आगामी सर्दियों में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वायु प्रदूषण पर नियंत्रण पाने के लिए केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 5 राज्यों लिए कार्ययोजना तैयार की है।
दिल्ली, उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान के साथ चर्चा के दौरान पर्यावरण मंत्रालय ने उनसे कहा है कि वे पराली जलाने पर रोकथाम के अलावा वायु प्रदूषण के हिसाब से अपने संवेदनशील इलाकों, निर्माण स्थलों, कचरा प्रबंधन पर नजर रखें। बैठक में पंजाब ने कहा कि जिन इलाकों में पराली जलाने के मामले आते हैं, वहां सरकार जागरूकता अभियान चलाएगी।
केंद्र ने दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में 24 हॉटस्पॉट चिह्नित किए हैं। राज्यों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक में केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्री प्रकाश जावडेकर ने इन राज्यों से कहा कि वे अपनी तैयारियों का जायजा लें और फसल का अवशेष जलाए जाने की गतिविधियों को रोकने के लिए कदम उठाएं।
इस बैठक में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों, डीडीए और एनडीएमसी ने हिस्सा लिया। जावडेकर ने कहा कि सीपीसीबी पराली जलाए जाने के मामलों की रोज निगरानी करेगा और उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।
मंत्री ने कहा कि पराली जलाने के अलावा कूड़ा जलाने, धूल, खराब सड़कों जैसी अन्य वजहें हैं जिनके कारण राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण बढ़ता है। जावडेकर ने कहा, ‘फसलों के अवशेष नष्ट करने के लिए केंद्र सरकार ने मशीनें दी हैं। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद ने डिकंपोजर तकनीक विकसित की है, जिसे राज्यों में इस साल प्रायोगिक तौर पर इस्तेमाल किया जाएगा।’