महाराष्ट्र विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन भी विपक्षी दलों ने राज्य सरकार पर किसानों के मुद्दों, कपास के लिए उच्च न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), प्याज की उचित कीमतों तथा कृषि ऋण माफी संबंधी मांगों पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप लगाया।
वहीं सरकार की तरफ से किसानों को तत्काल मुआवजा तैयार है । किसानों के लिए सरकार कर्ज लेने को भी तैयार है। महाराष्ट्र विधानसभा का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से 20 दिसंबर तक चलेगा।
विपक्षी दलों के विधायकों ने यहां विधान भवन की सीढ़ियों पर खड़े होकर महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। कपास से बनी मालाएं हाथ में लिए हुए, महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के वरिष्ठ नेता इस प्रदर्शन में शामिल हुए। एमवीए में शिवसेना (यूबीटी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) का शरद पवार नीत गुट और कांग्रेस शामिल हैं।
महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि बेमौसम बरसात के कारण किसानों की फसल बर्बाद हो गई। बारिश के कारण फसल के भीगने से कपास उत्पादक बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राज्य सरकार को कपास उत्पादकों को उच्च पारिश्रमिक दिलाना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें मौजूदा संकट से कुछ राहत मिल सकती है।
विपक्षी दलों ने किसान कर्ज माफी, धान की फसल पर 1,000 रुपये के बोनस और कपास के लिए 14,000 रुपये और सोयाबीन के लिए 18,000 रुपये प्रति क्विंटल की एमएसपी के रुप में किसानों को तत्काल राहत देने की मांग की। विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने कहा कि वे सरकार की किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ हैं। हम कपास, सोयाबीन और प्याज के लिए उचित कीमतों की मांग करते हैं।
विधानसभा में विपक्ष के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि किसानों पर बेमौसम बारिश की मार पड़ी है जबकि लाखों किसानों को कपास और सोयाबीन के लिए उचित एमएसपी नहीं मिल रही है। सरकार केवल पंचनामा (सर्वेक्षण) और घोषणाएं कर रही है । हम किसानों के खाते में निधि चाहते हैं न कि घोषणाएं।
विपक्षी दलों की नारेबाजी और मांग पर उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में बेमौसम बारिश, ओलावृष्टि और अकाल से प्रभावित किसानों को तत्काल आर्थिक मदद दी जाएगी। इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से प्रक्रिया शुरु कर दी गई है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने प्रशासन को नुकसानग्रस्त फसलों का सर्वे कराने का आदेश दे दिया है और सर्वे का काम युद्ध स्तर पर चल रहा है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि बेमौसम बारिश से प्रभावित किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को तुरंत किसानों की फसलों का सर्वे करने का आदेश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि विपक्ष ने राज्य सरकार पर कर्ज लेने का आरोप लगाया है, जबकि राज्य सरकार कर्ज लेने और चुकाने की क्षमता रखती है। इसी तरह अगर कर्ज भी लेना पड़ा तो राज्य सरकार किसानों की मदद किये बिना नहीं रहेगी।