facebookmetapixel
नवंबर में थोक महंगाई शून्य से नीचे, WPI -0.32 प्रतिशत पर रही; खाद्य तेल व दलहन पर निगरानी जरूरीई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनी फ्लिपकार्ट का मुख्यालय सिंगापुर से भारत आएगा, NCLT ने दी मंजूरीघने कोहरे और गंभीर प्रदूषण से उत्तर भारत में 220 उड़ानें रद्द, दिल्ली में कक्षाएं ऑनलाइन चलेंगीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे अम्मान, भारत-जॉर्डन द्विपक्षीय संबंधों में प्रगाढ़ता का नया अध्यायपहली छमाही की उठापटक के बाद शांति, दूसरी छमाही में सेंसेक्स-निफ्टी सीमित दायरे में रहेडॉलर के मुकाबले लगातार फिसलता रुपया: लुढ़कते-लुढ़कते 90.80 के रिकॉर्ड निचले स्तर तक पहुंचाभारत के निर्यात ने रचा रिकॉर्ड: 41 महीने में सबसे तेज बढ़ोतरी से व्यापार घाटा 5 महीने के निचले स्तर परमनरेगा बनेगा ‘वीबी-जी राम जी’, केंद्र सरकार लाने जा रही है नया ग्रामीण रोजगार कानूनGST कटौती का असर दिखना शुरू: खपत में तेजी और कुछ तिमाहियों तक बढ़ती रहेगी मांगविदेशी कोषों की बिकवाली और रुपये की कमजोरी का असर: शेयर बाजार मामूली गिरावट के साथ बंद

रक्षा आयात पर लगाम से एलऐंडटी, भारत फोर्ज के लिए बड़े मौके

Last Updated- December 15, 2022 | 3:33 AM IST

रक्षा साजो सामान के आयात पर लगाम कसने, इसकी समयसीमा को लेकर स्पष्टता की सरकारी घोषणा और मेक इन इंडिया पहल को मजबूती रक्षा क्षेत्र को आपूर्ति करने वाली सभी कंपनियों के लिए बेहतर साबित हुई है। सरकारी स्वामित्व वाली पीएसयू भारत इलेक्ट्रॉनिक्स, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स, भारत डायनेमिक्स और कोचीन शिपयार्ड चीन-भारत विवाद और रक्षा क्षेत्र को प्राथमिकता मिलने के कारण पहले से ही सुर्खियों में है, लिहाजा उनके ऑर्डर में मजबूती देखने को मिली है।
10 उपकरणों की विस्तृत सूची की हालिया घोषणा में इन साजो सामान के आयात पर चरणबद्ध तरीके से लगाम कसे जाने की बात कही गई है, जो न सिर्फ पीएसयू को लाभान्वित करेगा बल्कि निजी कंपनियों मसलन एलऐंडटी, भारत फोर्ज, एस्ट्रा माइक्रोवेव, वालचंदनगर इंडस्ट्रीज, तनेजा एयरोस्पेस और कई अन्य को भी इसका फायदा मिलेगा।
ऐसे में आश्चर्य नहीं होता कि रक्षा क्षेत्र की पीएसयू के शेयर सोमवार को 9.2 फीसदी तक चढ़ गए जबकि एलऐंडटी, भारत फोर्ज और एस्ट्रा में 10 फीसदी तक की उछाल दर्ज हुई।
रक्षा क्षेत्र की पीएसयू को तेजी से मंजूरी और ऑर्डर को हरी झंडी, क्रियान्वयन व भुगतान से फायदा होगा। येस सिक्योरिटीज के उमेश राउत का कहना है कि निजी क्षेत्र में उनके वेंडरों को भी इसका फायदा मिलेगा।
पांच से सात वर्षों में 4 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित ऑर्डर को देखते हुए निजी क्षेत्र की कंपनियां ऐसे मौके हासिल करने के लिए निवेश बढ़ा सकती हैं। एडलवाइस के विश्लेषकों ने कहा, अहम है समयबद्ध मंजूरी और विशिष्ट सामानों के आयात पर रोक, जिससे खास तौर से निजी क्षेत्र के विनिर्माताओं को बेहतर तैयारी और वैल्यू चेन में ज्यादा निवेश प्रतिबद्धता में मदद करेगा।
यहां तक कि एलऐंडटी जैसी कंपनी रक्षा क्षेत्र का राजस्व में योगदान 5 फीसदी से कम देख रही है, लेकिन राउत का मानना है कि कंपनी की नजर सालाना कम से कम 3,000 से 4,000 करोड़ रुपये के ऑर्डर पर है। एलऐंडटी पहले ही बीईएमएल जैसी कंपनी को सर्वत्र ब्रिज सिस्टम रक्षा बलों को मुहैया कराने में मदद कर रही है और उनमें और गठजोड़ हो सकता है। रक्षा अनुबंध अपने दम पर पूरा करने में सक्षम एलऐंडटी अकेले भी आगे बढऩे पर विचार कर सकती है। अन्य कंपनी मसलन भारत फोर्ज को अपने उत्पादों मसलन गन माउंटेड ट्रक में मौका मिलेगा, वहीं अशोक लीलैंड को वाणिज्यिक ट्रकों में मौके दिखेंगे। यह कहना है ईलारा कैपिटल के हर्षित कपाडिय़ा का। कपाडिय़ा का मानना है कि एलऐंडटी व भारत फोर्ज को निजी कंपनियों में सबसे ज्यादा फायदा होगा।
एडलवाइस ने भारत फोर्ज की लक्षित कीमत 370 रुपये से 500 रुपये कर दी है, क्योंंकि उसके रक्षा कारोबार में मजबूूती आने की संभावना है। उनकी अन्य पसंद बीईएल है, जिसका लक्षित भाव 110 से 140 रुपये कर दिया गया है क्योंकि ब्रोकरेज ने उसका पीई गुणक 14 गुने से 18 गुना कर दिया है।
कपाडिय़ा ने कहा, बीईएमएल को मेट्रो रेल ऑर्डर में बढ़त दिख रही है। इसके अलावा उसे रक्षा क्षेत्र में भविष्य और सुधरता नजर आ रहा है, जो अभी उसके राजस्व में 10 फीसदी का योगदान करता है।

First Published - August 10, 2020 | 11:27 PM IST

संबंधित पोस्ट