राम मंदिर के निर्माण का पहला चरण पूरा होने के साथ उत्तर प्रदेश सरकार अयोध्या में मठों, मंदिरों, धर्मशालाओं और व्यावसायिक भूखंडों का पंजीकरण शुरू करेगी। दीवाली के मौके पर अयोध्या में बनने वाली नई टाउनशिप में इन संस्थाओं के लिए भूखंडों का पंजीकरण शुरू कर दिया जाएगा।
अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के साथ ही अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट व रेलवे स्टेशन का निर्माण पूरा होने के करीब है और इसी के साथ यहां भूखंडों की मांग तेजी से बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश आवास विकास परिषद रामनगरी में 1854 एकड़ में नव्य अयोध्या के नाम से नई टाउनशिप बसा रही है। नव्य अयोध्या परियोजना के लिए आवास विकास ने माझा, बरहटा, तरुवा और शहनवाजपुर में जमीन की खरीद की है।
परिषद अधिकारियों का कहना है कि धनतेरस के दिन से नव्य अयोध्या में भूखंडों के लिए पंजीकरण की शुरुआत की जाएगी जो 24 नवंबर तक चलेगी। इसके बाद अगले ही दिन 25 नवंबर को भूखंडों का आवंटन होगा।
गुरुवार को होने वाली आवास विकास परिषद की बोर्ड बैठक में नव्य अयोध्या के भूखंडों की दरों व नीलामी प्रक्रिया आदि को मंजूरी दी जाएगी। अनुमान है कि मठों व मंदिरों के लिए भूखंड की दर 50 से 55,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर हो सकती है। भूखंडों के लिए आवेदन केवल ऑनलाइन किए जा सकेंगे।
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नव्य अयोध्या में व्यावसायिक भूखंडों के लिए ऑनलाइन नीलामी की प्रक्रिया संचालित की जाएगी। होटलों, शापिंग सेंटर, मॉल, अस्पताल आदि के लिए भूखंडों की नीलामी ऑनलाइन की जाएगी। वहीं मठों, मंदिरों व धर्मशालाओं के लिए पहले आओ पहले पाओ सिस्टम से सीधे आवंटन किया जाएगा।
आवास विकास परिषद ने नव्य अयोध्या में 100 भूखंड इन संस्थाओं के लिए आरक्षित किए हैं। इसके अतिरिक्त राज्यों को अपना अतिथि गृह बनाने के लिए भी आवास विकास जमीन आवंटित करेगा। अब तक 15 राज्यों ने अपने-अपने अतिथि गृह अथवा भवन बनाने के लिए जमीन लेने के लिए इच्छा जताई है।
मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, असम, सिक्किम, उत्तराखंड व अरुणाचल प्रदेश ने तो इसके लिए बाकायदा आवेदन भी कर दिया। वहीं सबसे पहले गुजरात राज्य को अयोध्या में जमीन का आवंटन किया गया है। गुजरात राज्य सरकार का अतिथि गृह बनाने के लिए 6000 वर्ग मीटर जमीन आवंटित कर दी गयी है। इसके अलावा श्रीलंका, नेपाल और दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने भी उत्तर प्रदेश सरकार से अपने भवन बनाने के लिए जमीन की मांग की है।