महिला मतदाताओं की संख्या लगातार बढ़ रही और वे धार्मिक एवं जातिगत पहचान से हटकर अपने रोजमर्रा के जरूरी मुद्दों पर चुनाव के दौरान ज्यादा जोर दे रही हैं। इसीलिए राज्य एवं केंद्र में सभी दलों की सरकारों के उन तक पहुंचने के प्रयास रंग ला रहे हैं। इस साल शनिवार 8 मार्च को मनाया जाने वाला अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस इस बात का गवाह होगा कि केंद्र के साथ-साथ कई राज्यों की सरकारें महिलाओं के लिए कई ऐतिहासिक योजनाओं और कार्यक्रमों की शुरुआत करेंगी।
इस साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ‘सभी महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए : अधिकार, बराबरी और सशक्तीकरण’ है। जैसा कि छत्तीसगढ़ में देखने को मिला, 73वें एवं 74वें संविधान संशोधन से पंचायत एवं निकायों में महिलाओं को आरक्षण की व्यवस्था किए जाने के बावजूद जनप्रतिनिधित्व के मोर्चे पर उनकी संख्या अभी भी बहुत कम है। छत्तीसगढ़ के कबीरधाम जिले के एक गांव में चुनाव में निर्वाचित छह महिला पंचायत सदस्यों की जगह बीते सोमवार को उनके पतियों ने शपथ ली। मामले ने तूल पकड़ा तो प्रशासन ने इस मामले की जांच के आदेश दिए।
पंचायती राज मंत्रालय की हाल ही में जारी एक रिपोर्ट के अनुसार देश में ग्राम पंचायत (गांव स्तर), पंचायत समिति (ब्लॉक स्तर) और जिला परिषद (जिला स्तर) के भी स्तरों पर लगभग 2,63,000 पंचायतें हैं जिन में 32.29 लाख निर्वाचित प्रतिनिधि हैं। इनमें से 13.03 लाख (लगभग 46.6 प्रतिशत) महिलाएं हैं। पंचायत अधिकारियों में निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधियों की संख्या में वृद्धि हुई है लेकिन फैसले लेने की प्रक्रिया में उनकी प्रभावी भागीदारी अभी भी दूर की कौड़ी ही है।
मंत्रालय ने महिला जनप्रतिनिधिओं में आत्मविश्वास जगाने के लिए सशक्त पंचायत नेत्री अभियान शुरू किया है। केंद्रीय पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह ने कहा कि बिहार समेत 20 राज्यों में स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित हैं। आज बिहार में पंचायतों में 54 प्रतिशत से अधिक सीटों पर महिलाएं जीत कर आती हैं। 128वें संविधान संशोधन बिल को सितंबर 2023 में लागू कर केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने महिला केंद्रित विकास का नारा दिया है। इस कानून में लोक सभा और राज्य विधान सभाओं में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को विकसित भारत के चार स्तंभों में से एक करार दिया है।
दिल्ली में नवनियुक्त महिला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता द्वारा महिलाओं के लिए मोदी की गारंटी के तहत महिला समृद्धि योजना लागू की जाएगी जिसमें पात्र लाभार्थियों को हर महीने 2,500 रुपये दिए जाएंगे। सालाना 3,00,000 रुपये से कम आय वाली महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
दूसरी ओर महाराष्ट्र विधान सभा में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एवं 18वीं शताब्दी की शासक अहिल्या बाई होल्कर की 300वीं जन्मशती मनाने के लिए आधी आबादी के मसलों पर केंद्रित विशेष चर्चा का आयोजन किया जाएगा। राज्य सरकार माझी लाडकी बहिन योजना के अंतर्गत फरवरी माह की किस्त भी इसी दिन महिलाओं के खाते में डालेगी। कांग्रेस के नेतृत्व वाली तेलंगाना सरकार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर हैदराबाद में एक बैठक का अयोजन करेगी जिसमें मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा संचालित की जाने वाली 50 बसों को हरी झंडी दिखाएंगे।
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू 8 मार्च को अनुसूचित एवं पिछड़े वर्ग से ताल्लुक रखने वाली 102,832 महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित करेंगे। भुवनेश्वर में गुरुवार को भाजपा की ओडिशा सरकार ने सुभद्रा योजना के तहत 2,30,000 महिलाओं को 115 करोड़ रुपये वितरित किए। इसमें पात्र महिला को हर साल 50,000 रुपये दिए जाते हैं, जिसकी दूसरी किस्त 8 मार्च से खातों में जानी शुरू हो जाएगी। हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वन विभाग को जंगलों के संरक्षण के लिए स्वयं सहायता समूह और उद्यमी महिलाओं व लड़कियों की भागीदारी बढ़ाने के निर्देश दिए।
मालूम हो कि केंद्र सरकार अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को नारी शक्ति के साथ विकसित भारत थीम पर राष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रम के रूप में मनाएगी। दिल्ली में विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू भी
शामिल होंगी।