PM Modi vs Rahul Gandhi assets declared: “हम तो फकीर आदमी हैं, झोला ले के चल पड़ेंगे” प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस नारे को भला कौन भूल सकता है। यह वहीं नारा था, जिसने पीएम मोदी की छवि को एक साधु के रूप में गढ़ने में बड़ी भूमिका निभाई। लोगों को विश्वास दिलाया कि संपत्ति के नाम पर उनके पास कुछ भी नहीं है। दिसंबर 2016 में प्रचलन में लगभग 18 लाख करोड़ रुपये के लगभग 86 प्रतिशत बैंक नोटों के विमुद्रीकरण के सरकार के फैसले का बचाव इस नारे से किया गया। इस नारे के दम पर उन्होंने नोटबंदी को भ्रष्टाचार के खिलाफ एक दृढ़ प्रहार के रूप में चित्रित किया और न्यूनतम व्यक्तिगत हितों पर जोर देते हुए आलोचनाओं को दरकिनार कर दिया।
इस नारे ने पीएम मोदी की 2014 के चुनावों से पहले एक आम ‘चायवाला’ होने की छवि को और मजबूत किया। हालांकि उस समय, पीएम मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान अपने हलफनामे में 1.65 करोड़ रुपये की संपत्ति का खुलासा किया था।
मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी संसदीय सीट से तीसरी बार अपना नामांकन दाखिल किया। उनके चुनावी हलफनामे के मुताबिक, पिछले एक दशक में पीएम मोदी की संपत्ति 2014 में 1.65 करोड़ रुपये से बढ़कर 2024 में 3.02 करोड़ रुपये हो गई है। 2019 में उनकी संपत्ति 2.51 करोड़ रुपये बताई गई थी।
पीएम मोदी के हलफनामे के मुताबिक, उनके पास कोई अचल संपत्ति (immovable assets) नहीं है और उनके नाम पर न कोई घर और न ही कोई गाड़ी है। उनकी संपत्ति में मुख्य रूप से भारतीय स्टेट बैंक (SBI) में जमा 2.86 करोड़ रुपये और 9 लाख रुपये मूल्य के राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र शामिल हैं।
इसके अलावा, उनके पास चार सोने की अंगूठियां हैं जिनकी कीमत लगभग 2.7 लाख रुपये है और उन्होंने शेयर, म्यूचुअल फंड या बॉन्ड जैसी प्रतिभूतियों में कोई निवेश नहीं किया है।
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पहले उनकी चल संपत्ति के तहत लिस्टेड 1.1 करोड़ रुपये की आवासीय संपत्ति अब उनके 2024 के हलफनामे का हिस्सा नहीं है। उनके हलफनामे में कहा गया है कि उनके पास भारतीय स्टेट बैंक में 52,920 रुपये नकद और 2.86 करोड़ रुपये की सावधि जमा (FD) राशि है। उन पर कोई ऋण या बकाया नहीं है।
प्रधानमंत्री मोदी लगातार तीसरी बार वाराणसी लोकसभा क्षेत्र से चुनावी मैदान में उतरे हैं। उन्होंने पहली बार 2014 के चुनाव में इस सीट से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी।
इसके विपरीत, कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष और केरल के वायनाड से मौजूदा सांसद राहुल गांधी का वित्तीय विवरण एक अलग तस्वीर पेश करता है। 2014 के चुनावों में कांग्रेस पार्टी की हार के बाद से, राहुल पीएम मोदी के खिलाफ आलोचनाओं में सबसे आगे रहे हैं। उन्होंने राफेल सौदे में अनियमितताओं और चुनावी बॉन्ड के माध्यम से अनुचित चंदा लेने का आरोप लगाया है। हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक घोषित किया है।
पीएम मोदी और राहुल गांधी के पोर्टफोलियो में जमीन-आसमान का अंतर हैं। वायनाड और रायबरेली निर्वाचन क्षेत्रों के लिए दायर राहुल के हलफनामे में उनकी संपत्ति 20.34 करोड़ रुपये बताई गई है, जो पीएम मोदी की संपत्ति से छह गुना अधिक है।
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राहुल की चल संपत्ति (movable assets) का मूल्य 9.24 करोड़ रुपये और अचल संपत्ति (immovable assets) 11.14 करोड़ रुपये है। उनके पास 4.3 करोड़ रुपये के शेयर बाजार निवेश, 3.81 करोड़ रुपये के म्यूचुअल फंड जमा और एक बैंक खाते में 26.25 लाख रुपये के साथ-साथ 15.21 लाख रुपये के गोल्ड बॉन्ड हैं।
उनकी अचल संपत्ति में 9.04 करोड़ रुपये की स्व-अर्जित संपत्ति और 2.10 करोड़ रुपये की विरासत में मिली संपत्ति शामिल है। राहुल की अचल संपत्तियों में महरौली के सुल्तानपुर गांव में लगभग 3.778 एकड़ की कृषि भूमि है, जिसमें उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा भी संयुक्त रूप से मालिक है। इसके अलावा, सिग्नेचर टावर्स, गुरुग्राम में 5,838 वर्ग फुट के कमर्शियल अपार्टमेंट हैं।
राहुल गांधी ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान 1.02 करोड़ रुपये की कुल आय के साथ 55,000 रुपये की नकदी की घोषणा की है, जिसका श्रेय वेतन, रॉयल्टी, किराया, बॉन्ड से ब्याज, लाभांश और म्यूचुअल फंड से पूंजीगत लाभ सहित विभिन्न स्रोतों को दिया जाता है। उनके पास 4.2 लाख रुपये के आभूषण और लगभग 49.7 लाख रुपये की देनदारियां हैं, जबकि आवासीय संपत्ति का कोई स्वामित्व नहीं है।