लद्दाख के मशहूर एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को लेह पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया। उन पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) लगाया गया है। यह कार्रवाई वहां की हिंसक झड़पों के कुछ दिन बाद हुई। इन झड़पों में चार लोग मारे गए और 90 से ज्यादा घायल हो गए। पुलिस का कहना है कि वांगचुक ने अपनी भूख हड़ताल के दौरान भड़काऊ बातें कहीं, जिससे लोग उकसाए गए।
वांगचुक लद्दाख को छठी अनुसूची में शामिल करने और पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग कर रहे थे। उन्होंने लेह एपेक्स बॉडी (LAB) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (KDA) के साथ मिलकर यह प्रदर्शन शुरू किया। भूख हड़ताल 10 सितंबर 2025 को शुरू हुई थी। 15 दिन बाद 24 सितंबर को उन्होंने इसे खत्म कर दिया। वजह बताई कि हिंसा बढ़ रही है, जिससे चिंता हो रही है।
वांगचुक ने इन आरोपों से साफ इनकार किया है। उन्होंने कहा कि उनके बयान सिर्फ मांगों को मजबूत करने के लिए थे। वे एएनआई से बात करते हुए बोले कि आंदोलन को राजनीति से दूर रखने के लिए कांग्रेस को एपेक्स बॉडी से कुछ हफ्ते पहले हटा दिया गया। चुनाव खत्म होने तक कांग्रेस को दूर रहने को कहा गया। इसलिए इस प्रदर्शन का कांग्रेस से कोई लेना-देना नहीं है।
केंद्र सरकार ने भी इस पर प्रतिक्रिया दी। बुधवार को गृह मंत्रालय ने एक बयान जारी किया। इसमें वांगचुक को भड़काऊ भाषणों के लिए जिम्मेदार ठहराया गया। मंत्रालय ने कहा कि वांगचुक ने अरब स्प्रिंग जैसे प्रदर्शनों और नेपाल में जेन Z के विरोध का जिक्र किया, जिससे भीड़ उकसाई गई।
मंत्रालय ने यह भी बताया कि सरकार इस मुद्दे पर लगातार बात कर रही है। LAB और KDA के साथ कई बैठकें हुईं। हाई-पावर कमिटी और सब-कमिटी के जरिए औपचारिक चर्चा चली। साथ ही कई अनौपचारिक मीटिंग भी की गईं। सरकार का कहना है कि लद्दाख को छठी अनुसूची और राज्य का दर्जा देने की मांग पर काम चल रहा है।
Also Read: लद्दाख में हिंसक हुआ विरोध, 4 लोगों की मौत, 30 घायल; सोनम वांगचुक ने जताया दुख
एक दिन पहले गृह मंत्रालय ने वांगचुक द्वारा स्थापित संस्था स्टूडेंट्स एजुकेशनल एंड कल्चरल मूवमेंट ऑफ लद्दाख (सेकमोल) का Foreign Contribution (Regulation) Act (FCRA) लाइसेंस रद्द कर दिया था। मंत्रालय ने कहा कि संगठन के खातों में कई गड़बड़ियां पाई गईं, जिनमें स्वीडन से आया एक फंड ट्रांसफर भी शामिल था, जिसे “राष्ट्रीय हित” के खिलाफ बताया गया।
इस प्रदर्शन से राजनीति में भी हंगामा मच गया। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने कांग्रेस के एक काउंसलर पर उंगली उठाई। नाम है फुंटसोग स्टैनजिन त्सेपाग, जो अपर लेह वार्ड से हैं। बीजेपी का आरोप है कि उन्होंने हिंसा भड़काई। कहा जा रहा है कि वे हथियार लेकर प्रदर्शन में शामिल थे। भीड़ का नेतृत्व किया और बीजेपी ऑफिस के साथ सरकारी संपत्ति पर हमला करवाया।
बीजेपी नेता अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर यह बात कही। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस काउंसलर ने प्रदर्शनकारियों को उकसाया, जिससे लेह में बीजेपी ऑफिस पर हमला हुआ। लेकिन कांग्रेस ने इन आरोपों को झूठा बताया। उन्होंने मौतों और हिंसा की न्यायिक जांच की मांग की। कांग्रेस का कहना है कि सच्चाई सामने आनी चाहिए कि असली जिम्मेदार कौन है।
वांगचुक ने भी साफ किया कि कांग्रेस का हाल के प्रदर्शनों से कोई संबंध नहीं। उन्होंने कहा कि एपेक्स बॉडी को अपोलिटिकल रखने के लिए कांग्रेस को बाहर किया गया। आंदोलन सिर्फ लद्दाख की मांगों के लिए है। अब देखना है कि यह मामला आगे कैसे बढ़ता है।