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CM योगी और केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने गाजियाबाद में CEL-ESDS ग्रीन डेटा सेंटर की रखी नींव

उत्तर प्रदेश में अगले दो सालो में 20,000 मेगावॉट ग्रीन एनर्जी के उत्पादन और डाटा सेंटरों के विकास में सेंट्रल इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड (CEL) की बड़ी भूमिका होगी।

Last Updated- June 26, 2025 | 8:14 PM IST
Green Data Center
Photo: X | CM Office, GoUP

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने गुरुवार को गाजियाबाद के साहिबाबाद में सीईएल-ईएसडीएस ग्रीन डेटा सेंटर का शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि यह प्रधानमंत्री के 2070 तक नेट ज़ीरो के संकल्प की ओर एक मजबूत कदम है। उन्होंने यह भी कहा कि 2027 तक उत्तर प्रदेश 20,000 मेगावाट रिन्यूएबल एनर्जी उत्पन्न करेगा, जिसमें सीईएल की भूमिका प्रमुख होगी। कार्यक्रम में सीईएल की ओर से भारत सरकार को लगभग 21 करोड रुपए के लाभांश का चेक भी भेंट किया गया, जबकि सीईएल और मल्टी इंफ्रा के बीच 200 मेगावाट सोलर मॉड्यूलर के लिए एमओयू भी हस्तांतरित हुआ।

CEL बनी घाटे से मुनाफे वाली कंपनी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि एक ऐसा भी समय था जब अंधकार के बादल मंडरा रहे थे, सीईएल को डिसइनवेस्टमेंट की सूची में डाल दिया गया था। लेकिन आज वही सीईएल एक लाभ कमाने वाली मिनी रत्न कंपनी बन गई है और केंद्र सरकार को लाभांश का चेक सौंप चुकी है। उन्होंने बताया कि सीईएल द्वारा स्मार्ट क्लासरूम, सिग्नलिंग सिस्टम, रिन्यूएबल एनर्जी मॉड्यूल और डिफेंस उपकरणों के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।

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निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर उत्साहित

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश का पहला सोलर फोटोवोल्टिक मॉड्यूल सीईएल ने तैयार किया था और आज वह भारत का पहला ग्रीनफील्ड डाटा सेंटर भी स्थापित कर रहा है। उन्होंने कहा कि डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग कॉरिडोर में ब्रह्मोस मिसाइल से जुड़े उपकरण भी सीईएल जैसे संस्थानों के सहयोग से ही बन रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि पिछले 8 वर्षों में प्रदेश की अर्थव्यवस्था ढाई गुना बढ़ी है, 6 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला गया है और अब निवेशक उत्तर प्रदेश में निवेश को लेकर उत्साहित हैं।

नोएडा में बनेगा देश का पहला क्वांटम यूनिट

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि सीईएल ने 1970 में पहले सोलर सेल को ईजाद किया था। आज 50 साल बाद अब यह ग्रीन डाटा सेंटर भी शुरू करने जा रहा है। उन्होंने कहा कि बहुत जल्द नोएडा में आईआईटी के अंदर देश का पहला क्वांटम यूनिट स्थापित करेंगे। इसके साथ ही, लखनऊ के नजदीक बायोटेक्नोलॉजी पार्क स्थापित करेंगे और अगस्त में दो या तीन दिवसीय एक स्टार्टअप कॉन्क्लेव आयोजित करने की भी योजना बना रहे हैं।

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भविष्य की जरूरतों के अनुरूप होगा डिजाइन

सीईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक चेतन प्रकाश जैन ने बताया कि इस ग्रीन डेटा सेंटर को ऊर्जा की कम खपत करने वाला, पूरी तरह सुरक्षित और भविष्य की आवश्यकताओं के लिए तैयार डिजाइन किया गया है। ईएसडीएस के साथ साझेदारी के माध्यम से सीईएल आधुनिक क्लाउड और डेटा सेंटर टेक्नोलॉजी को संवहनीयता के साथ जोड़ रहा है। यह केंद्र मॉड्यूलर पीओडी, स्मार्ट कूलिंग, रिफ्लेक्टिव रूफिंग, वर्षा जल संचयन और मल्टी-आईएसपी सपोर्ट जैसी सुविधाओं से युक्त होगा, जिसकी कुल क्षमता 30 मेगावाट है और प्रत्येक मंजिल पर 200 रैक तक विस्तार संभव होगा। ईएसडीएस की पेटेंट टेक्नोलॉजी और प्रबंधित सेवाएं इस केंद्र को वैश्विक मानकों के अनुरूप बनाने में सहायक रही हैं।

First Published - June 26, 2025 | 8:10 PM IST

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