कमर्शियल विमान बनाने वाली विश्व की सबसे बड़ी कंपनी एयरबस ने घोषणा की है कि धातु की बढ़ती कीमतों और यूरो के मुकाबले डॉलर के गिरते मूल्य की वजह से कंपनी विमानों के दाम बढ़ाएगी।
कंपनी ने बताया कि ए320 श्रृंखला के विमानों की कीमतें में एक मई से औसतन 20 लाख डॉलर की बढ़ोतरी की जाएगी। वहीं कुछ दूसरी सीरीज के विमानों के दाम में औसतन 40 लाख की बढ़ोतरी की जाएगी।
एयरबस ने एक बयान जारी कर कहा, ‘कीमतों में बढ़ोतरी की मुख्य वजह अमेरिकी मुद्रा का कमजोर पड़ना और विश्व भर में धातु के कीमतों में तेजी है।’ डॉलर में कमजोरी की वजह से एयरबस और उसके समूह की यूरोपीय एयरोनॉटिक्स और डिफेंस ऐंड स्पेस कॉरपोरेशन के राजस्व में कमी आई है।
धातु की कीमतों मे लगी आग से भी कंपनी के मुनाफे पर असर पड़ा है। उदाहरण के लिए पिछले एक वर्ष में एलयुमिनियम के कीमतों में 28 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। एयरबस का सबसे सस्ता और छोटा मॉडल ए318 भी मई से 5.91 करोड़ डॉलर में बिकेगा। कंपनी के ए330-200 मॉडल को खरीदने के लिए 18.09 करोड़ डॉलर और डबल डेक ए380 सुपर जम्बो मॉडल को खरीदने के लिए 32.74 करोड़ डॉलर चुकाने पड़ेंगे।
ईएडीएस को पिछले पांच सालों में पहली बार 2007 में घाटा उठाना पड़ा था। एयरबस के सीईओ टॉम एंडर्स ने कहा कि यूरोपीय फैक्ट्रियों की बिक्री बढ़ाई जाए या नहीं इस पर अगले कुछ हफ्तों में निर्णय लिया जाएगा। ए380 और ए400 सैन्य विमानों की बिक्री को लेकर हुए विलम्ब के बाद से एयरबस जर्मनी, ब्रिटेन और फ्रांस की फैक्ट्रियों को बेचने का मन बना रही है।