उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। प्रदेश के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में सड़क सौर ऊर्जा से रोशन की जाएंगी और ग्रीन बेल्ट विकसित किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश में ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा दे रही योगी सरकार ने प्रदेश भर के औद्योगिक क्षेत्रों में हरित ऊर्जा उपलब्ध कराने की शुरुआत की है। उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) भी ग्रीन एनर्जी के उपयोग को और विस्तार दे रहा है। यूपीसीडा ने अपने कानपुर मुख्यालय में रूफ टॉप सोलर प्लांट की सफलता को देखते हुए अब अपने अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में भी रूफ टॉप सोलर प्लांट, ग्रीन बेल्ट्स और सोलर पथ बनाने की योजना तैयार की है।
योजना के अनुसार, प्राधिकरण ने अपने औद्योगिक क्षेत्रों में स्थित विभिन्न सार्वजनिक सुविधाओं जैसे प्रशासनिक भवनों, नागरिक केंद्रों, कॉमन फैसिलिटी सेंटर (सीएफसी), ट्रांजिट हॉस्टल, कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट्स (सीईटीपी) और क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालयों पर सोलर रूफटॉप प्लांट्स लगाने का प्रस्ताव रखा है।
गौरतलब है कि कानपुर मुख्यालय में रूफ टॉप सोलर प्लांट के जरिए प्राधिकरण ने पिछले कुछ महीनों में कुल 27.35 लाख रुपए की बिजली बिल में बचत की है। प्राधिकरण का आंकलन है इस पहल से अगले 23 वर्षों में यूपीसीडा को लगभग 11.04 करोड़ रुपए की शुद्ध बचत हो सकेगी।
कॉर्बन उत्सर्जन को कम करने और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए यूपीसीडा ने इसी साल जनवरी में अपने मुख्यालय कानपुर में 150 किलोवॉट का सोलर रूफटॉप ऑनबिड प्लांट स्थापित किया था। यह परियोजना उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) की सहायता से कैपेक्स मॉडल पर 82.98 लाख रुपए की लागत से पूरी की गई थी। इस परियोजना के तहत, लगभग दो वर्षों में प्राधिकरण को लगभग पूरी लागत वसूल हो जाएगी, जबकि इन सोलर पैनलों की समय सीमा अवधि लगभग 25 वर्ष है।
यूपीसीड़ा के मुख्य कार्यपालक अधिकारी मयूर माहेश्वरी ने बताया की भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार की सौर ऊर्जा नीति 2022 के मुताबिक प्राधिकरण मुख्यालय कानपुर, सहित सभी क्षेत्रीय कार्यालयों व परियोजनाओं में भी सोलर रूफटॉप प्लांट जल्द स्थापित करेगा। साथ ही यूपीसीडा औद्योगिक क्षेत्रों में स्थापित इकाइयों के उद्यमियों को भी अपनी फैक्ट्री में सोलर रूफटॉप लगाने व उससे होने वाले लाभ के संबंध मैं जागरूक करते हुए उनको अपनी इकाइयों मैं सोलर प्लांट लगाने के लिए प्रेरित कर रहा है।
ग्रीन एनर्जी के विस्तार को लेकर यूपीसीडा की योजना के अनुरूप विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में यूपीनेडा की सहायता से किए गए सर्वेक्षण में 53 महत्वपूर्ण स्थानों की पहचान की गई है, जिनका कुल विद्युत भार लगभग 2000 किलोवॉट है।
इनमें एमजी रोड हापुड़, बेगराजपुर सिकंदराबाद, सूरजपुर साइट-बी गौतम बुद्ध नगर, साइट 5 कासना सूरजपुर, सिकंदराबाद (बुलंदशहर), ईपीआईपी कासना, टीडीएस सिटी बागपत, फाउंड्री नगर व भोगांव आगरा, कोसी कोटवान मथुरा, चिनहट लखनऊ, रायबरेली, सण्डीला हरदोई, कुर्सी रोड बाराबंकी, जैनपुर कानपुर देहात, मलवान फतेहपुर, नैनी प्रयागराज, करखियाव वाराणसी, बरगढ़ चित्रकूट, उन्नाव, बंथर, परसाखेडा बरेली, गजरौला-2 जेपी नगर और शाहजहांपुर जैसे स्थान शामिल हैं। इसके अलावा, यूपीसीडा अपने औद्योगिक क्षेत्रों में ग्रीन बेल्ट्स के साथ सोलर पथ मार्ग बनाने की भी योजना बना रहा है।