प्रधानमत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार के सभी मंत्रालयों और विभागों को रिक्तियों का पता लगाने तथा 2024 तक 10 लाख से अधिक लोगों की भर्तियां करने के निर्देश दिए हैं। आलोचक लगातार कहते रहे हैं कि सरकार पर्याप्त नौकरियां सृजित करने में विफल रही है और कोविड-19 के बाद बेरोजगारी काफी बढ़ गई है। केंद्र सरकार के विभागों में बड़ी संख्या में रिक्तियों का भी मामला उठाया गया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय ने आज एक ट्वीट में कहा, ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी विभागों और मंत्रालयों के मानव संसाधन की स्थिति की समीक्षा की और अगले डेढ़ साल में मिशन की तरह 10 लाख से ज्यादा भर्तियां करने के निर्देश दिए।’ मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं को संबोधित करते हुए सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने भी कहा कि केंद्र सरकार के सभी विभागों और मंत्रालयों को जल्द से जल्द रिक्तियों का पता लगाने और प्राथमिकता के आधार पर लोगों को नियुक्त करने के लिए कहा गया है।
सातवें वेतन आयोग के अनुसार 2006 से 2014 के बीच केंद्र सरकार में हर साल औसतन 1 लाख से कुछ अधिक नई भर्तियां हुई थीं। इसके बाद का आधिकारिक आंकड़ा उपलब्ध नहीं है। वेतन आयोग ने कहा था कि देश के श्रम बल में कुल नए लोगों की भर्तियों में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी काफी कम है।
अगले 18 महीने में लाखों भर्तियां करने के निर्णय का अर्थ है कि भारतीय जनता पार्टी 2024 के लोकसभा चुनावों में बेरोजगारी के मुद्दे पर विपक्ष की आलोचना का करारा जवाब देगी। देश में अगले आम चुनाव अप्रैल-मई 2024 में होने की संभावना है।
बजट दस्तावेज के अनुसार 31 मार्च, 2022 को केंद्रीय कर्मचारियों की संख्या 34.6 लाख थी। वेतन एवं भत्ते पर व्यय विभाग की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार कुल स्वीकृत पद 41 लाख हैं। ऐसे में तकरीबन 6.40 लाख पद खाली हैं और केंद्र सरकार को अगले 18 महीने में 3.60 लाख नए पद सृजित करने होंगे।
विभिन्न विधानसभा चुनावों के दौरान विपक्षी दल बेरोजगारी के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को घेरने का प्रयास करते रहे हैं। मगर पार्टी कल्याणकारी योजना, विकास और हिंदुत्व के सहारे आलोचनाओं का सफलतापूर्वक जवाब देती रही है। सरकार यह भी कहती रही है कि विभिन्न कार्यक्रमों के जरिये उसने उद्यमशीलता और कुल रोजगार सृजन को बढ़ावा दिया है।