उत्तर प्रदेश में बढ़ती बिजली मांग को देखते हुए दो नए बन रहे बिजलीघरों में जल्द से जल्द उत्पादन शुरू करने की तैयारी है। प्रदेश में 660 मेगावाट की जवाहरपुर और इतनी ही क्षमता के ओबरा सी ताप बिजली घरों में उत्पादन तय समय से शुरू नहीं हो सका है। अब ऊर्जा विभाग की कोशिश इन दोनों परियोजनाओं में अगले एक महीनों में उत्पादन शुरू कर देने की है।
उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन लिमिटेड के चेयरमैन एम देवराज ने जहां 660 मेगावाट की ओबरा सी परियोजना का दौरा कर 30 जून तक उत्पादन शुरू करने को कहा है वहीं जवाहरपुर में उत्पादन जुलाई के दूसरे सप्ताह में होगा। उन्होंने कहा कि ओबरा तापीय परियोजना में बन रही 660 मेगावाट की दो इकाइयां निर्धारित समय से पीछे चल रही हैं। बिजली संकट को देखते हुए हर हाल में कम से कम एक इकाई में 30 जून तक उत्पादन शुरू हो जाना चाहिए।
देवराज ने कहा कि उत्तर प्रदेश में बिजली की बढ़ी मांग अभी सितंबर महीने तक बनी रहेगी। गौरतलब है कि गर्मी बढ़ने के साथ उत्तर प्रदेश में बिजली मांग हर रोज नए रिकॉर्ड बना रही है। जून के पहले सप्ताह में ही बिजली की मांग 25000 मेगावाट के पार जा पहुंची है जबकि आने वाले कुछ दिनों तक बारिश के आसार नहीं हैं। इस दशा में जल्द ही मांग 26000 मेगावाट पहुंच सकती है। हालांकि प्रदेश सरकार की ओर से अन्य राज्यों से किए गए बैंकिंग करार के चलते 3000 मेगावाट बिजली मिल रही है जिसके चलते संकट से निपटने में काफी हद तक मदद मिली है।
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उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि गर्मी का प्रकोप शुरू होते ही जहां एक जून को उत्तर प्रदेश की अधिकतम मांग 23833 मेगावाट थी वही सोमवार के यह 25200 तक पहुंच गई है। उनका कहना है कि इसी सप्ताह यह मांग 26000 के पार जा सकती है। हालांकि अन्य राज्यों से करार के चलते जून भर शाम 7 बजे से सुबह 5 बजे तक बैंकिंग की लगभग 3000 मेगावॉट मिलेगी ऐसे में जहां एक तरफ महंगी बिजली खरीदने से राहत रहेगी वहीं उपभोक्ताओं को भी दिक्कत नहीं होगी।
परिषद अध्यक्ष का कहना है कि मानसून में देरी और पारे के चढ़ने के साथ उम्मीद है जून में ही बिजली की मांग 28000 मेगावाट को भी पार कर सकती है।