भारत में कोविड-19 के बढ़ते संक्र मण के बीच इस वायरस के नए स्वरूपों की मौजूदगी ने चिंता बढ़ा दी है। वायरस का डबल म्यूटेंट तेजी से फैलता है और ज्यादा लोगों को संक्रमित करता है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों ने आज कहा कि महाराष्ट्र और पंजाब में संक्रमण में तेजी गंभीर चिंता का विषय है। हालांकि सरकार ने साफ किया कि इस समय में देश में कोविड-19 के मामलों में हो रही बेतहाशा बढ़ोतरी का इस विषाणु के किसी भी नए स्वरूप से सीधा वास्ता नहीं है लेकिन यह भी कहा कि महाराष्ट्र में इन स्वरूपों से जुड़े मामलों की संख्या बढ़ रही है। राज्य में डबल म्यूटेंट स्ट्रेन के 200 से अधिक मामले मिले हैं। दिल्ली में नए स्वरूप वाले 9 मामले मिले हैं।
राष्ट्रीय व्याधि नियंत्रण केंद्र के निदेशक सुजीत कुमार सिंह कहते हैं, ‘मामले बढऩे के कई करण हैं और इनमें एक वजह वैसे लोग हैं जिनके संक्रमित होने की आशंका अधिक होती है। जहां भी ऐसे लोगों की तादाद अधिक होगी वहां संक्रमण तेजी से फैलेगा।’ डबल म्यूटेंट दो स्वरूपों -ई484क्यू और एल452आर- का मिश्रण है। ये दोनों स्वरूप पिछले कुछ महीनों से भारत में मौजूद हैं।
डबल म्यूटेशन (कोविड-19 विषाणु के जीन संरचना में बदलाव) होने की वजह से विषाणु शरीर की प्रतिरोधी क्षमता की जद में नहीं आते हैं और तेजी से संक्रमण फैलाते हैं। मंत्रालय ने कहा, ’15 से 20 प्रतिशत नमूनों (संक्रमण के मामलों) में ऐसे बदलाव देखे गए हैं और वे किसी पहले समाने आए विषाणु के स्वरूप से मेल नहीं खाते हैं।’ इंडियन सार्स-कोव-2 कंसोर्टियम ऑन जीनोमिक्स 10 राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का समूह है जिसकी स्थापना स्वास्थ्य मंत्रालय ने जीन में होने वाले बदलाव के अध्ययन के लिए किया था। दिसंबर 2020 में कोविड-19 विषाणु के नए स्वरूप सामने आए थे।
सिंह ने कहा, ‘सार्स-को-2 स्वरूप पिछले छह से आठ महीनों से मौजूद हैं। जिन राज्यों में तेजी दिख रही हैं वहां विषाणु के जीन में अलग तरह के बदलाव हुए हैं।’
राष्ट्रीय व्याधि नियंत्रण केंद्र के निदेशक सुजीत कुमार सिंह ने कहा कि इस बात का ठोस प्रमाण नहीं मिला है कि विदेश से आने वाले लोगों की वजह से देश में कोविड-19 के मामलों में तेजी दिखी है। सरकार ने जोर दिया है कि दोनों टीके विषाणु के नए स्वरूप के लिए कारगर रहे हैं। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के निदेशक बलराम भार्गव ने कहा, ‘इस बात के प्रमाण मौजूद हैं कि कोविड-19 टीके ब्रिटेन और ब्राजील में पाए गए कोविड-19 के स्वरूपों की रोकथाम में प्रभावी हैं। दक्षिण अफ्रीका में उभरे स्वरूप पर अध्ययन जारी है।’
ब्रिटेन, ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में पाए गए स्वरूप भारत के लिए चिंता के अहम विषय हैं। अब तक देश के 18 राज्यों में ये स्वरूप पाए गए हैं। अब तक भारत में इन स्वरूपों से जुड़े 771 मामले सामने आए हैं। इनमें 736 नमूने ब्रिटेन में सामने आए स्वरूप से संक्रमित पाए गए हैं।