बेटियों के बिना कोई भी परिवार पूरा नहीं होता। बिना बेटी के घर को पूरा नहीं माना जाता है। हर व्यक्ति के जीवन में बेटियों का एक अलग महत्व होता है। इसी को देखते हुए हर साल सितंबर महीने के आखिरी रविवार को International Daughters’ Day मनाया जाता है।
क्यों मनाया जाता है International Daughters’ Day
समाज में ऐतिहासिक काल से बेटे और बेटियों के बीच एक खाई रही है। पितृसत्तात्मक सोच वाले लोगों ने हमेशा बेटों और बेटियों के परवरिश में भेदभाव किया गया है। इसी भेदभाव को खत्म करने तथा बेटे और बेटियों के बीच की खाई को खत्म करने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने पहली बार 11 अक्टूबर को 2012 को International Daughters’ Day मनाने का संकल्प लिया। उसके बाद हर साल के आखिरी रविवार को International Daughters’ Day मनाया जाता है।
बेटियों पर गर्व करने का दिन
आज हर क्षेत्र में बेटियां बेटे के साथ ना सिर्फ कदम से कदम मिलाकर चल रही है बल्कि कई क्षेत्रों में उनसे आगे भी है। बेटियां बोझ नहीं, माता-पिता के लिए गर्व का विषय बन रहीं हैं। कई परिवार की सफलता की पहचान बेटियों से है तो कई परिवार का जिम्मा भी बेटियों पर है।