महाराष्ट्र में विपक्ष ने शीतकालीन अधिवेशन की पूर्व संध्या पर सरकार द्वारा दी जाने वाली चाय पार्टी के बहिष्कार का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि विपक्ष सरकार द्वारा दी जा रही परंपरागत चाय पार्टी का बहिष्कार करेगा। अतिवृष्टि से फसलों का नुकसान और मराठा और ओबीसी आरक्षण जैसे मुद्दों को सरकार उलझा रही है, इसी वजह से यह निर्णय लिया गया है।
महाराष्ट्र विधानमंडल का शीतकालीन सत्र सात से 20 दिसंबर तक चलेगा। परांपरा के मुताबिक इस सत्र का आयोजन राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में होगा।
महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि हमें चाय पार्टी के लिए राज्य सरकार का निमंत्रण मिला, लेकिन हमें लगता है कि इसमें शामिल होना अनुचित होगा। हमने इस कार्यक्रम का बहिष्कार करने का फैसला किया है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों का हवाला देते हुए, वडेट्टीवार ने दावा किया कि कृषि संकट और कर्ज के कारण महाराष्ट्र में 22,746 किसानों ने आत्महत्या की है। सरकार महाराष्ट्र में कृषि संकट का समाधान करने में विफल रही है। राज्य में बड़े पैमाने पर मादक पदार्थ तस्करी पर कोई अंकुश नहीं है। एनसीआरबी के आंकड़े यह भी बताते हैं कि राज्य में (2022 में) दंगों के 8,218 मामले दर्ज किए गए थे। ऐसे माहौल में, क्या हमारे राज्य में नया निवेश आएगा?
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने पिछले साल फसल खराब होने से नुकसान झेलने वाले प्रत्येक किसान को 50,000 रुपये की वित्तीय सहायता भी नहीं दी है। जिस तरह इस सरकार ने 40 तहसीलों में सूखे की घोषणा की, इससे संदेह पैदा होता है कि यह कदम राजनीति से प्रेरित है। ऐसा प्रतीत होता है कि इन तहसीलों का चयन कुछ राजनेताओं को ध्यान में रखकर किया गया है।
विपक्षी दलों ने शीतकालीन सत्र के एजेंडे पर चर्चा करने के लिए नागपुर में एक बैठक की। सत्र के दौरान अगले 10 दिनों में मराठा आरक्षण की मांग और फसल के नुकसान जैसे मुद्दे हावी होने की संभावना है। इस बैठक में पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण और वडेट्टीवार (दोनों कांग्रेस), विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे (शिवसेना यूबीटी) और राकांपा (शरद पवार गुट) के नेता जयंत पाटिल और अनिल देशमुख शामिल हुए।
विधानभवन में एनसीपी कार्यालय पर दोनों गुटों का दावा
दो गुटों में बंट चुकी एनसीपी के दोनों गुटों ने विधानभवन में पार्टी के कार्यालय दावा किया है। अजित पवार गुट के नेता धरमराव बाबा अत्राम ने दावा किया कि पार्टी कार्यालय उनके गुट का है। इस पर शरद पवार गुट के नेता अनिल देशमुख ने पलटवार करते हुए कहा कि पार्टी कार्यालय उनका ही रहेगा। पार्टी के कुछ सदस्य उन्हें छोड़कर चले गए, लेकिन इसके बावजूद पार्टी कार्यालय उनका ही रहेगा।
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अजित पवार गुट के नेताओं को निशाने पर लेते हुए विधानसभा के स्पीकर से उनके लिए अलग कार्यालय उपलब्ध कराने की मांग की है। इस साल दो जुलाई को राकांपा दो गुटों में बंट गई थी, जिसमें अजित पवार के साथ अन्य आठ विधायक राज्य सरकार में शामिल हो गए थे। पार्टी के इस बंटवारे के बाद ही पार्टी के नाम और चिन्ह को लेकर दोनों गुटों के बीच टकराव भी हुआ।
नागपुर में भारी संख्या में तैनात रहेंगे सुरक्षाकर्मी
महाराष्ट्र विधानसभा के 7 दिसंबर से शुरू होने वाले शीतकालीन सत्र के दौरान नागपुर में कम से कम 11,000 पुलिकर्मी, 40 बम निरोधक दस्ते और राज्य रिजर्व पुलिस बल (SRPF) की 10 कंपनियां समेत अन्य सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे।
पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार और संयुक्त आयुक्त अस्वती दोरजे ने सुरक्षा इंतजाम की तैयारियों के लिए पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की। पुलिस प्रमुख ने कहा कि अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए सशस्त्र पुलिसकर्मियों को विधान भवन के आसपास रणनीतिक रूप से तैनात किया जाएगा।