facebookmetapixel
पांच साल में 479% का रिटर्न देने वाली नवरत्न कंपनी ने 10.50% डिविडेंड देने का किया ऐलान, रिकॉर्ड डेट फिक्सStock Split: 1 शेयर बंट जाएगा 10 टुकड़ों में! इस स्मॉलकैप कंपनी ने किया स्टॉक स्प्लिट का ऐलान, रिकॉर्ड डेट जल्दसीतारमण ने सभी राज्यों के वित्त मंत्रियों को लिखा पत्र, कहा: GST 2.0 से ग्राहकों और व्यापारियों को मिलेगा बड़ा फायदाAdani Group की यह कंपनी करने जा रही है स्टॉक स्प्लिट, अब पांच हिस्सों में बंट जाएगा शेयर; चेक करें डिटेलCorporate Actions Next Week: मार्केट में निवेशकों के लिए बोनस, डिविडेंड और स्प्लिट से मुनाफे का सुनहरा मौकाEV और बैटरी सेक्टर में बड़ा दांव, Hinduja ग्रुप लगाएगा ₹7,500 करोड़; मिलेगी 1,000 नौकरियांGST 2.0 लागू होने से पहले Mahindra, Renault व TATA ने गाड़ियों के दाम घटाए, जानें SUV और कारें कितनी सस्ती हुईसिर्फ CIBIL स्कोर नहीं, इन वजहों से भी रिजेक्ट हो सकता है आपका लोनBonus Share: अगले हफ्ते मार्केट में बोनस शेयरों की बारिश, कई बड़ी कंपनियां निवेशकों को बांटेंगी शेयरटैक्सपेयर्स ध्यान दें! ITR फाइल करने की आखिरी तारीख नजदीक, इन बातों का रखें ध्यान

US sanctions: चीन के चिप उद्योग पर अमेरिका का बड़ा वार, क्या तकनीकी दौड़ में पिछड़ जाएगा चीन?

यह कदम चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को और मुश्किल बना सकता है।

Last Updated- November 28, 2024 | 5:26 PM IST
India's own strategy in view of the possibility of US-China trade war अमेरिका-चीन व्यापार युद्ध की आशंका को देखते हुए भारत की अपनी रणनीति

अमेरिका चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग पर एक और बड़ा वार करने की तैयारी में है। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका करीब 200 चीनी कंपनियों को व्यापार प्रतिबंध लिस्ट में डालने जा रहा है। इनमें चिप बनाने वाले उपकरण और सामग्री सप्लाई करने वाली प्रमुख कंपनियां शामिल हैं।

चीन की आत्मनिर्भरता पर असर

यह कदम चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग को आत्मनिर्भर बनाने के प्रयासों को और मुश्किल बना सकता है। इस लिस्ट में हुवावे टेक्नोलॉजीज और उससे जुड़े चिप निर्माण प्लांट्स को भी निशाना बनाया गया है। हुवावे 2019 से ही अमेरिकी प्रतिबंधों का सामना कर रहा है। अमेरिका के ये नए प्रतिबंध चीन की चिप सप्लाई चेन को बुरी तरह प्रभावित कर सकते हैं। इनसे वेंचर कैपिटल और विशेष गैस सप्लाई करने वाली कंपनियों पर भी असर पड़ने की आशंका है।

चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने इन प्रतिबंधों की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि ये कदम दोनों देशों के आर्थिक संबंधों को नुकसान पहुंचा रहे हैं और चीन अपने व्यापारिक हितों की रक्षा के लिए जवाबी कार्रवाई करेगा। अमेरिका और चीन के बीच तकनीकी विवाद और गहरा हो गया है। अमेरिका के इन प्रतिबंधों का उद्देश्य चीन को एडवांस तकनीकों तक पहुंच से रोकना है, जिनसे उसकी सैन्य ताकत बढ़ सकती है।

पिछले प्रतिबंधों के तहत, अमेरिका ने चीन के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) उद्योग को Nvidia और ASML जैसी कंपनियों की एडवांस चिप्स और उपकरणों से वंचित कर दिया था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह नया कदम चीन के सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए बड़ा झटका होगा।

चीन के आत्मनिर्भरता के प्रयास

अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद, चीन सेमीकंडक्टर उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने की कोशिश कर रहा है। चीन ने कम एडवांस चिप निर्माण उपकरण बनाने में प्रगति की है, लेकिन लिथोग्राफी और अन्य हाई-टेक उपकरणों के लिए अभी भी आयात पर निर्भर है।

चीन की ताकत एचिंग और फिल्म डिपोजिशन तकनीक में है। नॉरा टेक्नोलॉजी ग्रुप और एडवांस्ड माइक्रो-फैब्रिकेशन इक्विपमेंट जैसी कंपनियों की मांग बढ़ रही है। चीन विदेशी कंपनियों के साथ अपने व्यापार संबंध मजबूत करने की कोशिश कर रहा है। हाल ही में चीन के वाइस-कॉमर्स मंत्री वांग शोवेन ने एनवीडिया के ग्लोबल ऑपरेशन हेड से मुलाकात की और चीन में निवेश के अवसरों पर जोर दिया।

चीन की जवाबी कार्रवाई

चीन ने ताइवान को अमेरिकी हथियार बिक्री के बाद नौ अमेरिकी रक्षा कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए, उनकी संपत्तियां फ्रीज कीं और उन्हें चीनी कंपनियों के साथ व्यापार करने से रोक दिया। हुवावे जैसी चीनी कंपनियां अब शोध और विकास में भारी निवेश कर रही हैं ताकि विदेशी उपकरणों पर निर्भरता कम हो सके और घरेलू तकनीक को बढ़ावा दिया जा सके।

अमेरिका-चीन विवाद, सेमीकंडक्टर प्रतिबंध, हुवावे, चीन का सेमीकंडक्टर उद्योग, अमेरिकी प्रतिबंध, तकनीकी विवाद, चीन की आत्मनिर्भरता, नॉरा टेक्नोलॉजी ग्रुप, एनवीडिया, शोध और विकास

First Published - November 28, 2024 | 5:26 PM IST

संबंधित पोस्ट