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इमरान खान ने की PML-N, PPP की सरकार बनाने के लिए हुई धांधली के खिलाफ मांग, कहा-देशद्रोह की हो कार्यवाही

इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP), PTI की कई सीट को अन्य राजनीतिक दलों को आवंटित नहीं कर सकता है।

Last Updated- March 17, 2024 | 8:02 PM IST
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के कुछ नेता सैन्य प्रतिष्ठान के संपर्क में हैं : इमरान खान , Some leaders of Pakistan Tehreek-e-Insaf are in touch with military establishment: Imran Khan

Pakistan Elections: पाकिस्तान की जेल में बंद पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने फरवरी में हुए आम चुनाव में कथित तौर पर जनादेश चुराने और प्रतिद्वंद्वी PML-N एवं PPP को सत्ता तक पहुंचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ देशद्रोह की कार्यवाही शुरू करने की मांग की है।

खान की यह टिप्पणी तब आई जब उन्होंने शनिवार को अल-कादिर ट्रस्ट भ्रष्टाचार मामले की सुनवाई के बाद पत्रकारों से बात की। इस मामले में इमरान के अलावा उनकी पत्नी बुशरा बीबी, सहयोगी फराह गोगी और दिग्गज कारोबारी मलिक रियाज भी शामिल है। पाकिस्तान में आठ फरवरी को हुए आम चुनाव में धांधली के आरोप लगे थे।

इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) द्वारा समर्थित 90 से अधिक निदर्लीय उम्मीदवारों ने नेशनल असेंबली के चुनाव में जीत दर्ज की है जो सबसे अधिक है। लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के नेतृत्व वाली पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) और पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो के नेतृत्व वाली पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) ने चुनाव के बाद समझौता किया और देश में गठबंधन की सरकार बनाई।

PTI का कहना है कि नई सरकार जनादेश चुराकर बनाई गई है। ‘डॉन’ अखबार की रिपोर्ट के अनुसार, खान ने शनिवार को दावा किया कि उनकी पार्टी को तीन करोड़ से अधिक वोट मिले, जबकि बाकी 17 राजनीतिक दलों को संयुक्त रूप से इतने ही वोट मिले।

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने चुनाव में अनियमितताओं को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के सामने उठाया और गैर-सरकारी संगठनों ने भी चुनावी प्रक्रिया में खामियां बताईं। इस बीच, चुनावों में कथित धांधली के खिलाफ अमेरिका में आईएमएफ के मुख्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया गया।

खान (71) ने अपनी टिप्पणी में आईएमएफ कार्यालय के बाहर प्रदर्शन का समर्थन किया लेकिन प्रदर्शनकारियों द्वारा सेना के खिलाफ लगाए गए नारों से किनारा कर लिया। खान ने कहा, ‘‘पहले पीटीआई को एक साजिश के तहत उसके चुनाव चिह्न बल्ला से वंचित किया गया और फिर उसे आरक्षित सीट में उसके हिस्से से वंचित कर दिया गया।’’

उन्होंने जनादेश चुराने वाले अधिकारियों के खिलाफ संविधान के अनुच्छेद-6 के तहत देशद्रोह की कार्यवाही शुरू करने की मांग की। खान ने कहा कि आरक्षित सीट को लेकर पेशावर उच्च न्यायालय (PHC) के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान चुनाव आयोग (ECP), PTI की कई सीट को अन्य राजनीतिक दलों को आवंटित नहीं कर सकता है। पीटीआई को झटका देते हुए, पीएचसी ने गुरुवार को सर्वसम्मति से सुन्नी इत्तेहाद परिषद की याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें राष्ट्रीय और प्रांतीय विधानसभाओं में महिलाओं और अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित सीट अन्य दलों को आवंटित करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी गई थी।

आठ फरवरी का चुनाव जीतने वाले पीटीआई समर्थित निर्दलीय सांसद आरक्षित की गई कई सीट में हिस्सा पाने के लिए सुन्नी इत्तेहाद परिषद में शामिल हो गए। ‘सुन्नी इत्तेहाद परिषद’ पाकिस्तान में इस्लामी राजनीतिक और बरेलवी धार्मिक दलों का राजनीतिक गठबंधन है।

खान ने कहा कि आठ फरवरी का चुनाव एक ‘फिक्स मैच’ था जिसमें चुनाव आयोग और कार्यवाहक सरकार आपस में मिले हुए थे। खान ने आगामी सीनेट चुनाव को भी ‘फिक्स्ड मैच’ करार दिया। द्विसदनीय संसद के ऊपरी सदन ‘सीनेट’ के लिए चुनाव दो अप्रैल को होंगे।

First Published - March 17, 2024 | 8:02 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)

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