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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय का दावा, बंगाल ने NHM लागू करने के लिए नहीं किया समझौते का पालन

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में एनएचएम में राज्य की हिस्सेदारी कायम रखने के लिए हस्तक्षेप की मांग की थी।

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संकेत कौल   
Last Updated- December 03, 2023 | 9:47 PM IST

स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय ने दावा किया कि पश्चिम बंगाल सरकार ने राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) लागू करने के लिए किए गए समझौता पत्र के उपबंधों का पालन नहीं किया। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मांग के बाद मंत्रालय ने यह दावा किया है। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में एनएचएम में राज्य की हिस्सेदारी कायम रखने के लिए हस्तक्षेप की मांग की थी।

स्वास्थ्य मंत्रालय की रविवार को जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक पश्चिम बंगाल सरकार ने कई बैठकों और याद दिलाए जाने के बावजूद आयुष्मान भारत – स्वास्थ्य व देखभाल केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) के ब्रांडिंग दिशानिर्देशों का पालन नहीं किया है। इसके परिणामस्वरूप कोष को रोका गया है। एबी-एचडब्ल्यूसी के ब्रांडिंग दिशानिर्देश मई, 2018 में जारी किए गए थे। हालांकि पश्चिम बंगाल राज्य में एचडब्ल्यूसी की इमारतों और शीर्षक की भाषा का रंग नीला और सफेद हैं। एबी-एचडब्ल्यूसी को क्षेत्रीय भाषा और अंग्रेजी भाषा में ‘हेल्थ व वेलनस सेंटर’ लिखा गया है।

भारत सरकार और पश्चिम बंगाल के बीच एनएचएम लागू करने के दौरान समझौता पत्र पर हस्ताक्षर हुए थे। इसके अनुसार राज्य इस मिशन और समय-समय पर स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय के अन्य दिशानिर्देशों के उपबंधों को लागू करना सुनिश्चित करेगा। स्वास्थ्य मंत्रालय ने दावा किया कि राज्य सरकार को कई पत्र जारी किए गए लेकिन राज्य सरकार ने किसी भी परामर्श व कार्यक्रम में हिस्सा नहीं लिया।

प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, ‘राज्य सरकार ने भारत सरकार के कार्यक्रम विकसित भारत संकल्प यात्रा में भी हिस्सा नहीं लिया। इसने आयुष्मान भारत की कुछ गतिविधियों में हिस्सा लिया था। भारत के राष्ट्रपति ने इस अभियान का शुभारंभ किया था। इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य शिविर भी नहीं लगाए गए हैं।’

First Published : December 3, 2023 | 9:47 PM IST