हर साल 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। इसका उद्देश्य है ग्राहकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करना। विश्व कन्ज्यूमर्स डे को मनाने का श्रेय अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी को जाता है। 15 मार्च 1962 को कैनेडी ने अमेरिकी कांग्रेस को संबोधित करते हुए उपभोक्ताओं के अधिकारों के मामले में आवाज बुलंद की थी,उन्होंने उपभोक्ताओं के मुद्दे कांग्रेस के अपने संबोधन में उठाया था।
एक उपभोक्ता होने के नाते सब को कुछ अधिकार दिए गए हैं, लेकिन कई बार एक उपभोक्ता को इसकी जानकारी नहीं होती है। आज विश्व उपभोक्ता दिवस के मौके पर आइए जानें क्या हैं उपभोक्ता के अधिकार-
सूचना का अधिकार (Right to be Informed)
हर ग्राहक को ये अधिकार है कि वो खरीदी जाने वाले किसी भी उत्पाद, या सर्विस से जुड़े सवाल कर सकता है। ग्राहक किसी भी उत्पाद या सर्विस की शुद्धता, मूल्य और क्वालिटी स्टैंडर्ड से जुड़ा कोई भी सवाल दुकानदार या प्रोडक्ट को बेचने वाले से पूछ सकता हैं। उत्पाद से जुड़ी जानकारी देने के लिए ग्राहक को मना नहीं किया जा सकता है।
सुरक्षा का अधिकार (Right to Safety)
ग्राहक को उसकी सुरक्षा का पूरा अधिकार है। यानी कि कोई भी दुकानदार अपने ग्राहक को ऐसी कोई चीज नहीं बेच सकता जिसकी गुणवत्ता खराब हो और जिससे ग्राहक को किसी भी तरह का नुकसान हो।अगर ऐसा कोई सामान दुकानदार द्वारा दिया जाता है तो आप उसे बदलवा सकते हैं और अगर दुकानदार सामान को बदलने के लिए मना करे तो आप उसकी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं।
सुनवाई का अधिकार (Right to be Heard)
इस अधिकार के तहत ग्राहक को अपनी बात या शिकायत दर्ज करने का अधिकार मिलता है। अगर ग्राहक के साथ दुकानदार बुरा बर्ताव करता है या उसके साथ किसी भी तरह का अन्याय हो तो ग्राहक इसके खिलाफ कन्ज्यूमर कोर्ट में अपनी शिकायत दर्ज करवा सकता है। राइट टू हर्ड उसे सुनवाई का अधिकार देता है।
समस्या के समाधान का अधिकार (Right to seek Redressal)
ग्राहक उत्पाद से जुड़ी किसी भी तरह की समस्या के खिलाफ शिकायत करने का अधिकार रखता है, साथ ही उसे ये अधिकार भी प्राप्त है कि उसका समाधान समय से मिले। यानी इसमें उपभोक्ता की वास्तविक शिकायतों के उचित निपटान का अधिकार भी शामिल है।
उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार (Right to Consumer Education)
सबसे खास है उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार यानि की एक ग्राहक के क्या अधिकार हैं इन सब की जानकारी होना भी उपभोक्ता के अधिकारों में शामिल है। इसके लिए सरकार को समय-समय पर ग्राहक जागरूकता अभियान चलाना चाहिए और ग्राहकों को उनके अधिकारों के प्रति शिक्षित करना चाहिए।