Uttar Pradesh: उत्तर प्रदेश में यातायात की बढ़ती दिक्कतों व निजी बसों के संचालन में हो रही अड़चनों को देखते हुए योगी सरकार हर जिले में बस पार्क (UP Bus Park) बनाएगी। इस पार्कों में निजी व टूरिस्ट बसें खड़ी होंगी और उनका संचालन भी वहीं से हो सकेगा। बस पार्कों का निर्माण और संचालन निजी क्षेत्र की मदद से किया जाएगा।
प्रदेश सरकार के परिवहन विभाग की योजना के मुताबिक इन पार्कों से बसों का संचालन होने से यात्रियों को आसानी होगी और यातायात का प्रबंधन हो सकेगा। परिवहन विभाग ने निजी व टूरिस्ट बसों की पार्किंग व संचालन के लिए नीति तैयार की है।
नीति के मुताबिक प्रदेश के सभी जिलों में निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के आधार पर बस पार्क बनाए जाएंगे। बस पार्क बनाने वाली निजी संस्था को सरकार स्टांप ड्यूटी, भू उपयोग परिवर्तन शुल्क में छूट सहित कई अन्य रियायत देगी। बस पार्कों का संचालन करने वाली कंपनी बसों से यूजर चार्ज वसूलेगी।
गौरतलब है कि हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ नें प्रदेश में चल रहे सभी अवैध बस अड्डों को समाप्त करने का आदेश देते हुए यात्रियों की सुविधा के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। इसके बाद परिवहन मंत्री दयाशंकर ने अधिकारियों से बस पार्क बनाने की संभावना तलाशते हुए इसके लिए नीति बनाने को कहा था।
अधिकारियों के मुताबिक प्रदेश में लगभग 1.25 लाख बसें संचालित हो रही हैं जिनमें सरकारी बसों की संख्या केवल 11200 ही हैं। इतनी बड़ी तादाद में निजी व टूरिस्ट बसों के संचालन होने के बाद प्रदेश में दो जिलों को छोड़ कर कहीं भी निजी बसों के लिए स्थान आरक्षित नहीं है।
परिवहन मंत्री का कहना है कि प्रदेश में केवल लखीमपुर खीरी व बदायूं जिले में ही निजी बस अड्डे संचालित किए जा रहे हैं। इसके अलावा राजधानी सहित ज्यादातर जगहों पर अनाधिकृत स्थानों से निजी बसें संचालित हो रही हैं। परिवहन विभाग की ओर से तैयार नीति के मुताबिक जिलाधिकारियों को बस पार्क के संबंध में अधिकार दिए जाएंगे।
जिलाधिकारी की अध्यक्षता में एक समिति बस पार्कों के लिए स्थल चयन से लेकर शर्तों के निर्धारण का काम करेगी। अलग-अलग जिलों में बस पार्कों में क्या यूजर चार्ज लिया जाना है इसका भी निर्धारण जिलाधिकारी की अध्यक्षता वाली समिति ही करेगी। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही बस पार्क के संबंध में प्रदेश सरकार एक आदेश जारी कर इसे अमली जामा पहनाएगी।