चुनावों की तारीख नजदीक आते ही मुंबई में टोल का मुद्दा एक बार फिर गरमाने लगा है। टोल मुद्दे पर राजनीतिक दलों की बढ़ती दिलचस्पी बताती है कि महानगर पालिकाओं के चुनावी जंग में एक बार फिर से टोल टैक्स का मुद्दा हावी रहने वाला है।
मनसे ने सरकार को चेतवानी दी है कि छोटे वाहनों को टोल नाकों पर रोका गया तो टोल बूथों को आग के हवाले किया जाएगा। शिवसेना (उद्धव) भी टोल खत्म करने की मांग कर रही है। इनके साथ ही भाजपा के स्थानीय विधायक भी टोल में छूट देने की सरकार से मांग करने के साथ आंदोलन करने की बात कर रहे हैं।
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने राज्य सरकार को चेतावनी दी कि यदि छोटे वाहनों को टोल शुल्क अदा करने में छूट दिलाने से उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को रोका जाता है तो वे राज्य के टोल बूथों को आग के हवाले कर देंगे।
ठाकरे ने आरोप लगाते हुए कहा कि टोल बूथ राज्य में नेताओं की आजीविका का हिस्सा बन गये हैं। मैंने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से अगले कुछ दिन में मुलाकात के लिए समय मांगा है। देखते हैं कि बैठक में क्या नतीजा निकलता है, अन्यथा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के बयान को ध्यान में रखते हुए मनसे कार्यकर्ता हर टोल बूथ पर जमा होंगे और सुनिश्चित करेंगे कि चार पहिया, तिपहिया तथा दुपहिया वाहनों को टोल शुल्क नहीं देना पड़े।
फडणवीस ने रविवार को कहा था कि छोटे वाहनों को टोल शुल्क अदा करने से छूट है। ठाकरे ने कहा कि पिछले कुछ साल में राज्य में सरकार में आए सभी राजनीतिक दलों में से एक ने भी महाराष्ट्र को टोल मुक्त बनाने का अपना वादा पूरा नहीं किया। उन्हें हर दिन, हर सप्ताह और हर महीने टोल बूथ पर जमा राशि में से हिस्सा मिलता है। इसलिए टोल बूथ कभी बंद नहीं किये जाएंगे और आपको अच्छी सड़कें भी कभी नहीं मिलेंगी। ठाकरे ने यह भी पूछा कि कुछ ही कंपनियों को टोल वसूली का ठेका क्यों मिलता रहता है?
मनसे ने मुलुंड टोल नाके पर किया प्रदर्शन
महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने टोल मुद्दे पर आक्रमक रुख अख्तियार करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया है। ठाणे-पालघर जिला अध्यक्ष अविनाश जाधव ने बताया कि उनकी तरफ से पत्र व्यवहार जारी है। सरकार की तरफ से साल 1999 का एग्रीमेंट दिखाया गया है। उस समय वाहनों की संख्या कम थी। मुलुंड टोल नाका 5 साल पहले ही बंद कर दिया जाना था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और वसूली जारी है।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में टोल प्लाजा बंद करने का मुद्दा सबसे पहले राज ठाकरे की पार्टी ने ही उठाया था। साल 2014 में एनएनएस कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के 8 शहरों में टोल प्लाजा के विरोध में जमकर तोड़ फोड़ किया था, जिसके बाद पूरे महाराष्ट्र के करीब 60 टोल प्लाजा को सरकार ने बंद कर दिया।
एक अक्टूबर में मुंबई में प्रवेश हुआ महंगा
महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) ने एक अक्टूबर से टोल की नई दरें लागू कर दी हैं। टोल की नई दरें 30 सितंबर 2026 तक लागू रहेगी। मुंबई में प्रवेश करने पर वाहन चालकों को अब 40 रुपये की जगह 45 रुपये टोल देना पड़ रहा है।
एमएसआरडीसी एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार हर तीन साल में टोल नाकों पर लगने वाली राशि में बढ़ोतरी होती है। इसी नियम के तहत 1 अक्टूबर से टोल की दरों में वृद्धि की गई है। मुंबई में दाखिल होने के लिए कुल पांच टोल टोल नाका दहिसर, दूसरा एलबीएस रोड-मुलुंड, तीसरा ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे-मुलुंड, चौथा ऐरोली क्रीक ब्रिज और पांचवां वाशी में है।
आदित्य ठाकरे भी टोल बंद करने की कर रहे हैं मांग
मुम्बई में बीएमसी चुनाव से पहले शिवसेना (UBT) के नेता आदित्य ठाकरे ने मुम्बई के प्रवेश द्वार पर मौजूद 5 में से 2 बड़े टोल प्लाजा को बंद करने की मांग कर चुके है। मुम्बई के ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे और वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर स्थित टोल प्लाजा को बंद करने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि बीएमसी में उनकी सत्ता आते ही वो इन दोनों टोल प्लाजा को बंद कर देंगे।
आदित्य का कहना है उनकी पार्टी टोल नाकों को बंद करने के लिए सड़क पर उतरकर आंदोलन नहीं करेंगी क्योंकि ऐसा करने से टोलकर्मियों का नुकसान होगा और ट्रैफिक की वजह से आम लोगों को भी परेशानी उठानी पड़ेगी।
सत्ताधारी विधायकों की मांग, खत्म हो टोल
मीरा भायंदर की विधायक गीता जैन, पूर्व भाजपा विधायक नरेन्द्र मेहता, शिवसेना (शिंदे गुट) के विधायक प्रताप सरनाइक सहित दर्जनों विधायक टोल खत्म करने की मांग कर रहे हैं। ये विधायक मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर जनता को राहत देने की बात कर रहे हैं दरअसल इनकी जीत में टोल का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। लेकिन टोल खत्म नहीं हुआ जिसके कारण इन्हे भय है कि इस बार वह जनता उनसे टोल पर सवाल करेगी।