कुंभ के मेले में भाइयों या परिजनों के बिछड़ने की कहानियां अब सिनेमाई इतिहास बन कर रह जाएंगी। योगी सरकार इस बार कुंभ के मेले में बिछड़े लोगों को खोजने के लिए तकनीक का सहारा लेगी।
प्रयागराज मेला प्राधिकरण और पुलिस विभाग मिलकर इस बार के महाकुंभ मेले में एक उच्च तकनीक से युक्त खोया-पाया पंजीकरण प्रणाली से तीर्थयात्रियों को सुरक्षित करेगा। यह नई पहल सुरक्षा, जिम्मेदारी और तकनीक का मेल होगी महाकुंभ मेला को सुरक्षित और सुखद बनाएगी।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता का कहना है कि भारतीय सिनेमा में कुंभ मेला का जिक्र होते ही हमारे दिमाग में सबसे पहले वही क्लासिक कहानियां आती हैं, जहां भाई-भाई, मां-बेटा या प्रेमी-प्रेमिका भीड़ में एक-दूसरे से बिछड़ जाते थे। यह बिछड़ने का दृश्य बॉलीवुड की कई पुरानी फिल्मों में बड़े भावनात्मक मोड़ के रूप में इस्तेमाल किया जाता रहा है। योगी सरकार ने ‘फिल्मी महाकुंभ’ में लोगों के खोने और फिर सालों बाद मिलने की इस धारणा को तोड़ने की पूरी तैयारी कर ली है। योगी सरकार की पहल अब उस ‘फिल्मी ड्रामे’ को हकीकत से दूर ले जाकर सुरक्षा और बिछड़ों तको मिलाने का काम करेगी। सरकार की यह नई प्रणाली खोए हुए तीर्थयात्रियों को सुरक्षित और शीघ्र उनके परिजनों से मिलाने का भरोसा देगी।
इस बार के कुंभ मेले में प्रदेश सरकार हाई-टेक खोया-पाया केंद्र खोलेगी। इन केंद्रों में खोए हुए व्यक्तियों का डिजिटल पंजीकरण होगा, जिससे उनके परिवार या मित्र आसानी से उन्हें खोज सकेंगे। साथ ही सभी लापता व्यक्तियों के लिए केंद्रों पर उद्घोषणा की जायेगी। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का पंजीकरण तुरंत किया जाएगा और उसकी जानकारी को अन्य केंद्रों और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे फेसबुक और एक्स (पहले ट्वीटर) पर भी प्रसारित किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।
जहां फिल्मी कहानियों में खोए हुए व्यक्तियों को ढूंढने में सालों लग जाते थे, वहीं अब 12 घंटे के भीतर अगर कोई अपने खोए हुए सदस्य का दावा नहीं करता है, तो पुलिस हस्तक्षेप करके उन्हें सुरक्षित ठिकाने तक पहुंचाएगी। इससे यह सुनिश्चित होगा कि कोई भी व्यक्ति लंबे समय तक खोया हुआ महसूस न करे, और वह जल्द से जल्द अपने परिवार से मिल सके। योगी सरकार की इस नई पहल के तहत हर खोए हुए व्यक्ति की पहचान और सुरक्षा की जिम्मेदारी खोया-पाया केंद्र और पुलिस की होगी।
इस नई प्रणाली में खासतौर पर बच्चों और महिलाओं की सुरक्षा को प्राथमिकता दी गई है। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला का दावा करने पर पहले उनकी पहचान की पुष्टि करनी होगी। अगर कोई संदेह होता है तो तत्काल पुलिस को सूचित किया जाएगा ताकि बच्चा या महिला सुरक्षित हाथों में जाए।