facebookmetapixel
भारत के नए उप राष्ट्रपति होंगे सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को हरायासेबी ने IPO नियमों में ढील दी, स्टार्टअप फाउंडर्स को ESOPs रखने की मिली मंजूरीNepal GenZ protests: नेपाल में क्यों भड़का प्रोटेस्ट? जानिए पूरा मामलाPhonePe का नया धमाका! अब Mutual Funds पर मिलेगा 10 मिनट में ₹2 करोड़ तक का लोनभारतीय परिवारों का तिमाही खर्च 2025 में 33% बढ़कर 56,000 रुपये हुआNepal GenZ protests: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी दिया इस्तीफापीएम मोदी ने हिमाचल के लिए ₹1,500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की मददCredit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरें

UP में बड़े निवेशकों के लिए अच्छी खबर! 100 करोड़ से ऊपर के प्रोजेक्ट्स को सिर्फ 15 दिन में मिलेगी जमीन

UP: प्रदेश में औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के पास मौजूद 25000 एकड़ के लैंड बैंक का मासिक अपडेट होगा और निवेशक को एक क्लिक में उपलब्ध जमीन की जानकारी मिल सकेगी।

Last Updated- September 09, 2025 | 2:29 PM IST
UP industrialists

UP: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार 100 करोड़ रूपये से अधिक के निवेश प्रस्तावों के लिए 15 दिन सी समय सीमा के भीतर जमीन उपलब्ध कराएगी। प्रदेश में औद्योगिक विकास प्राधिकरणों के पास मौजूद 25000 एकड़ के लैंड बैंक का मासिक अपडेट होगा और निवेशक को एक क्लिक में उपलब्ध जमीन की जानकारी मिल सकेगी।

इन्वेस्ट यूपी की ओर से प्रदेश को एक ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने पर आयोजित उच्च स्तरीय कार्यशाला में अपर मुख्य सचिव औद्योगिक विकास आलोक कुमार ने कहा कि बड़े निवेश प्रस्तावों के लिए भूमि आवंटन प्रक्रिया तेज की जाए। कार्यशाला में  प्रदेश के सभी प्रमुख औद्योगिक विकास प्राधिकरणों (आईडीए) के मुख्य कार्यपालक अधिकारियों (सीईओ) ने भाग लिया। इस बैठक का उद्देश्य औद्योगिक विकास के लिए एक एकीकृत और समयबद्ध रणनीति तैयार करना था। गौरतलब है कि भूमि की उपलब्धता और बुनियादी ढाँचे के समर्थन पर समन्वित कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए मुख्य सचिव के निर्देश पर अगस्त में तीन उच्च-स्तरीय समितियों का गठन किया गया था।

इन्वेस्ट यूपी और आईडीए की प्रस्तुतियों के मुताबिक स्वतंत्र एजेंसी द्वारा प्रदेश के अब तक  33,000 से अधिक औद्योगिक भूखंडों का सर्वेक्षण किया गया, जिनमें से लगभग 25 फीसदी खाली पड़े हैं। कार्यशाला में राज्य की औद्योगिक निवेश और रोजगार प्रोत्साहन नीति के अनुरूप खाली भूमि व बंद इकाइयों को तुरंत चालू करने की आवश्यकता पर बल दिया गया। अधिकारियों को सौर विनिर्माण, डेटा सेंटर, लॉजिस्टिक्स, आईटी/आईटीईएस और खाद्य प्रसंस्करण जैसे उभरते उद्योगों के लिए क्षेत्र-विशिष्ट लैंड बैंक तैयार करने का निर्देश दिया गया।

कार्यशाला में 100 करोड़ से ऊपर की 132 से अधिक परियोजनाएं, जिनका कुल मूल्य ₹1.68 लाख करोड़ से अधिक है, से जुड़े भूमि संबंधी मुद्दों को हल करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना तैयार करने को कहा गया। इन उच्च-मूल्य प्रस्तावों में इलेक्ट्रॉनिक्स, सौर विनिर्माण, लॉजिस्टिक्स, खाद्य प्रसंस्करण, वेयरहाउसिंग, सीमेंट और डेटा सेंटर जैसे प्रमुख क्षेत्र शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, यह भी प्रस्तावित किया गया कि 25,000 एकड़ से अधिक के विशाल लैंड बैंक को मासिक आधार पर अपडेट किया जाए जिससे सभी को भूमि उपलब्धता की त्वरित जानकारी एक क्लिक पर मिल सके। आईडीए में नियमों को मानकीकृत करने और पारदर्शिता व एकरूपता बढ़ाने के लिए यूनिफाइड बिल्डिंग बाय-लॉज़ लागू करने पर भी बात हुई।

आलोक कुमार ने सभी आईडीए के लिए ₹100 करोड़ से अधिक के निवेश प्रस्तावों के लिए 15 दिनों के भीतर भूमि की सुविधा प्रदान करने और नियमित रूप से अपने लैंड बैंक को अपडेट करने के निर्देश दिए।

First Published - September 9, 2025 | 2:29 PM IST

संबंधित पोस्ट