Tirupati laddu controversy: ए आर डेयरी फूड पहले लिक्विड ऑक्सीजन बनाने के लिए शुरू हुआ था और 90 के दशक के मध्य में डेयरी उत्पादन में बदल गया। अब 2024 में, डिंडीगुल स्थित वही कंपनी- एआर डेयरी फूड आंध्र प्रदेश में राजनीतिक विवादों से घिरी है। तमिलनाडु की यह कंपनी तिरुपति तिरुमला देवस्थानम्स (TTD) के लड्डू बनाने की प्रक्रिया में कथित तौर पर जानवरों की चर्बी के उपयोग को लेकर जांच के दायरे में है।
सूत्रों के अनुसार, तिरुपति मंदिर को घी की सप्लाई करने वाली ए आर डेयरी फूड पहले ही केंद्रीय खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण (Central Food Safety Authority) की जांच के अधीन है।
हालांकि, कंपनी के एक सीनियर अधिकारी ने बिजनेस स्टैंडर्ड से कहा कि उनका घी ‘गड़बड़ नहीं है।’ अधिकारी ने यह भी बताया कि कंपनी के प्रतिनिधि चेन्नई में खाद्य सुरक्षा प्राधिकरण के अधिकारियों से मिलने गए हैं, और उनका घी पूरी तरह से सुरक्षित है।
राज्य खाद्य सुरक्षा विभाग के एक अधिकारी ने कहा कि यह मामला भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अधिकार क्षेत्र में आता है और वह इस संबंध में जरूरी कदम उठा सकता है।
कंपनी की शुरुआत 1995 में सरयू क्रायोजेनिक्स के रूप में लिक्विड ऑक्सीजन को बनाने के लिए हुई थी, लेकिन बाजार में अस्थिरता के कारण 1998 में इसका नाम बदलकर ए आर डेयरी कर दिया गया और डेयरी उत्पादों के निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कंपनी के डायरेक्टर्स में राजशेखरन आर, सुरिया प्रभा आर और श्रीनिवासन एसआर शामिल हैं। दिलचस्प बात यह है कि एआर डेयरी के प्रबंध निदेशक (MD) राजशेखरन तमिलनाडु डेयरी एसोसिएशन के महासचिव (secretary) और तमिलनाडु पैकेज्ड ड्रिंकिंग वॉटर मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष (president) भी हैं।
ICRA की एक रिपोर्ट के अनुसार, ए आर डेयरी मुख्य रूप से दूध और दूध उत्पादों जैसे दूध पाउडर, मक्खन, घी, दही, छाछ, फ्लेवर्ड दूध और पैकेज्ड पेयजल की मैन्युफैक्चरिंग और मार्केटिंग करती है। कंपनी के दूध और फ्लेवर्ड दूध को ‘राज’ और ‘मिल्की चॉइस’ ब्रांड नामों के तहत बेचा जाता है, जबकि पैकेज्ड पानी ‘राज’ और ‘मानुस’ ब्रांड नामों से बेचा जाता है। कंपनी की मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट तमिलनाडु के डिंडीगुल में स्थित है, और इसकी स्थापित क्षमता 2.0 लाख लीटर प्रति दिन (LLPD) है।
टॉफलर के मुताबिक, 2022-23 में इसका रेवेन्यू 100-500 करोड़ रुपये के बीच था। दूसरी ओर, इस अवधि के दौरान इसकी नेटवर्थ में 0.62 प्रतिशत, एबिटा (EBITDA) में 21.19 प्रतिशत और कुल संपत्ति (A R Dairy total assets) में 4.34 प्रतिशत की गिरावट आई। 2022-23 में इसकी देनदारियों में भी 0.02 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।
यह विवाद तब सामने आया जब तेलुगू देशम पार्टी (TDP) ने एक लैब रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें कथित तौर पर घी में जानवरों की चर्बी होने का दावा किया गया था। यह घी तिरुपति लड्डू बनाने के लिए सप्लाई किया गया था, जो तिरुमला के भगवान वेंकटेश्वर मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में दिया जाता है। कंपनी ने सार्वजनिक रूप से बताया कि उसने जून और जुलाई में घी की सप्लाई की थी और अब वह सप्लायर नहीं है।