Yogi cabinet meeting in Ayodhya : उत्तर प्रदेश से निर्यात बढ़ाने के लिए अब जल मार्ग का भी उपयोग होगा। प्रदेश सरकार ने जलमार्ग प्राधिकरण का गठन करने के साथ यहां से बहने वाली 12 प्रमुख नदियों में जल परिवहन शुरू करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दी है। धार्मिक एजेंडे को धार देते हुए प्रदेश की योगी सरकार ने अयोध्या, देवीपाटन और शुक्रतीर्थ विकास परिषद के गठन का भी फैसला किया है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में गुरुवार को राम नगरी अयोध्या में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में तीन तीर्थ क्षेत्र विकास परिषदों के गठन, मंदिर संग्रहालय, अयोध्या अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है।
योगी सरकार के दूसरे कार्यकाल में यह पहली बार हुआ है जब मंत्रिपरिषद की बैठक राजधानी लखनऊ के स्थान पर अयोध्या में आयोजित की गई। योगी सरकार के पहले कार्यकाल में जनवरी 2019 में कुंभ मेले के दौरान प्रयागराज में मंत्रिपरिषद की बैठक बुलाई गई थी।
मंत्रिपरिषद की बैठक में पेश अधिकांश प्रस्ताव अयोध्या व अन्य तीर्थ स्थानों में कराए जाने वाले विकास कार्यों से संबंधित रहे। अयोध्या धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन के साथ ही यहां 25 एकड़ भूमि में मंदिर म्यूजियम बनाने, अयोध्या शोध संस्थान को अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान का दर्जा देने के साथ ही विभिन्न मेलों को राजकीय मेलों का दर्जा दिए जाने संबंधी प्रस्तावों पर मुहर लगी।
गुरुवार को हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के फैसलों की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बताया कि उत्तर प्रदेश में पहली बार अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई इससे जलमार्ग यातायात की राह आसान हुई है।
मंत्रिपरिषद ने गुरुवार को कुल 14 महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई है। उन्होंने कहा कि अयोध्या के समग्र विकास के लिए पहले से ही केंद्र और राज्य के सहयोग से 178 परियोजनाएं चल रही हैं, जिसके अंतर्गत 30,500 करोड़ से अधिक की राशि खर्च की जा रही है। उन्होंने बताया कि सबसे पहला प्रस्ताव उत्तर प्रदेश में पहली बार अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के गठन का था, जिसे मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इनलैंड वाटरवे अथॉरिटी उत्तर प्रदेश में जल यातायात को बढ़ावा देने में मदद करेगी। इसके माध्यम से वाटर स्पोर्ट्स की एक्टिविटी को भी तेजी से आगे बढ़ाने, पर्यटन की सुविधाओं में बढ़ोतरी के साथ-साथ उत्तर प्रदेश को एक्सपोर्ट के एक हब के रूप में विकसित करने में मदद मिलेगी। यह अथॉरिटी भारत सरकार के साथ मिलकर कार्य करेगी और उत्तर प्रदेश को अपने परंपरागत उत्पादों को दुनिया के मार्केट में पहुंचाने के लिए सुविधा विकसित होगी।
योगी ने कहा कि अयोध्या में भव्य मंदिर बनने के बाद श्रद्धालु और भक्तों की जो बड़ी संख्या यहां आने वाली है उसको ध्यान में रखते हुए यहां पर श्री अयोध्या धाम तीर्थ विकास परिषद के गठन का प्रस्ताव भी पारित किया गया है। इसके साथ ही मां पाटेश्वरी धाम देवीपाटन तीर्थ विकास परिषद के गठन की प्रक्रिया के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई है। इसके अलावा शुक्रतीर्थ विकास परिषद के प्रस्ताव को भी पारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि अयोध्या के माझा जमथरा में 25 एकड़ भूमि को मंदिर म्यूजियम के लिए देने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। इसके साथ ही, अयोध्या में अयोध्या शोध संस्थान को विस्तार देते हुए अंतरराष्ट्रीय शोध संस्थान का दर्जा दिए जाने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद ने प्रदेश में होने वाले विभिन्न मेलों के प्रांतीयकरण के प्रस्ताव को भी पारित किया है।
हाथरस में दाउजी महाराज की स्मृति में होने वाले ब्रज की द्वार देहरी लक्खी मेले को राजकीय मेले का दर्जा देने का निर्णय लिया गया है। इसके अतिरिक्त अयोध्या में जितने भी मेले लगेंगे चाहे वो कार्तिक पूर्णिमा का मेला हो, रामनवमी, दीपोत्सव या मकर संक्रांति और वसंत पंचमी का मेला हो, इन सभी को राजकीय मेले का दर्जा दिया गया है, ताकि आने वाले समय में इनके आयोजन में धन की कमी न होने पाए।
इसके अलावा बुलंदशहर के अनूपशहर में होने वाले कार्तिक पूर्णिमा मेले, काशी में देव दीपावली के कार्यक्रम को भी राजकीय मेले का दर्जा दिया गया है। महराजगंज जिला स्थित सोहगीबरवा वन्यजीव प्रभाग में ईको टूरिज्म को बढ़ाने के लिए पर्यटकों को बुनियादी सुविधाएं देने का निर्णय लिया गया है।
Also read: IFFC : वाराणसी में सांस्कृतिक पर्यटन पर शॉर्ट फिल्म महोत्सव
एक अन्य फैसले में मंत्रिपरिषद ने ड्रोन पॉलिसी को भी मंजूरी दी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि ड्रोन आज बहुत उपयोगी हो चुका है। फोटोग्राफी, वीडियोग्राफी के साथ-साथ एग्रीकल्चर और सिक्योरिटी के क्षेत्र में इसका उपयोग हो रहा है। इसके दुरुपयोग की भी आशंका है, इसलिए राज्य सरकार ने भारत सरकार के सिविल एविएशन एक्ट के अंतर्गत इस पॉलिसी के लिए राज्य स्तर पर एक नियमावली लागू कर रहे हैं।
नियमावली के तहत ड्रोन की गतिविधियों को थाना स्तर से भी निगरानी की जा सकेगी कि वहां कितने ड्रोन मौजूद हैं, किस तरह के उपयोग के लिए हैं। राज्य के अंदर भी भी रेड, ग्रीन और येलो जोन निर्धारित करने के लिए भी कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने बताया कि विधानसभा का शीतकालीन सत्र 28 नवंबर से प्रारंभ होगा।