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Diwali Sale: झालरों, लाइट, सजावटी सामानों से यूपी के बाजार गुलजार, ₹1 लाख करोड़ से ज्यादा का कारोबार होने की उम्मीद

जीएसटी दरों में कमी, बाजार में नए उत्पादों के प्रवेश और सरकारी प्रोत्साहन के चलते इस बार दीवाली के मौके पर बाजारों में लंबे अरसे बाद रौनक लौटती हुई दिखाई दे रही है

Last Updated- October 15, 2025 | 6:47 PM IST
Diwali Sale

Diwali Sale: उत्तर प्रदेश के छोटे से लेकर बड़े शहरों में बाजारों में खरीदारों की भीड़ नजर आ रही है। वहीं, कारोबारियों ने भी नए माल से दुकानें पाट दी हैं। अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार धनतेरस-दीवाली के मौके पर ही उत्तर प्रदेश में एक लाख करोड़ रूपये से ज्यादा का कारोबार हो सकता है। पहली बार सरकार की ओर से भी त्योहार के मौके पर मेलों, प्रदर्शनियों के साथ ही होर्डिंग, बैनर व पोस्टरों के जरिए खरीदारी को प्रोत्साहित किया जा रहा है। प्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (एमएसएमई) विभाग की ओर से सभी 75 जिलों में स्वदेशी मेले लगाए गए हैं। राजधानी लखनऊ में माटी कला प्रदर्शनी से लेकर हस्तशिल्प मेलें में बड़े पैमाने पर लोगों की आमद देखी जा रही है।

झालरों, लाइट, सजावटी सामानों से बाजार गुलजार

राजधानी लखनऊ के गणेशगंज में सजावटी सामानों, बिजली की झालरों व लाइटों के थोक व फुटकर विक्रेता खालसा गिफ्ट सेंटर में तिल रखने की जगह नहीं दिखती है। इस बार पानी से जलने वाले इलेक्ट्रानिक दियों से लेकर कैंडल के आकार के बिजली के लैंप और फैंसी झालरें लोगों की पहली पसंद बन रही हैं।

प्रोपराइटर कुलदीप सिंह बताते हैं कि फैंसी लाइट वाली गन से लेकर गायत्री मंत्र लिखे डिस्प्ले बोर्ड दीवाली के काफी पहले ही आउट ऑफ स्टाक हो चुके हैं। उनका कहना है कि जीएसटी में कमी के बाद दाम पर भले ही मामूली असर पड़ा हो पर लोगों में उत्साह दोगुना दिख रहा है।

उनका कहना है कि खरीदारी को प्रोत्साहित करने के लिए चलाए गए सरकारी अभियान व विज्ञापनों का बाजार पर सकारात्मक असर पड़ा है। बिजली के आइटमों की कीमत में पिछले साल की तुलना में कोई बढ़ोत्तरी नहीं हुई है बल्कि कई चीजों के दाम कम हुए हैं। बाजार में इस बार चाइनीज के मुकाबले स्वदेशी झालरें व लाइटें काफी तादाद में बिक रही हैं।

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बर्तन व इलेक्ट्रानिक उत्पादों के लिए भीड़

जीएसटी में कमी और त्योहारी ऑफरों के चलते इलेक्ट्रानिक उत्पादों की खरीद में सबसे ज्यादा तेजी दिख रही है। लखनऊ के पुराने इलेक्ट्रानिक स्टोर आहूजा संस के प्रमोद के मुताबिक ज्यादातर सामानों पर 1,000 से लेकर 5,000 रूपये तक कीमतें जीएसटी के चलते घट गई हैं। इसके कारण से बिक्री में और भी ज्यादा इजाफा हो गया है। उनका कहना है कि सीजन खत्म होने के बाद भी कीमतों के चलते लोग बड़ी तादाद में एसी खरीद रहे हैं।

विशाल विजन के मनीष मोहन का कहना है कि ऑनलाइन प्लेटफार्म अमेजन, फ्लिपकार्ड पर चल रहे फेस्टिवल सेल के बावजूद लोग बाजारों में पहुंच कर भारी मात्रा में खरीदारी कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस बार सबसे ज्यादा बिक्री एलईडी टीवी, एयर फ्रायर और इलेक्ट्रिक केतली की हो रही है।

वहीं बर्तनों के लिए प्रदेश की सबसे बड़ी याहियागंज बाजार में दीवाली के 15 दिन पहले से ही खरीदारों का रेला उमड़ने लगा था। जैसे-जैसे त्योहार करीब आ रहा है तो बाजार में पैर रखने की जगह नहीं रह गई है। बर्तन विक्रेता हेमंत बताते हैं कि इन दिनों रात 12 तक दुकानें खुल रही हैं और जमकर बिक्री हो रही है। उनके मुताबिक पिछले कई सालों से स्टील की जगह तांबे की बिक्री ज्यादा हो रही थी इस बार इसमें पीतल और कांसा भी जुड़ गया है। बाजार में पीतल व कांसे के डिजाइनर बर्तन आए हैं।

मिट्टी के आइटमों व हस्तकला की बिक्री बढ़ी

प्रदेश सरकार के माटी कला बोर्ड के द्वारा राजधानी लखनऊ में और कई अन्य जिलों में दीवाली के मौके पर लगाई गई प्रदर्शनी में मिट्टी के बने दिए, खिलौनों, सजावटी सामानों के साथ ही हस्तशिल्प के उत्पादों को खरीदने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ रही है। प्रदेश सरकार ने बोर्ड के जरिए कुम्हारों को बिजली से चलने वाले चाक भी उपलब्ध कराए हैं जिन पर बने उत्पादों की भी खासी बिक्री हो रही है।

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निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी को फिर से जीवन मिला

प्रदर्शनी में आजमगढ़ के निजामाबाद की मशहूर ब्लैक पॉटरी के सामनों की बिक्री कर रहे सोहित कुमार प्रजापति बताते हैं कि कप, प्लेट व सजावटी सामानों की खरीद काफी हो रही है। उनका कहना है कि करीब-करीब लुप्त हो चली निजामाबाद की ब्लैक पॉटरी को फिर से जीवन मिला है और बड़ी तादाद में युवा अब इस हुनर को अपनाने लगे हैं।

उनका कहना है कि बीते कुछ सालों में विशेष तौर पर ब्लैक पॉटरी स्टोर खुले हैं और यहां की कला को देश ही नहीं विदेशों में भी बाजार मिला है। प्रजापति बताते हैं कि दीवाली के लिए लोगों में ब्लैक पॉटरी की मूर्तियां खरीदने का क्रेज दिख रहा है। वहीं खुशहालगंज लखनऊ के कुम्हार नईम के मुताबिक डिजाइनर दिये व पूजा थाली सबसे ज्यादा मांग में चल रही है। उनका कहना है कि पिछले साल इस प्रदर्शनी में महज 60,000 रूपये का माल बिका था वहीं इस बार 4 दिनों में ही 1.20 लाख रूपये की बिक्री हो गई है।

First Published - October 15, 2025 | 6:40 PM IST

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