मंत्रिमंडल को सौंपेगा। नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने आज एक कार्यक्रम में कहा, ‘हम बुधवार को मंत्रिमंडल के समक्ष कुछ और हवाईअड्डों के निजीकरण का प्रस्ताव रखेंगे। दर्जनों हवाईअड्डों की सूची बनाई गई है। अब से लेकर 2030 तक हम 100 नए हवाईअड्डे बनाएंगे।’
नागर विमानन मंत्रालय के तहत आने वाले भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) के पास देशभर में 100 से अधिक हवाईअड्डों का स्वामित्व है और वह इनका प्रबंधन करता है। सितंबर, 2019 में एएआई ने अमृतसर, वाराणसी, भुवनेश्वर, इंदौर, रायपुर और त्रिची के हवाईअड्डों के निजीकरण की सिफारिश की थी।
इससे पहले फरवरी, 2019 में लखनऊ, अहमदाबाद, जयपुर, मंगलूरु, तिरुवनंतपुरम और गुवाहाटी हवाईअड्डों के सार्वजनिक-निजी-भागीदारी मॉडल में परिचालन, प्रबंधन और विकास की मंजूरी दी गई थी। प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के तहत फरवरी, 2019 में अदाणी ने छह हवाईअड्डों के संचालन का अधिकार हासिल किया था। अदाणी एंटरप्राइजेज ने 14 फरवरी, 2020 को एएआई के साथ तीन हवाईअड्डों – अहमदाबाद, मंगलूरु तथा लखनऊ के लिए रियायती करार पर हस्ताक्षर किए थे। हालांकि उसने अभी तक अन्य हवाईअड्डों के लिए रियायती करार पर हस्ताक्षर नहीं किए हैं। पुरी ने कहा कि सोमवार को करीब 94,000 लोगों ने यात्रा की। उन्होंने कहा कि साल के अंत तक नागर विमानन क्षेत्र कोविड-19 के पूर्व के स्तर पर होगा।
