चीन से व्यापार समझौता पूरा करने के बाद अब अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने कहा है कि भारत के साथ जल्द एक ‘बड़ा’व्यापार समझौता हो सकता है। ट्रंप ने गुरुवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘हमने चीन के साथ एक व्यापार समझौता पूरा कर लिया है। मगर हम सभी के साथ व्यापार समझौते नहीं करने वाले हैं। हां, कुछ और बड़े सौदे जरूर करेंगे और एक ऐसे ही समझौते की घोषणा जल्द हो सकती है। यह समझौता भारत के साथ होगा जो काफी ‘बड़ा’ होगा। हम भारत के लिए दरवाजे खोल रहे हैं।‘
ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है जब व्यापार समझौते पर बातचीत के लिए मुख्य वार्ताकार राजेश अग्रवाल की अगुआई में भारत से एक प्रतिनिधिमंडल अमेरिका गया हुआ है। अमेरिका और भारत के प्रतिनिधियों के बीच आमने-सामने हो रही मौजूदा बैठक काफी अहम है। इन बातचीत का महत्त्व इसलिए भी बढ़ गया है कि अमेरिका ने विभिन्न देशों के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौते करने के लिए 9 जुलाई तक की समय सीमा तय की थी जो अब नजदीक आ रही है।
दोनों ही पक्ष प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार सौदे का पहला भाग जल्द से जल्द पूरा कर लेना चाहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति ट्रंप ने इस साल फरवरी में दोनों देशों के बीच एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते की घोषणा की थी। हालांकि, 2 अप्रैल को ट्रंप ने भारत सहित दुनिया के अन्य देशों पर जवाबी शुल्क लगाने की घोषणा कर दी थी। उन्होंने भारत पर भी 26 प्रतिशत शुल्क लगा दिया था। मगर बाद में उन्होंने अलग-अलग देशों के साथ व्यापार सौदे करने के लिए इन शुल्कों को 90 दिनों के लिए टाल दिया था। मगर सभी देशों पर अतिरिक्त 10 प्रतिशत का शुल्क बरकरार रखा गया था।
एक संवाददाता सम्मेलन में व्हाइट हाउस की प्रवक्ता कैरोलाइन लिविट ने कहा कि ट्रंप प्रशासन 9 जुलाई की समय सीमा आगे बढ़ाने पर भी विचार कर सकता है। अमेरिका के वित्त मंत्री स्कॉट बेसंट ने भी कहा कि व्यापार समझौते श्रम दिवस (1 सितंबर, 2025) के अवकाश तक पूरे हो सकते हैं। बेसंट का बयान इस बात का संकेत माना जा रहा है कि कुछ बातचीत 9 जुलाई की समय सीमा से आगे भी जारी रह सकती है।
समझा जा रहा है कि भारत ने गैर-कृषि उत्पादों पर शून्य शुल्क लगाने का प्रस्ताव दिया है। मगर इसके बदले में भारत चाहता है कि अमेरिका उस पर 26 प्रतिशत और अतिरिक्त 10 प्रतिशत शुल्क हटा दे।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने इस सप्ताह के आरंभ में कहा था कि भारत 9 जुलाई तक शुरुआती व्यापार समझौता करने के लिए उतावला नहीं है। व्यापार विशेषज्ञों ने आगाह किया है कि भारत को अपनी शर्तों से पीछे नहीं हटना चाहिए और पारस्परिक, संतुलित एवं पारदर्शी समझौता करने पर जोर देना चाहिए।