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UP बजट 2025-26: ₹8.08 लाख करोड़ का ऐतिहासिक बजट, बुनियादी ढांचे और विकास को मिली प्राथमिकता

उत्तर प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए ₹8.08 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जिसमें नई योजनाओं के लिए ₹28,478 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।

Last Updated- February 20, 2025 | 7:44 PM IST
UP Budget 2025

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वित्त वर्ष 2025-26 के लिए 8.08 लाख करोड़ रुपये का सालाना बजट पेश किया है। बजट में 28478 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शामिल की गयी हैं। अनुमानित राजकोषीय घाटा सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) का 2.97 फीसदी है।

गुरुवार को उत्तर प्रदेश विधानसभा में वित्त वर्ष 2026-26 का सालाना बजट पेश करते हुए प्रदेश के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि यह विकास के साथ रोजगार सृजित करेगा। उत्तर प्रदेश का इस बार का बजट पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले में आकार में 9.2 फीसदी अधिक है। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट का आकार 736437.71 करोड़ रुपये था। इस बार बजट का कुल आकार 808736.06 करोड़ रुपये का है जिसमें 28478.34 करोड़ रुपये नयी योजनाओं के लिए प्रस्तावित हैं। वित्त मंत्री ने बताया कि राज्य वस्तु एवं सेवा कर (एसजीएसटी) व वैट से 130425 करोड़ रुपये के संग्रह का लक्ष्य निर्धारित किया गया।

पिछले बजट में एसजीएसटी एवं वैट से 156981.89 करोड़ रुपये प्राप्ति का लक्ष्य रखा गया था। आबकारी शुल्क से मिलने वाले राजस्व का लक्ष्य 63000 करोड़ रुपये रखा गया जबकि पिछले बजट में यह 58307.56 करोड़ रुपये रखा गया था। बजट में स्टांप एवं पंजीयन शुल्क से 38150 करोड़ रुपये राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य रखा है जोकि पिछले साल 35651 करोड़ रुपये था वहीं वाहन कर से 14000 करोड़ रुपये के राजस्व मिलने का लक्ष्य रखा गया है जो पिछले बजट में 12504.73 करोड़ रुपये था।

वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि कुल प्राप्तियां 779242.65 करोड़ रुपये अनुमानित हैं। इसमें 662690.93 करोड़ रुपये की राजस्व प्राप्तियां व 116551.72 करोड़ रुपये की पूंजीगत प्राप्तियां शामिल हैं। राजकोषीय घाटा 91399.80 करोड़ अनुमानित है जो सकल राज्य घरेलू उत्पाद (एसजीडीपी) का 2.97 फीसदी है। पिछले वर्ष के बजट में राजकोषीय घाटा 74147.07 करोड़ रुपये होने का अनुमान था जो जीएसडीपी का 3.46 फीसदी था।

वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में चार एक्सप्रेस वे के लिए 1511 करोड़ रुपये, धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 480 करोड़, किसानों को गन्ना मूल्य भुगतान के लिए 475 करोड़ रुपये, पूर्वांचल के पिछड़ेपन को दूर करने के लिए 575 करोड़ रुपये और बुंदेलखंड के लिए 425 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

वाराणसी, अलीगढ़ व श्रावस्ती एयरपोर्ट के विस्तार का एलान किया गया है जबकि ललितपुर में हवाई पट्टे को एयरपोर्ट के तौर पर विकसित करने का फैसला लिया गया है। प्रदेश में प्रतिभाशाली छात्रों को स्कूटी देने का एलान किया गया है। कालेज जाने वाली प्रतिभाशाली छात्राओं को स्कूटी दिए जाने के लिए बजट में 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास पर जोर-

बजट में आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे से गंगा एक्सप्रेस वे को जोड़ने के लिए हरदोई जिसे के कौशिया से फर्रुखाबाद तक बनाए जाने वाले ग्रीनफील्ड एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेस वे के लिए 900 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव है। वहीं विंध्य व बुंदेलखंड-रींवा एक्सप्रेस वे के लिए 50-50 करोड़ रुपये देने का प्रस्ताव है। गंगा एक्सप्रेस वे के विस्तारीकरण के साथ मेरठ को हरिद्वार से जोड़ने के लिए 50 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

बुंदेलखंड एक्सप्रेस वे के साथ ही डिफेंस इंडस्ट्रियल कारीडोर परियोजना के ले बजट में 461 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। लखनऊ-हरदोई सीमा पर बन रहे टेक्सटाइल पार्क के लिए 300 करोड़ रुपये दिए गए हैं। वहीं गारमेंट पालिसी के कार्यान्वन के लिए 150 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पावरलूम बुनकरों को रियायती दर पर बिजली उपलब्ध कराने के लिए 400 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

इस बार के बजट में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में 225 करोड़ तो युवा उद्यमी विकास अभियान के लिए 1000 करोड़ रूपयों का आवंटन किया गया है। खाद्य प्रसंस्करण नीति के तहत उद्यम लगाने वालों को प्रोत्साहन देने के लिए 300 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गयी है।

राजमार्गों व ग्रामीण सड़कों के लिए आवंटन-

वित्त वर्ष 2025-26 के बजट में प्रदेश के राजमाग्रों से लेकर ग्रामीण सड़कों के निर्माण और अनुरक्षण पर विशेष जोर दिया गया है। राज्य सड़क निधि से सड़कों के अनुरक्षण के लिए 3000 करोड़ तो निर्माण के लिए 2800 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। कृषि विपणन हेतु ग्रामीण सेतुओं के निर्माण के लिए 1600 करोड़ रुपये दिए गए हैं वहीं ग्रामीण मार्गों एवं पुलियों के अनुरक्षण के लिए 2700 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

शहरों में बाईपास, रिंग रोडों व चौराहों पर फ्लाईओवर बनाने के लिए बजट में 1200 करोड़ रुपये दिए गए हैं। राज्य के राजमार्गों के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए बजट में 2900 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। रेलवे उपरिगामी सेतुओं व अधोगामी मार्गों के निर्माण के लिए 1450 करोड़ रुपये बजट में दिए गए हैं।

औद्योगिक एवं लॉजिस्टिक पार्कों तक पहुंचने के लिए मार्गों के चौड़ीकरण व सुदृढ़ीकरण के लिए बजट में 800 करोड़ रुपये दिए जाने का प्रस्ताव है। नार्थ-साउथ कारीडोर के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।

कृषि क्षेत्र का भी रखा ख्याल—

इस बार के बजट में जहां गन्ना किसानों को भुगतान के लिए 475 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है वहीं पिपराइच चीनी मिल में डिस्टिलरी की स्थापना के लिए 90 करोड़ रुपये तो छाता में बंद पड़ी चीनी मिल की जगह 2000 टीसीडी क्षमता की नयी मिल व लॉजिस्टिक हब की स्थापना के लिए 50 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। माइक्रो इरिगेशन के लिए 720 करोड़ रुपये तो बागवानी मिशन के लिए 650 करोड़ रुपये का आवंटन बजट में किया गया है।

पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को सोलर पंप स्थापित करने मे मदद के लिए 509 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। विश्व बैंक की मदद से चल रही यूपी एग्रीज परियोजना के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गयी है। प्राकृतिक खेती के लिए 124 करोड़ रुपये और सीड पार्क परियोजना के लिए 251 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गयी है।

कुशीनगर जिले में महात्मा बुद्ध कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना का एलान करते हुए इसके लिए 100 करोड़ का आवंटन बजट में किया गया है। आवारा पशुओं के रख-रखाव के लिए 2000 करोड़ का आवंटन करते हुए इन पशुओं की जियो-टैगिंग कराने का भी एलान किया गया है।

पर्यटन विकास व धार्मिक पर्यटन पर जोर—

प्रदेश में आने वाले पर्यटकों की तादाद में हुयी भारी वृद्धि से उत्साहित प्रदेश सरकार ने अपने बजट में इसका खास जिक्र किया है। वित्त मंत्री ने बताया कि विर्ष 2024 में जनवरी से दिसंबर तक प्रदेश में 65 करोड़ पर्यटक आए जिनमें 14 लाख विदेशी हैं। बजट में मुख्यमंत्री पर्यटन स्थल विकास योजना के लिए 400 करोड़ दिए गए हैं।

अयोध्या में पर्यटन अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए 150 करोड़ रुपये, मथुरा में 125 करोड़ तो नैमिषारण्य के लिए 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था बजट में की गयी है। प्रदेश से गुजरने वाले राष्ट्रीय व राज्य के राजमार्गों पर पर्यटकों के लिए वे-साइड एमिनिटीज के विकास के लिए बजट में 100 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। चित्रकूट में पर्यटन सुविधाओं के विकास के लिए 50 करोड़ रुपये दिए गए हैं।

मथुरा में बांके बिहारी मंदिर कारीडोर के निर्माण व जमीन की व्यवस्था करने के लिए 150 करोड़ रुपये प्रस्तावित किए गए हैं। विंध्याचल में जन सुविधाओं के विकास व जमीन की व्यवस्था करने के लिए 200 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है। संरक्षित मंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए 30 करोड़ रुपये दिए गए हैं। सीतापुर के नैमिष में वेद विज्ञान केंद्र की स्थापना के 100 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गयी है।

First Published - February 20, 2025 | 7:39 PM IST

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