facebookmetapixel
तीसरी तिमाही में भारत में वेंचर फंडिंग धीमी रही, 120 अरब डॉलर पर पहुंचीभारत में केवल 1.8% निवेशक ही इक्विटी डेरिवेटिव्स में सक्रिय, ज्यादातर केवल कैश सेगमेंट में लेते हैं भागInfosys ने ₹18,000 करोड़ के बायबैक की घोषणा की, छोटे और MF निवेशकों को मिलेगा बड़ा फायदाWazirX 24 अक्टूबर से फिर से शुरू करेगा ट्रेडिंग, पहले 30 दिनों तक यूजर्स से नहीं लेगा कोई फीसQ2 में बड़े बैंकों की कॉरपोरेट लोन बुक में जबरदस्त उछाल, HDFC-एक्सिस ने दिखाया मजबूत ग्रोथ ट्रेंड‘ओवर द काउंटर’ डेरिवेटिव लेनदेन के लिए 1 अप्रैल 2026 से UTI अनिवार्य, भारतीय रिजर्व बैंक का प्रस्तावFY26 में पंजाब नैशनल बैंक का 4 लाख करोड़ रुपये कॉरपोरेट ऋण बुक हासिल करने का लक्ष्य: अशोक चंद्रासरकारी प्रतिभूतियों और विदेशी मुद्रा लेन-देन में लगातार बढ़ोतरी, रुपये डेरिवेटिव्स और CCIL ने भी तोड़ा रिकॉर्डडिजिटल भुगतान में UPI का दबदबा जारी, 2025 की पहली छमाही में 85% हुआ लेनदेनवैल्यू और कॉन्ट्रा फंड्स में पांच साल के लिए करें निवेश, सितंबर में इनफ्लो 84.7% बढ़ा

प्रत्येक Tiger की मौत की जांच कर रहे हैं : केंद्रीय मंत्री

Last Updated- February 16, 2023 | 11:59 PM IST
Tiger

केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय 26 बाघों की मौत की जांच कर रहे हैं, जो इस साल महज एक महीने के भीतर मारे गए थे।

जांच के बारे में पूछे जाने पर केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने बिज़नेस स्टैंडर्ड से कहा, ‘मंत्रालय मामले को गंभीरता से ले रहा है और बाघ की मौत से निपटने के लिए आवश्यक मानक संचालन प्रक्रिया का पालन कर रहा है।’

देश में 1 जनवरी से 11 फरवरी के बीच कुल 26 बाघों की मौत हुई, जो पिछले तीन वर्षों में साल की शुरुआत में बाघों की मौत का सबसे बड़ा आंकड़ा है।

प्रोजेक्ट टाइगर के अपर महानिदेशक एसपी यादव ने कहा कि सिद्ध नहीं होने तक हर बाघ की मौत को अवैध शिकार माना जाता है। उन्होंने कहा, ‘भारत के वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के उपयुक्त प्रावधानों के तहत इस संबंध में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) द्वारा जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के अनुसार सभी बाघों की मौत का पता लगाया जा रहा है। क्षेत्रीय निदेशक मौत के कारणों का पता लगाने के लिए मामले की जांच कर रहे हैं।’

बाघों के संरक्षण के लिए शीर्ष निकाय राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) से बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वर्ष की इसी अवधि में 18 बाघों की मौत हुई थी, जबकि 2021 में इसी अवधि में 21 बाघों की मौत हुई थी।

इस वर्ष सबसे अधिक मौतें मध्य प्रदेश (9) में हुईं। इसके बाद महाराष्ट्र (7), राजस्थान (3), कर्नाटक (2), उत्तराखंड (2) और असम, बिहार और केरल में एक-एक मौत हुई।

First Published - February 16, 2023 | 11:44 PM IST

संबंधित पोस्ट