महंगाई को काबू में करने के लिए जूझ रही सरकार के लिए राहत की खबर है कि इस साल मॉनसून सामान्य रहेगा। मौसम का पूर्वानुमान लगाने वाली निजी एजेंसी स्काईमेट ने मॉनसून सामान्य रहने का अपना अनुमान आज जारी किय। इससे सरकार को महंगाई पर अंकुश लगाने में मदद मिल सकती है। मगर बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्यों में जुलाई और अगस्त में बारिश कम रह सकती है, जो चिंता की बात है।
एजेंसी ने दक्षिण-पश्चिम मॉनसून दीर्घावधि औसत (एलपीए) का 102 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है, जिसमें 5 फीसदी की कमीबेशी हो सकती है। भारत में जून से सितंबर की बारिश का दीर्घावधि औसत करीब 87 सेंटीमीटर है। अगर बारिश इसकी 96 से 104 फीसदी रहती है तो उसे सामान्य माना जाता है। मौसम विभाग 2024 में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के लिए अपना पहला अनुमान अगले कुछ हफ्तों में जारी कर सकता है।
एजेंसी ने कुछ देर पहले जारी बयान में कहा, ‘12 जनवरी 2024 को अपने पहले अनुमान में स्काईमेट ने इस साल मॉनसून सामान्य रहने की बात कही थी और अब भी हम इसी बात पर कायम हैं।’
स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह ने कहा, ‘अल नीनो तेजी से ला नीना में बदल रहा है। ला नीना वाले साल में मॉनसून ज्यादा फैलता है। जब भी सुपर अल नीनो मजबूत ला नीना में बदला है तब मॉनसून अच्छा रहा है। मगर अल नीनो के असर के कारण मॉनसून की शुरुआत कमजोर रह सकती है। मगर उसके दूसरे हिस्से में पहले के मुकाबले अधिक बारिश होगी।’
एजेंसी ने कहा कि भारत में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून पर हिंद महासागर डाईपोल का भी असर पड़ता है, जो इस साल सकारात्मक रहने की उम्मीद है और जिससे 2024 में मॉनसून सामान्य रहने में मदद मिलेगी।
स्काईमेट ने कहा, ‘इस सीजन में सकारात्मक हिंद महासागर डाईपोल और ला नीना के कारण बेहतर मॉनसून की संभावना होगी। पूरे मॉनसून सीजन के दौरान विभिन्न जगहों पर पर्याप्त बारिश होने की संभावना है।’
स्काईमेट ने कहा कि उसे दक्षिण, पश्चिम और पश्चिमोत्तर क्षेत्र में पर्याप्त बारिश की उम्मीद है। महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के मॉनसूनी बारिश के सहारे रहने वाले मुख्य इलाकों में भी पर्याप्त वर्षा होगी। मगर जुलाई और अगस्त में जब मॉनसून चरम पर होता है तब बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल जैसे पूर्वी राज्यों में बारिश कम रहने की आशंका है।
पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून के पहले चरण में बारिश कम रहने का खटका जताया गया है। स्काईमेट ने जून में देश भर में करीब 45 फीसदी मॉनसूनी बारिश सामान्य रहने की संभावना जताई है और 25 फीसदी संभावना सामान्य से कम बारिश या कम बारिश की है। कुल 87 सेंटीमीटर में से करीब 16.53 सेंटीमीटर बारिश जून में होती है।
स्काईमेट के अनुसार जुलाई में दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य रहने की 60 फीसदी संभावना है। जुलाई में करीब 28 सेंटीमीटर बारिश होती है। एजेंसी ने अगस्त में 50 फीसदी दक्षिण-पश्चिम मॉनसून सामान्य रहने और 20 फीसदी सामान्य से बेहतर रहने की संभावना जताई है। अगस्त में 25.4 सेंटीमीटर बारिश होती है। जुलाई और अगस्त दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के सबसे अहम महीने होते हैं क्योंकि चार महीनों में से सबसे ज्यादा बारिश इन्हीं में होती है।