Maha Kumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचने वालों की तादाद 50 करोड़ के पार हो गई है। शुक्रवार को महाकुंभ का 33 वां दिन था और अब तक संगम पर डुबकी लगाने वालों की संख्या 50 करोड़ से अधिक हो चुकी है। महाकुंभ का औपचारिक समापन 12 दिन बाद महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को होगा।
इससे पहले बुधवार को माघी पूर्णिमा का स्नान निपटने के बाद महाकुंभ में भीड़ कम होने के अनुमान लगाया जा रहा था। हालांकि शुक्रवार को एक बार फिर प्रयागराज की सड़कें व गलियां श्रद्धालुओं से ठसाठस भरी नजर आयीं और कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया। शहर में नैनी ब्रिज पर शुक्रवार को डेढ़ किलोमीटर लंबा जाम लगा हुआ था। वहीं लखनऊ से प्रयागराज जाने वाली सड़क पर भी जाम लगा हुआ था। माना जा रहा है कि वीकेंड होने के चलते शनिवार और रविवार को महाकुंभ पहुंचने वालों की तादाद और भी ज्यादा रहेगी।
गौरतलब है कि माघी पूर्णिमा के स्नान के बाद संगम क्षेत्र में निवास कर रहे लाखों कल्पवासी अपने घरों को लौट जाते हैं, जबकि बसंत पंचमी के दिन से ही संन्यासी अखाड़ों का लौटना शुरू हो जाता है। इस बार व्यापक प्रचार के चलते माघी पूर्णिमा के स्नान के बाद भी महाकुंभ में आने वालों का तांता नहीं टूट रहा है। अधिकारियों ने बताया कि बाहर के प्रदेशों से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या अब भी काफी है और प्रयागराज शहर में होटल, गेस्ट हाउस व होम स्टे अगले 15 दिनों तक के लिए फूल हैं।
प्रदेश सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि भीड़ के मामले में इस बार के महाकुंभ ने विश्व रिकॉर्ड बना दिया है। इस बार के महाकुंभ में सबसे ज्यादा 7.64 करोड़ लोग 29 जनवरी को मौनी अमावस्या के दिन पहुंचे थे जबकि 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन ये संख्या 3.50 करोड़ रही थी। बसंत पंचमी के स्नान पर 3 फरवरी को 2.57 करोड़ और 12 फरवरी को माघ पूर्णिमा के दिन दो करोड़ श्रद्धालु महाकुंभ में पहुंचे थे।
वहीं प्रयागराज महाकुंभ में स्नान करने के बाद श्रद्धालुओं की भीड़ वाराणसी और अयोध्या की ओर रुख कर रही है। वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर में बीते 33 दिनों में भारी तादाद में लोग पहुंचे हैं। इस समय भी वाराणसी में करीब 30 लाख श्रद्धालुओं की भीड़ जमा है। बीते एक सप्ताह से काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन करने के लिए पांच किमी लंबी कतार लग रही है। अयोध्या में भी राम मंदिर व हनुमान गढ़ी पर दर्शन करने वालों की लाइन कई किलोमीटर लंबी हो रही है।