रियासी हमले में जीवित बचे लोगों ने सोमवार को अपने भयानक अनुभवों को बताया। उन्होंने बताया कि कैसे आतंकवादियों ने उनकी बस को गहरी खाई में गिराने के बाद भी गोलियां चलानी जारी रखीं, जिससे बचने के लिए उन्हें मरे होने का नाटक करना पड़ा।
जम्मू और कश्मीर के शिव खोरी से वैष्णो देवी जाते समय हिंदू तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस को निशाना बनाया गया था। आतंकवादियों ने कई तरफ से अंधाधुंध गोलियां चलाकर डर का माहौल बना दिया गया। इस हमले में 9 लोगों की दुखद मौत हो गई और 33 अन्य घायल हो गए।
बाल-बाल बचे लोगों ने उस भयानक घटना को याद करते हुए बताया कि जब गोलियों की बौछारबस पर हो रही थी, जो उन्हें लगा कि जैसे वे स्वर्ग में चले गए हों। एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ये हमला करीब 20 मिनट तक चला।
एक जीवित बचे व्यक्ति ने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, “मैं माता वैष्णो देवी के दर्शन कर के शिव खोड़ी गया था। वहां से वापस आते समय, 4-5 किलोमीटर चलने के बाद, हमारी बस पर गोलियां चलनी शुरू हो गईं। गोलीबारी तब भी नहीं रुकी जब हमारी बस खाई में गिर गई। ड्राइवर को गोली लगी और फिर कुछ लोग भी गोलीबारी में घायल हो गए।”
इसी तरह की बातें दोहराते हुए, एक अन्य जीवित बचे व्यक्ति ने कहा कि भले ही गाड़ी चलने लायक नहीं रह गई थी, हमलावरों ने कोई दया नहीं दिखाई। “मैं शिव खोड़ी के दर्शन के लिए गया था। वापस आते समय कुछ लोगों ने हमारी बस पर गोलियां चला दीं। बाद में, बस एक खाई में गिर गई। इस घटना में कई लोग घायल हो गए। बस गिरने के बाद भी गोलियां नहीं रुकीं। मुझे लगता है वहां 2-3 आतंकी थे। मेरे बेटे ने एक आदमी को पीछे से हमारी बस पर गोलियां चलाते हुए देखा।”
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया गया कि कैसे 6 से 7 की संख्या में आतंकवादियों ने सड़क के दोनों तरफ से अंधाधुंध गोलियां चलाईं। जैसे ही बस खाई में गिरी, पीड़ितों ने एक चाल चली, आतंकवादियों को यह विश्वास दिलाने के लिए कि वे मारे गए हैं, उन्होंने पूरी तरह से चुप्पी साध ली।
इस कायरतापूर्ण हमले के बाद, जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों ने एक व्यापक ऑपरेशन cordon-and-search operation शुरू कर दिया है, वे इस जघन्य हमले में शामिल आतंकवादियों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।