उत्तर प्रदेश में अब बिजली उपभोक्ताओं के घरों पर स्मार्ट मीटर लगाने का काम तेज होगा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 14 जिलों के 67 लाख घरों में स्मार्ट मीटर लगाने का अनुबंध पत्र जारी कर दिया गया है।
केंद्र सरकार की रिवैंप डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) के तहत यह देश में स्मार्ट मीटर लगाने के सबसे बड़ी परियोजना है जिसका अनुबंध पत्र इंटेलीस्मार्ट प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया है। कंपनी पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड पीवीवीएनएल) के अधिकार क्षेत्र में आने वाले 14 जिलों में 67 लाख स्मार्ट मीटर स्थापित करेगी।
इंटेलीस्मार्ट के प्रबंध निदेशक व मुख्य कार्यकारी अधिकारी (एमडी एवं सीईओ), अनिल रावल का कहना है कि ये बड़ी परियोजनाएं एक बार फिर बिजली क्षेत्र में अग्रणी डिजिटलीकरण और उपयोगिताओं के लिए सबसे पसंदीदा डिजिटल भागीदार बनने में इंटेलीस्मार्ट की क्षमताओं में सरकार के विश्वास को दोहराती हैं। उन्होंने कहा कि स्मार्ट मीटरिंग परियोजनाओं का सफल कार्यान्वयन, निश्चित रूप से देश को नेट ज़ीरो प्रतिबद्धताओं को साकार करने में सहायता करेगा।
उन्होंने कहा कि कई राज्यों से काम के बाद नए अनुबंध मिलने के बाद कंपनी देश भर में करीब 2 करोड़ घरों में बिजली के स्मार्ट मीटर लगाएगी। लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बीते सप्ताह विधानसभा में पेश अनुपूरक बजट में सड़क, बिजली और किसानों के साथ-साथ प्रदेश भर में राममय माहौल बनाने के लिए खजाना खोल दिया है।
अनुपूरक बजट पर चर्चा के दौरान प्रदेश के ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने एक महत्वपूर्ण बयान कहा कि प्रदेश में इसी माह 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन बढ़ जाएगा, एटा के जवाहरपुर में 660 मेगावाट और ओबरा सी में भी 660 मेगावाट की यूनिट का उद्घाटन इसी माह किया जाएगा। ऊर्जा मंत्री ने कहा कि एनटीसीपी के सहयोग से 800 मेगावाट की दो यूनिट के संचालन की मंजूरी पिछले सप्ताह ही दी गई है। स्मार्ट मीटर ने बिजली संकट को काफी हद तक कम कर दिया है।