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UP Tourism: अब चुनार किले और पेशवा बाजीराव की प्रेयसी मस्तानी के महल में ठहर सकेंगे टूरिस्ट

UP Tourism: उत्तर प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई नीति के तहत पुराने महलों, किलों, हवेलियों व धरोहरों को हेरिटेज होटल के तौर पर विकसित किए जाने की शुरुआत की गई है।

Last Updated- May 09, 2024 | 4:16 PM IST
Chunar Fort
File Photo: (Left) The Sonwa Mandap; (Right) Inside The Chunar Fort

उत्तर प्रदेश आने वाले पर्यटक जल्द ही हजार साल से भी ज्यादा पुराने चुनार किले और पेशवा बाजीराव की प्रेयसी मस्तानी के महल में ठहर सकेंगे।

प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई नीति के तहत पुराने महलों, किलों, हवेलियों व धरोहरों को हेरिटेज होटल के तौर पर विकसित किए जाने की शुरुआत की गई है। देश के नामी गिरामी होटल कंपनियां जैसे लीली होटल्स, ताज समूह की इंडियन होटल्स कंपनी, नीमराना ग्रुप, महिंद्रा होटल्स एंड रिसार्ट, ओबेरॉय होटल्स, हयात रीजेंसी और ललित होटल्स ने धरोहरों को होटल के तौर पर विकसित करने व संचालित करने में रुचि दिखाई है। पर्यटन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इनके अलावा सरोवर होटल्स, टीएचएफ होटल्स, रॉयल आर्किड, रमाडा होटल व क्लार्क होटल्स समूह ने भी नयी पर्यटन नीति के तहत महलों व हवेलियों को विकसित करने की इच्छा जताई है।

प्रदेश सरकारी की पर्यटन नीति के तहत धरोहरों को होटल में बदलने के लिए न्यूनतम निवेश की धनराशि 30 करोड़ रुपये, 50 करोड़ और 100 करोड रुपये होगी। निवेश के आधार पर धरोहर भवनों को श्रेणियों में बांटते हुए निवेशकों को सुविधाएं व रियायतें दी जाएंगी।

पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में मिर्जापुर में स्थित चुनार फोर्ट, झांसी में बरुआ सागर फोर्ट, मथुरा के बरसाने का जल महल, लखनऊ की छतर मंजिल व कोठी रौशन-उद-दौला और कानपुर के शुक्ला तालाब हवेली को होटल में परिवर्तित किया जा रहा है। इन होटलों के लिए रिपोर्ट तैयार कर शासन के पास मंजूरी के लिए भेजी गई है। मंजूरी मिलने के बाद अगले चरण में महोबा के मस्तानी महल और लेक पैलेस, झांसी के तहरोली, ललितपुर के ताल बेहट किले, बांदा के रनगढ़ फोर्ट को होटल में बदलने की प्रक्रिया शुरु की जाएगी। प्रदेश में सबसे ज्यादा पर्यटकों का आमद वाले शहर आगरा में मौजूद मुगल सम्राट अकबर की शिकारगाह किरावली में मौजूद धरोहर भवन को भी होटल में परिवर्तित करने की योजना है। कानपुर में बिठूर की बारादरी, राजधानी लखनऊ में कोठी गुलिस्ता-ए-इरम, कोठी दर्शन विलास और गोंडा में वजीरगंज की बारादरी को भी हेरिटेज होटल में बदलने की योजना है।

इन हैरिटेज होटलों में वेलनेस सेंटर, म्यूजियम, हेरिटेज रेस्टोरेंट, थीमैटिक पार्क जैसी कई सुविधाएं विकसित की जाएंगी। अधिकारियों का कहना है कि इस कवायद से प्रदेश में पर्यटकों को रुकने के लिए अधिक स्थान व शानदार कमरे मिलेंगे साथ ही रोजगार सृजन भी होगा।

First Published - May 9, 2024 | 4:16 PM IST

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