मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने शुक्रवार को कहा कि आगामी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (GIS) में सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र निवेशकों के आकर्षण का केंद्र रहने वाला है। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्य प्रदेश सरकार ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट से ऐन पहले ‘मध्य प्रदेश सेमीकंडक्टर पॉलिसी 2025’ को मंजूरी प्रदान की है। इसे 24-25 फरवरी होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में पेश किया जाएगा। यादव ने शुक्रवार को कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में शामिल होने वाले संभावित निवेशकों के बीच इस सेक्टर को लेकर उत्साह और रुचि देखी जा रही है, ऐसे में उम्मीद है कि इस क्षेत्र में बढ़चढ़कर निवेश आएगा।
यादव ने कहा कि इस पॉलिसी की मदद से राज्य में इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्टर विनिर्माण केंद्र स्थापित करने में मदद मिलेगी। इस नीति के तहत सरकार ने इस क्षेत्र में निवेश करने वाले उद्योगों को 25 फीसदी सब्सिडी देने की घोषणा की है। साथ ही इन उद्योगों को स्थापना से 10 सालों तक दो रुपये प्रति यूनिट की रियायती बिजली दी जाएगी। सरकार ने इसके लिए अगले पांच सालों में 1010 करोड़ रुपये का बजट तय किया है। गैर सरकारी अनुमोदित परियोजनाओं को 40 प्रतिशत या अधिकतम 150 करोड़ रुपये तक का पूंजी अनुदान प्रदान किया जाएगा। नई नीति में पीपीपी मोड को बढ़ावा दिया जाएगा।
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव संजय दुबे ने बताया कि सेमीकंडक्टर क्षेत्र की कंपनियों को जमीन का आवंटन 2023 की निवेश प्रोत्साहन नीति के अनुसार ही किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर कोई कंपनी 400 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश करती है तो उसे अलग से अधोसंरचना सहयोग, कर रियायत तथा अतिरिक्त वित्तीय मदद प्रदान की जा सकती है।
अधिकारियों का अनुमान है कि अगले पांच सालों में सेमीकंडक्टर क्षेत्र में 2,700 करोड़ रुपये का निवेश आ सकता है और इससे करीब 3,800 करोड़ रुपये का निर्यात तैयार हो सकता है।