दूरसंचार उपकरण बनाने वाली चीन की कंपनियों हुआवे टेक्नोलॉजीज और जेडटीई द्वारा भारत को इन उपकरणों की आपूर्ति को लेकर नया मोड़ आ गया है। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री संजय धोत्रे ने कहा कि 5जी नेटवर्क ढांचे के अनुबंधों से इन कंपनियों को बाहर रखने के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं किया जा रहा है। धोत्रे ने सांसदों द्वारा पूछे गए सवाल के लिखित जवाब में बुधवार को यह जानकारी दी।
दूरसंचार कंपनियों को डर था कि चीन की कंपनियों को 5जी परीक्षण और नेटवर्क के विकास में प्रतिभागिता करने पर रोक लगाई जा सकती है। आईटी पर संसदीय समिति के समक्ष दूरसंचार विभाग ने कहा था कि इन कंपनियों के बारे में अंतिम निर्णय गृह मंत्रालय द्वारा लिया जाएगा। यही वजह है कि देश की प्रमुख दूरसंचार ऑपरेटरों ने उन शहरों के लिए मूल उपकरण निर्माताओं के साथ साझेदारी के लिए अतिरिक्त आवेदन दिया, जहां पहले ही वे 5जी परीक्षण के लिए हुआवे या जेडटीई के साथ साझेदारी कर ली है।
सूत्रों के अनुसार हुआवे ने एयरटेल और रिलायंस जियो के साथ बेंगलूरु में 5जी के लिए साझेदारी की है और वोडाफोन आइडिया के साथ दिल्ली के लिए गठजोड़ किया है। जेडटीई ने कोलकाता में 5जी के लिए एयरटेल के साथ हाथ मिलाया है। हालांकि दूरसंचार कंपनियों ने इन शहरों के लिए जुलाई में दूरसंचार विभाग को नया आवेदन दिया था और इसमें नोकिया, एरिक्सन या सैमसंग के साथ साझेदारी की बात कही गई है। एयरटेल ने बेंगलूरु के लिए एरिक्सन और कोलकाता के लिए नोकिया के साथ आवेदन दिया है।
रिलायंस जियो ने बेंगलूरु में अपनी 5जी तकनीक से परीक्षण करने के लिए अतिरिक्त आवेदन जमा कराया है। जियो मुंबई में अपनी तकनीक का परीक्षण कर रही है, हालांकि उसने सैमसंग के साथ भी परीक्षण करने के लिए आवेदन दिया है।
चीन के एक प्रमुख दूरसंचार उपकरण विनिर्माता के वरिष्ठï कार्याधिकारी ने कहा, ‘कई दूरसंचार कंपनियों ने अतिरिक्त आवेदन दिए हैं लेकिन मूल आवेदनों को वापस नहीं लिया गया है।इसलिए हम अभी भी आशान्वित हैं।’ भारत-चीन के बीच सीमा पर बढ़ते विवाद और चीन के उत्पादों पर रोक को देखते हुए दूरसंचार कंपनियों ने अतिरिक्त आवेदन जमा कराए हैं। सीमा पर विवाद से पहले अकमेरिका भी भारत पर चीन के 5जी उपकरणों पर पाबंदी लगाने का दबाव दे रहा था। उसका आरोप था कि इन उपकरणों का उपयोग जासूसी के लिए किया जाता है। हालांकि चीन के कई लोकप्रिय ऐप को प्रतिबंधित करने के बावजूद दूरसंचार विभाग या किसी भी सरकारी विभाग ने चीन के दूरसंचार उपकरण विनिर्माताओं पर रुख स्पष्टï नहीं किया है। दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि सरकार की ओर से कहे जाने पर हम चीन की कंपनियों के साथ दिए गए अपने आवेदन को वापस लेने के लिए तैयार हैं। हालांकि सरकार की ओर से अभी तक ऐसा कुछ नहीं कहा गया है, इसलिए उन्होंनें अपनी तरफ से अतिरिक्त आवेदन जमा कराए हैं।
दूरसंचार कंपनियों का कहना है कि संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पिछले साल जून में वादा किया था कि सरकार 100 दिनों में परीक्षण के लिए 5जी स्पेक्ट्रम देगी लेकिन अब तक सरकार से इसे हरी झंड मिलने का इंतजार है। पिछले साल जून में वायरलेस प्लानिंग ऐंड कोऑर्डिनेशन सेल ने ज्ञापन जारी कर 5जी तकनीक के परीक्षण के दायरे को परिभाषित किया था। इसके अनुरूप वे दूरसंचार कंपनियों को स्पेक्ट्रम आवंटन की तैयारी कर रहे थे। हालांकि दूरसंचार विभाग ने 5जी परीक्षण से पहले सुरक्षा मंजूरी की जरूरत बताई। कई कंपनियों ने सुरक्षा मंजूरी के लिए आवेदन भी किया है लेकिन अब तक इस दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।