दिवाली और धनतेरस से पहले चांदी की कीमतों में जबरदस्त तेजी और बाजार में चांदी की कमी ने तहलका मचा दिया है। कम आपूर्ति और मांग में तेजी के चलते हाजिर बाजार में चांदी 30,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक के प्रीमियम पर बिक रही है। चांदी की कमी के कारण जवेरी बाजार ने अत्यधिक कमी के कारण नए ऑर्डर लेना बंद कर दिया।
धनतेरस और दिवाली के पहले हाजिर बाजार और ज्वैलर्स के यहां चांदी की जोरदार मांग है। लोग चांदी की जमकर बुकिंग कर रहे हैं लेकिन ग्राहकों की मांग के अनुरूप आपूर्ति न होने के कारण बुलियन कारोबारी फिलहाल चांदी के एडवांस ऑर्डर लेने से परहेज कर रहे हैं।
अखिल भारतीय रत्न एवं आभूषण घरेलू परिषद के अध्यक्ष राजेश रोकड़े कहते हैं कि यह सच है कि भौतिक चांदी की भारी कमी के कारण जवेरी बाजार ने चांदी के आभूषणों और बुलियन के नए ऑर्डर स्वीकार करना बंद कर दिया है। भौतिक चांदी पर प्रीमियम में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो 30,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है, जो मजबूत मांग और सीमित आपूर्ति के कारण है। यह कमी स्थानीय और वैश्विक स्तर पर औद्योगिक और निवेश मांग में वृद्धि के कारण है।
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सिल्वर इम्पोरियल के प्रबंध निदेशक राहुल मेहता कहते हैं कि अभी मार्केट में चांदी की भारी कमी है। यह सिर्फ दिवाली की वजह से नहीं है। सेंट्रल बैंक और सरकारें भी खरीदारी कर रही हैं। साथ ही इंडस्ट्री अपने भविष्य के दाम सुरक्षित करने के लिए अभी से बुकिंग कर रही है। यही वजह है कि चांदी ऊपर जा रही है और फिलहाल यह ट्रेंड जारी रहेगा। वैश्विक बाजार में चांदी की कीमत 53 डॉलर प्रति औंस के ऑल-टाइम हाई के करीब कारोबार कर रही है। जबकि घरेलू बाजार में चांदी पहली बार 2 लाख रुपये प्रति किलो के ऊपर पहुंच गई है। विशेषज्ञों के मुताबिक चांदी की कीमतों में अभी करीब 32 फीसदी तक का उछाल आ सकता है।
मोतीलाल ओसवाल की नई रिपोर्ट के मुताबिक चांदी लंबी अवधि के बुल रन में है और इसके दाम 2027 तक 75–77 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकते हैं। वर्तमान में यह लगभग 51 डॉलर प्रति औंस है, यानी लगभग 50 फीसदी का उछाल आने की संभावना है। घरेलू बाजार में 2026–27 तक चांदी का भाव 2,45,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच सकता है। 2025–2026 में चांदी का उत्पादन धीमा रहने की संभावना है, इसलिए बाजार में कमी और कीमतों की मजबूती बनी रहेगी। 2027–2028 तक रीसाइक्लिंग थोड़ी मदद कर सकती है और कुछ भंडार ऊंची कीमतों पर कम हो सकते हैं। 2028 के बाद नई परियोजनाओं और रीसाइक्लिंग से बाजार थोड़ा स्थिर हो सकता है, लेकिन कीमतें पहले की तरह ऊंची बनी रहेंगी।
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ऑल इंडिया ज्वेलर्स एंड गोल्ड फेडरेशन (AIJGF) के राष्ट्रीय महासचिव नितिन केडिया के मुताबिक, भारत का चांदी बाजार फिलहाल हैरतंगेज तेजी का सामना कर रहा है। इसके पीछे मुख्य वजह मजबूत फिजिकल डिमांड और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ता प्रीमियम है। निवेशकों का झुकाव तेजी से चांदी की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि मार्केट में ऐसा माहौल है जैसे फिजिकल चांदी जल्दी ही खत्म हो जाएगी। कुछ लोग गोल्ड को मॉर्गेज कर चांदी खरीद रहे हैं, और कुछ घर बनाने के फंड्स को भी इस धातु में शिफ्ट कर रहे हैं। यह रुझान जितना रोमांचक है, उतना ही जोखिम भरा भी है।